बड़ों को सीखनी चाहिए बच्चों से ये 5 बातें, बनाती हैं जीवन को बेहतर

सिर्फ पैरंट्स ही नहीं बल्कि कोई भी बड़ा व्यक्ति अक्सर अपने से छोटे खासतौर पर बच्चों को कुछ न कुछ सिखाते और पढ़ाते नजर आते हैं।लेकिन कई ऐसे कई गुण भी होते हैं, जो बड़े भी बच्चों से सीख सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल व बेहतर बना सकते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जिन्हें बड़ों को बच्चों से सीखना चाहिए ताकि वह बच्चों की तरह तनाव व टेंशन से दूर रहे सकें।

सभी को प्यार करना

बच्चों को भेदभाव करना नहीं आता। खासतौर पर जब बात प्यार की आती है तो बच्चों का प्यार सबसे प्योर होता है क्योंकि वे सभी को एक समान रूप से प्यार करते हैं और उन्हें सिर्फ खुशियां फैलाना आता है। फिर चाहे अपनी उम्र का बच्चा हो, खुद से छोटा बच्चा हो, कोई बुजुर्ग हो, अपने पैरंट्स हों या फिर पड़ोस वाले अंकल।बच्चे सभी को एक समान प्यार करते हैं।

नकल करना सीखें

बच्चें को हम जब चिढाते है तो वह भी वैसे ही करने लगते है। उन्हें किसी बात की चिंता नही होती है कि हम क्या कर रहे है। इससे इनका दिमाग भी तेज होता है, क्योंकि वह इस चीजद को बहुत ही ध्यान से देखते है। दूसरें इस बात में क्या बोलेगें। उसी तरह हमें भी करना चाहिए। इससे हमारा दिमाग भा तेज होगा। साथ ही अच्छा लगेगा।

मनचाही चीज करना

बड़े लोगों के साथ हमेशा एक समस्या देखने को मिलती है कि वह किसी भी काम को मर्जी से नहीं, बल्कि मजबूरी से करते हैं। वहीं बच्चे हमेशा मस्ती करने और सक्रिय रहने के नए तरीके खोज लेते हैं। वह उन चीजों को ही करते हैं जो उन्हें पसंद है और शायद इसलिए वह उस कार्य को कुछ अलग से करने की क्षमता रखते हैं। जबकि व्यस्क अक्सर अपनी मजबूरियों में ही उलझे रहते हैं और इसलिए तनाव हमेशा उनकी जिंदगी में पसरा रहता है। बड़ों को भी बच्चों से मनचाही चीजें करना सीखना चाहिए।

जो दिल में हो उसे कह देना

बच्चे अपनी भावनाओं को छिपा नहीं पाते। बच्चे बेहद मासूम होते हैं इसलिए जो उनके मन में होता है वे बोल देते हैं। छोटी-छोटी बातों को बढ़ा चढ़ाकर बताना या बातों को छिपाकर रखना बच्चों को नहीं आता। जो भी बच्चों के दिमाग में चल रहा होता है वह किसी न किसी रूप में बाहर आ ही जाता है।

माफ करना सीखें

बच्चें हर चीज हर बात को आसानी से भूल जाते है और हर भूल को माफ कर देते है। लेकिन हम लोग किसी बात को जल्दी भूल नही पाते है। हर बात करते हुए कुढ़ते रहते है। इसलिए हमें एक बच्चें की तरह बनना चाहिए। जिससे कि आप हर सभी को माफ कर सकें। और जिंदगी का मजा ले सके