हर व्यक्ति के जीवन मे अलग-अलग पडाव आते हैं और सभी का अपना महत्व होता हैं। जीवन के हर पडाव पर कई बदलाव आते हैं, खासकर टीनएज अवस्था में इन बदलाव का असर ज्यादा होता हैं। टीनएज अवस्था में बच्चों का स्वभाव थोडा चिडचिडा और गुस्सैल हो जाता हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी अबनति हैं कि किस तरह से उन्हें समझाया जाए और सही-गलत की परख करना सिखाया जाए। आज हम आप पेरेंट्स के लिए टीनएज बच्चों में होने वाले बदलाव और उससे निकलने के टिप्स लेकर आए हैं।
* बढ़ जाती हैं बच्चों की मनमानी
बच्चों की बढती उम्र में हर माता-पिता की यह शिकायत होता हैं को वे उनकी बात नहीं सुनते। पेरेंट्स इस बात के लिए उन्हें बार-बार रोकते-टोकते हैं। इस स्थिति में बच्चों के साथ मां-बाप का व्यवहार बहुत सुलझा हुआ होना जरूरी है। इसके पीछे की वजह यह हो सकती है कि न तो उनकी गिनती बड़ो में होती है और न बच्चों में। वह अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। हर फैसला अपने दम पर करने की सोच रखने लगते हैं। वहीं, पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि वे उनकी बातों की अनदेखी कर रहे हैं। उम्र के इस नाजुक पड़ाव पर बच्चों की स्थिति को समझने की कोशिश करें। उन्हें छोटे-छोटे कामों के निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें। कुछ बातों में उनकी राय भी जरूर मांगे। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
* बात-बात पर गुस्सा आना
बच्चों को टीनेज की उम्र में बात-बात पर गुस्सा आता है। पेरेट्स इस बात से पूरी तरह से परेशान हो जाते हैं। कई बार तो यह भी समझ नहीं पाते कि इस स्थिति में क्या किया जाए। किसी बात पर खुद ओवररिएक्ट करने की बजाय बच्चे को प्यार से समझाएं। उन्हें किसी फिजीकल एक्टिवीटी की क्लासिस ज्वाइंन करवाएं।
* बढ़ती है लापरवाही का आदत
अपनी चीजों को न संभालना, चीजें इधर-इधर रखकर भूल जाना,छोटे-छोटे कामों को नजरअंदाज करने जैसी लापरवाही मां-बाप को परेशान कर देती है। पेरेंट्स इस सोच में पड़ जाते हैं कि बच्चा कब समझदार बनेगा। इस स्थिति को देखते हुए बच्चे को घर के छोटे-छोटे कामों का जिम्मेदारियां सौंपे। अगर उनसे कोई गलती हो जाए तो उसे नजरअंदाज करें और दोबारा काम करने के लिए प्रेरित करें। तारीफ करने से भी बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ जाता है।