गणगौर स्पेशल : पारंपरिक मिठाई में बनाए शकरपारा #Recipe

आज गणगौर का पावन त्यौंहार है और सभी महिलाएं आज व्रत और पूजा करती हैं। इसी के साथ आज के दिन पारंपरिक मिठाई के तौर पर शकरपारा भी बनाए जाते हैं। आज हम आपके लिए शकरपारा बनाने की Recipe लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इस Recipe के बारे में।

आवश्यक सामग्री

200 ग्राम मैदा
एक कटोरी चीनी
50 ग्राम घी
4-5 इलायची का पाउडर
तलने के लिए डेढ़ कप तेल

बनाने की विधि

- सबसे पहले एक बड़े बाउल या परात में मैदा डालें और इसमें घी का मोयन डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। हथेलियों के बीच में आटे को अच्छी तरह रगड़ कर मिलाएं।
- फिर इसमें थोड़ा-थोड़ा करके पानी डालते जाएं आटा सानते जाएं। आटा न तो ज्यादा सख्त होना चाहिए नहीं ज्यादा मुलायम। शक्करपारे के लिए पूरी बनाने जैसा आटा गूंदना/सानना चाहिए।
- आटा गूंदने के बाद इसे ढककर 10-15 मिनट के रख दें। तय समय बाद आटे को फिर से अच्छे से गूंद लें और दो लोइयों में बांट लें। कड़ाही में तेल डालकर मीडियम आंच में गरम होने के लिए रख दें।
- फिर एक लोई को बेलन से मोटी रोटी के आकार में बेल लीजिए। इस रोटी को चाकू के सहारे मनचाहे शेप के टुकड़े काट लीजिए। इसी तरह दूसरी लोई से छोटे-छोटे टुकड़े काट लें।
- अब एक टुकड़ा कड़ाही में डालकर चेक कर लें कि यह गरम हुआ है या नहीं। अगर टुकड़ा तेल में तुरंत ऊपर की ओर आ जाता है तो इसका मतलब तेल गरम हो चुका है।

- इसके बाद कड़ाही के तेल में थोड़ा-थोड़ा करे मैदे के टुकड़े डालकर चलाते हुए तलें। ध्यान रखें इस दौरान आंच धीमी कर दें। अगर तेज आंच में शक्करपारे तलेंगे तो यह ऊपर से जल जाएंगे लेकिन अंदर से कच्चे रहेंगे।
- अब पैन में चीनी और आधा कप पानी डालकर मीडियम आंच पर चाशनी बनाने के लिए रखें।
- जब तक चाशनी बन रही है बाकि के शक्करपारे भी तल लें। चाशनी को बीच-बीच में चलाते रहें। इसमें इलायची पाउडर डालें।
- 8-10मिनट बाद चाशनी की एक बूंद एक चम्मच में लेकर उंगली अंगूठे के बीच रखकर देखें। अगर यह इसमें मोटी तार बन रही है तो समझिए चाशनी तैयार है।
- अब चाशनी में शक्करपारे डालकर अच्छे से मिलाते जाइए। 1-2 मिनट बाद आंच बंद कर दें और शक्करपारे और चाशनी को चलाते रहें।
- पैन को स्टोव से हटा लें और इसे अच्छी तरह से चलाते हुए ठंडा कर लें। आप पाएंगे कि एक समय के बाद चाशनी ठंडी हो जाएगी शक्करपारों पर इसकी कोटिंग चढ़ जाएगी।
- शक्करपारे रेडी हैं। ठंडा होने के बाद खाएं और खिलाएं।