दीवाली में कुछ ही दिन बचे हैं। दिवाली सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रीति-रिवाज़ों, परंपराओं के तहत मनाये जाने वाला उत्सव है। इस त्यौहार की अपनी अलग ही खासियत होती हैं और इसे मनाने के तरीके भी खास हैं। दिवाली की खास बात है कि इसके मौके पर परिवार के जो सदस्य दूर रहते हैं इस त्यौहार पर वे सभी एक साथ होने की कोशिश करते हैं। इसलिये घर में रौनक लग जाती है। ऐसे में लंबे समय के बाद इकट्ठे हुए परिवार के लिये रसोई में कुछ अलग खुशबू न उठें तो मजा नहीं आता।
हलवा पारंपरिक व्यंजनों में से एक है जो अमूमन हर त्यौहार पर तो बनाया ही जाता है साथ ही अन्य मांगलिक उत्सवों पर भी बनाया जाता है। वर्तमान में हलवा कई किस्म का बनाया जाता है। सूजी के अलावा, सर्दियों में गाजर, बेसन का हलवा ज्यादा बनता है। तो वहीं मूंगदाल का हलवा सदाबहार है। दिवाली के अवसर पर मूंगदाल का हलवा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बनाने का चलन है। तो आइये जानते है कैसे बनाये सदाबहार मूंगदाल का हलवा...
सामाग्रीमूंग की धुली दाल - 1/2 कप (100 ग्राम)
मावा - 1/2 कप (125 ग्राम )
चीनी - 3/4 कप (150 ग्राम)
घी - 1/2 कप (100 ग्राम)
इलाइची - 4 (छील कर पीस लें)
किशमिश - 1 टेबल स्पून
काजू - 20 से 25
बादाम – 7 से 8
पिस्ते -10 से 12
विधि मूंग की दाल को धोकर 2 से 3 घंटे के लिए पानी में भिगो दीजिए। 3 घंटे बाद दाल को धोकर पानी से निकाल लीजिए। इस दाल को मिक्सी में डालकर बिना पानी के हल्का दरदरा पीसकर तैयार कर लीजिए।
दाल पीसने के बाद, पैन गरम कीजिए और 2 से 3 छोटी चम्मच घी प्याली में छोड़कर बाकी घी पैन में डाल दीजिए। घी के पिघलने पर पिसी हुई दाल पैन में डाल दीजिए। दाल को लगातार चलाते हुए मध्यम आंच पर हल्की ब्राउन होने और अच्छी महक आने तक भून लीजिए।
दाल के हल्के ब्राउन रंग के होने और दाल से घी अलग होने पर दाल भुनकर तैयार है, गैस बंद कर दीजिए। इस दाल को भुनने में 15 मिनिट लगे हैं। पैन गरम होने के कारण दाल पैन में लगकर जल ना जाए इसलिए दाल को थोड़ी देर चलाते रहिए।
मावा भूनने के लिए, कड़ाही गैस पर गरम कीजिए और घी डालकर पिघला लीजिए। पिघले हुए घी में मावा को हाथ से बारीक तोड़कर डाल दीजिए। मावा को धीमी और मध्यम आग पर हल्का सा रंग बदलने और खुशबू आने तक भून लीजिए। मावा के भुनने के बाद, गैस बंद कर दीजिए। मावा को भुनी हुई दाल में डालकर मिक्स कर दीजिए।
कड़ाही को वापस गैस पर रखिए और इसमें चीनी डाल दीजिए। साथ ही 1।5 कप पानी डाल दीजिए और गैस जलाकर चीनी के घुलने तक चाशनी को पकने दीजिए। इसी दौरान, मेवे काट लीजिए। प्रत्येक काजू के 6 से 7 टुकड़े कर लीजिए और बादाम और पिस्तों को पतला-पतला लंबा काट लीजिए। इलाइची को कूटकर पाउडर भी बना लीजिए।
चीनी के घुलते ही इसे चमचे से चला लीजिए, चाशनी बनकर तैयार है। चाशनी को भुनी दाल-मावा में डाल दीजिए और मिला लीजिए। इसे मध्यम आंच पर हलवे की कन्सिस्टेन्सी आने तक लगातार चलाते हुए पका लीजिए। साथ ही, हलवे में कटे हुए बादाम-काजू तथा किशमिश डालकर मिक्स कर दीजिए।
हलवे की गाढ़ी कन्सिस्टेन्सी आने पर इसमें इलाइची पाउडर डालकर मिला दीजिए। हलवा बनकर तैयार है, गैस बंद कर दीजिए और हलवे को एक प्याले में निकाल लीजिए। हलवे पर 1 चम्मच घी डाल दीजिए। इससे हलवा दिखने में बढिया तो लगेगा ही, साथ में स्वाद भी बढ़ जाएगा।
कटे हुए पिस्तों और बादाम से हलवे को गार्निश कीजिए। मूंग की दाल का लज़ीज़ हलवा बनकर तैयार है। मूंग की दाल के हलवे को फ्रिज में रखकर पूरे एक हफ्ते तक खाया जा सकता है।
सुझावमूंग दाल के बराबर ही घी डालकर दाल को भूनें, तो वह बरतन के तले पर चिपकती नहीं है।
दाल भूनने के लिए नॉन स्टिक पैन का इस्तेमाल करें, तो थोड़े कम घी में भी दाल बिना चिपके भुन जाती है।
हलवे में चीनी आप अपनी पसंद अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं।
हलवे में मेवे आप जो डालना चाहें डाल सकते हैं। इसमें आप चिरौंजी, नारियल या जो पसंद हो उसे डाल सकते हैं।
3 से 4 सदस्यों के लिए पर्याप्त