परेंटिंग टिप्स: बच्चो के लिए संसाधनों से ज्यादा जरूरी है आपका समय

माँ-बाप इस दुनिया के ऐसे दो व्यक्ति हैं जो हर बच्चा चाहता हैं कि हमेशा उनके साथ रहें। इसी के साथ हर माँ-बाप यहीं चाहते हैं कि वे अपने बच्चे को जितनी हो सके उतनी खुशियाँ और संसाधन दे। मां-बाप बच्चों को हर खुशी देने के लिए रात-दिन काम करते है लेकिन ऐसे में बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते। जिस वजह से बच्चे उनसे दूर हो जाते हैं और डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। माँ-बाप को ये समझना होगा कि बच्चों की ख़ुशी के लिए संसाधनों से ज्यादा जरूरी आपका समय , इसलिए आज हम आपको वो काम बताने जा रहे हैं जो हर पेरेंट्स को अपने बच्चों की ख़ुशी और साथ के लिए करने ही चाहिए।

* पर्याप्त समय देना : आज की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर इंसान को समय की कमी ही सबसे ज़्यादा खलती है। और जब घर में माता पिता दोनों ही नौकरीपेशा हों तो बच्चों का उपेक्षित महसूस करना लाज़मी है। ऐसी स्थिति ना आए या ऐसी स्थिति से निबटने का सबसे आसान और कारगर तरीक़ा है बच्चे को समय देना। ज़्यादा नहीं तो दिन में आधा घंटा ज़रूर अपने बच्चे के लिए निकालें। इस तरह से आप अपने बच्चे के ज़्यादा क़रीब रह पाएँगे और वो भी आपके सरंक्षण में ख़ुद को सुरक्षित महसूस करेगा।

* बच्चों के साथ खेलें
: हर बच्चा अपने माता पिता के लिए प्यारा होता हैं। वो अपने बच्चों को खुशी देने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। जिस वजह से वो काम में व्यस्त होने के कारण बच्चों को समय नहीं दें पाते, इसलिए पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि आप जब भी अपने काम से फ्री हों, तो अपने बच्चों के साथ थोड़ा समय जरूर बिताएं।

* आभार व्यक्त करना
: किसी का आभार जताने की भावना आपको खुश और संतुष्ट होने से ही आती है। जब आप छोटी-छोटी चीजों के लिए आभार जताने लगेंगे तो आप खुश रहने लगेंगे। आप अपने बच्चे के साथ खाने, हवा, पानी, टॉयज, आरामदायक घर और अन्य चीजों के लिए गॉड को थैंक्स कहें। बच्चे को यह सिखाएं कि इन छोटी-छोटी चीजों से ही उनका जीवन आरामदायक बनता है और इनके लिए गॉड को थैंक्स कहना चाहिए।

* बच्चे की रुचि को सम्मान दे व उसकी प्रतिभा को पहचाने : जिस तरह से हर बच्चा समान नहीं होता, उसी तरह से हर बच्चे की रूचियाँ समान नहीं होतीं, उनकी प्रतिभा समान नहीं होती । आपके बच्चे को क्या पसंद है, उसपर ध्यान दें, ना की आप उससे क्या करवाना चाहते हैं या उसे क्या बनाना चाहते हैं उसपर।

* बच्चों की बातों पर ध्यान दें : पेरेंट्स को अपने बच्चों की बातों को ध्यान से सुनना और समझना चाहिए, क्योंकि बच्चों की जरूरतों को आपसे ज्यादा कोई नहीं जानता हैं, इसलिए उनकी बात ध्यान से सुनें और उनकी जरूरतों की चीजों को पूरा करने की कोशिश करें।