भारतीय रसोई में कई तरह के बर्तन देखने को मिलते हैं जो कि विभिन्न धातुओं से बने होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बर्तन आपकी सेहत बनाने का काम भी करते हैं।आज हम आपको बताने जा रहे है कि किस तरह बर्तनों से आपकी सेहत जुड़ी हुई हैं और ये कैसे काम करते हैं. तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
तांबा
इस बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है। रक्त शुद्ध होता है, लीवर से जुड़ी समस्या दूर हो जाती है। तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म करता है। इसमें दूध नहीं पीना चाहिये।
पीतलइसमें भोजन पकाने और खाने से कफ और वायुदोष नही होता। इसमें खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।
मिट्टीइसमें ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते हैं। इसलिए इसमें पोष्टिक और स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए धीरे धीरे पकाना चाहिए।समय जरूर लगता है मगर सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। ये दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त है। इसमें पकाने से 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं और अलग स्वाद आता है।
स्टीलइन बर्तनों में न ही गर्म क्रिया है ना ही अम्ल। इसलिए इससे शरीर को न तो फायदा होता है ना नुकसान।
एलुमिनियम एलुमिनियम के बर्तनों में खाना नही पकाना चाहिए। क्योंकि ये बॉक्साइट का बना होता है। इसमें खाने से शरीर को सिर्फ नुकसान ही होता है। ये आयरन और कैल्शियम को सोखता है। इससे हड्डियां कमजोर होती है। मानसिक बीमारियां होती है। लिवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुचता है। साथ ही किडनी फेल होना, टीबी, अस्थमा, दमा, शुगर जैसी गम्भीर बीमारियां होती हैं। इसमें खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।
लोहाइसमें बना भोजन शक्ति बढ़ाता है। लौहतत्व शरीर मे जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ाता है। लोहा कई रोगों को खत्म करता है। इसमें दूध पीना अच्छा होता है।
चांदीचांदी शरीर को आंतरिक ठंडक देती है। दिमाग व आंखों की रोशनी तेज होती है। कफ व वायुदोष भी ठीक रहता है।