हिमाचल की इन 5 प्रसिद्ध झीलों के बारे मे जान हो जाएंगे हैरान, एक बार जरूर चाहेंगे देखना

हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है जो अपने खूबसूरत पहाड़ों, वादियों और अन्य विभिन्न पर्यटक स्थलों के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। हिमाचल प्रदेश की सुन्दर झीलें भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। ये झीलें अपने सुंदर नजारों, शांत वातावरण के लिए इतनी लोकप्रिय है की हर साल लाखों पर्यटक इनकी सुंदर्ता देखने जरूर आते है। ये भव्य झीलें चट्टानों और हरे भरे घास के मैदानों से घिरी हुई हैं। इनमें से कुछ झीलें प्रसिद्ध ट्रेकिंग स्पॉट हैं जहाँ छोटे ट्रेक द्वारा पहुँचा जा सकता है जबकि कुछ अन्य लोकप्रिय झीलें पिकनिक स्पॉट के रूप में मशहूर हैं।

पराशर झील

हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध झीलें में से एक है जो मंडी से लगभग 50 किमी दूर उत्तर में धौलाधार पर्वतमाला के बीच 2730 मीटर पर स्थित है। अंडाकार आकार की यह झील सुंदरता, रोमांच और आध्यात्मिक का एक ऐसा मिश्रण है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध और रोमांचित कर देता है।पराशर झील जिसमें लगभग 300 मीटर की परिधि है। इसमें एक तैरता द्वीप है, इसका स्वच्छ पानी इस सुंदर स्थान के आकर्षण में जोड़ता है। परंपरागत रूप से, ऐसा माना जाता है कि झील का गठन ऋषि पराशर द्वारा रॉड (गुर्ज) के हमले के परिणामस्वरूप किया गया था और पानी निकला और झील का आकार लिया।

चंद्रताल झील

लाहौल-स्पीति जिले के लाहौल क्षेत्र में स्थित यह दुर्गम झील ट्रेकिंग व कैंपिंग जैसी रुचि वाले साहसी पर्यटकों में बहुत प्रसिद्ध है। चन्द्र ताल का व्यास लहभग २.५ किलोमीटर है तथा झील के चारों ओर विशाल मैदान हैं, जो कि वसंत/गरमी के मौसम में कई प्रकार की वनस्पति व जंगली फूलों से भर जाता है। बता दे यह खूबसूरत झील भारत के दो सबसे अधिक ऊंचाई वाले आर्द्रभूमियों में से एक है। चंद्रताल झील की एक और खास बात यह है की यह झील अर्धचंद्राकार आकार की है जिस बजह से इसे चंद्रताल नाम प्राप्त हुआ है।

डल झील

डल झील मक्लोडगंज से पश्चिम की ओर 2 कि. मी. है। झील देवदार के हरे-भरे वनों के बीच का घिरी हुई है , डल झील अपनी सुंदरता और तीर्थयात्रा केंद्र के लिए प्रसिद्ध है। दाल झील के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक स्वर्ग है। झील का क्षेत्र एक हेक्टेयर (यानी 10,000 वर्ग मीटर) के आसपास है।बता दे सितंबर के महीने में झील के किनारे मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमे शामिल होने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है। यह आयोजन भगवान शिव की उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है जो गद्दी जनजाति के बीच काफी लोकप्रिय है।

खज्जियार झील

खजियार झील हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में समुद्र तल से 1,920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके चारों तरफ घिरे देवदार के पेड़ों की झील के नीले पानी में बहुत ही सुंदर परछाइयां दिखती हैं। यहां की सबसे आकर्षक चीज तैरता हुआ टापू है जो असल में झील की सतह पर उगने वाले घासों का गुच्छा है जिसे देखना काफी अच्छा लगता है। खज्जियार झील से जुड़ी एक और ख़ास बात यह है की साफ और धूप वाले दिन झील के किनारे से कैलाश पर्वत का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है जो इस खूबसूरत झील के आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करता है।

नाको झील

नाको झील किन्नौर में एक छोटे से पुराने जमाने के नाको गांव में स्थित है। यह प्रसिद्ध हंगरंग घाटी से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। इस झील के महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है की वर्ष के अधिकांश भाग के लिए यह बर्फ से ढका रहता है। यह झील चार सुंदर मंदिर और कई पेड़ों से घिरा हुआ है, जो इसके सुंदरता को और बढ़ाता है।
बर्फ से ढकी चोटियाँ, चट्टानें और सेब के बाग झील की सुन्दरता के प्रमुख आकर्षण है।