अब कुछ ही दिनों में गर्मियों कि छुट्टिया शुरू होने वाली है, वैसे तो आप सभी ने छुट्टियों में घुमने का प्रोग्राम बना लिया होगा और अगर नहीं बनाया तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक आकर्षक हिल स्टेशन के बारे में जहा आप अपनी छुट्टियाँ मज़ेदार तरीके से बना सकते है।
हम बात कर रहे है येलागिरी हिल्स, जो चेन्नई से 230 किमी और बैंगलोर से 178 किमी दूर येलागिरी हिल्स तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में एक खूबसूरत पहाड़ी पर्यटक स्थान है। येलगिरी हिल्स बैंगलोर और चेन्नई के प्रसिद्ध सप्ताहांत गेटवे भी है। ट्रेकिंग जैसे रोमांचक अनुभवों के लिए येलागिरी की पहाड़ियां काफी आदर्श मानी जाता हैं। ट्रेकिंग का सबसे लम्बा रास्ता पुनगनुर से निलावुर जलागाम्परै का है, जिसकी दूरी लगभग 14 किमी है। दूसरा सबसे अच्छा ट्रेकिंग मार्ग पुनगनुर लेक से स्वमिमलाई हिल्स के बीच है जो लगभग 6 किमी लम्बा है और सबसे ज़यादा पसंदीदा रास्ता है। यह ट्रेक शिखर पर ख़तम होता है जहाँ से सारी पहाड़ियों का नज़ारा देखा जा सकता है। कई और छोटे रस्ते है जैसे मंगलम से स्वमिमलाई जो 2 किमी लम्बा है, इनफार्मेशन सेण्टर से कूसी कुत्तई की दूरी 1.5 किमी है, पुथुर से पेरुमदु झरना 3 किमी, बोट हाउस से पुलिचा कुत्तई 3 किमी, और निलावुर से कर्दिमुने की दूरी 1.5 किमी है।
इसके अलावा आप यहां पैराग्लाइडिंग का भी अनुभव ले सकते हैं। येलागिरी 14 बस्तियों का एक समूह है जो चार पहाड़ियों के मध्य लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। येलागिरी को एलागिरी भी कहते है, यह तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में बसा हुआ छोटा सा हिल स्टेशन है और इसको पर्यटकों का स्वर्ग भी कहा जाता है। इसका इतिहास प्रवासिय समय का है जब सारा येलागिरी वहां के ज़मीदारों की निजी संपत्ति हुआ करती थी जिनके घर आज भी रेड्दीयुर में मौजूद है।
यहाँ पहुंचना काफी आसान है। बंगलौर हवाई अड्डा येलागिरी से सबसे करीब हवाई अड्डा है। येलागिरी आने के लिए आप हवाई अड्डे से टैक्सी किराए पर ले कर आ सकते हैं। येलागिरी से नजदीकी रेलवे स्टेशन जोलार्पेत्तई है और येलागिरी के लिए यहाँ से बसें और कैब आसानी से उपलब्ध रहती हैं। येलागिरी सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से तमिलनाडु के पोंनेरी शहर से जुड़ा हुआ है।
# वेलावन मंदिरवेलावन मंदिर येलागिरी की पहाड़ियों में सबसे ऊंची चोटियों में से एक पर स्थित है। यह मंदिर भगवान मुरुगन के नाम पर बनाया गया था। मंदिर से पहाड़ी क्षेत्र के सुखद जन जीवन का सुरम्य दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ से पहाड़ों के नीचे फैले मैदानों को अच्छा से देखने का मौका मिलता है। तमिलनाडु के मुख्या त्यौहार वेलावन मंदिर में बहुत धूमधाम और महिमा के साथ मनाये जाते है। इस मंदिर में आने का सबसे अच्छा समय जुलाई और अगस्त का है जब यहाँ बड़ी संख्या में त्यौहार मनाये जाते है। हर साल इन महीनों के दौरान स्थानीय लोग और श्रद्धालु मंदिर में इकट्ठा होते हैं। मंदिर की घंटी बजने से इस जगह की सांस्कृतिक का सार बनाए रखने में मदद करता है। वेलावन मंदिर के बाहर कदोथ्काजन की मूर्ति पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण बनी हुई है।
# निलावूर झीलनिलावूर झील येलागिरी में एक और पर्यटन आकर्षण है जहाँ अक्सर नौकाविहार उत्साही आते है। यह निलावूर गांव में स्थित है। यह छोटी सी झील तालाब की तरह है जिसके किनारों पर एक बगीचे है। झील के पास देवी मंदिर है जो कदवु नाचिय को समर्पित है। शुक्रवार के दिन 11 बजे से 12 बजे के बीच पूजा करने के लिए भक्तजनों की भरी भीड़ मंदिर में आती है और स्थानीय लोग देवी को सर्वशक्तिमान मानते है। हाल ही में, थम्बिरण लोटस तालाब निलावूर झील में बनाया गया है। मोक्ष विमोचन मंदिर भी इस झील के पास है। स्थानीय लोगों का मन्ना है की इस मंदिर में प्रार्थना कर अपने पापों से छुटकारा मिल सकता है। निलावूर झील के आसपास काफी शांति रहती है। अगर आप मन की शांति की चाहते है और रोजमर्रा की जिंदगी की परेशानियों रहत चाहते है तो निलावूर झील ज़रूर जाये।
# स्वमिमलाई हिलस्वमिमलाई हिल्स केक के आकार का है। ऊंची चोटियों वाली इन पहाड़ियों का नीचे से भी मजबूत आधार है दिखाई देता हैं। इन पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी जमीनी स्तर से 4338 मीटर ऊपर है। स्वमिमलाई की पहाड़ियां ट्रेकर्स का सबसे पंसदीद मार्ग हैं। स्वमिमलाई ट्रेक मार्ग 6 किमी के आसपास है। यह मार्ग चोटी की ओर जाता है जहाँ से पूरी पहाड़ियां देखी जाता सकती है। जवादी पहाड़ियां और पल्लामाथि पहाड़ियां स्वमिमलाई हिल्स से करीब हैं जो ट्रैकिंग के प्रसिद्ध मार्गों भी हैं। इन पहाड़ियों पर चड़ना आसान है और यात्री दूर से ही प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते है। हालांकि इसके लिए आपको एक पूरा दिन देना होगा लकिन अंत में अच्छा अनुभव ज़रूर मिलेगा।
# टेलीस्कोप हाउसटेलीस्कोप हाउस येलागिरी हिल्स के नजदीक बनाया गया था पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिसको वन विभाग ने बनवाया था। पोंनेरी से आते समय घाट रोड पर येलागिरी हिल्स के रास्ते में टेलीस्कोप हाउस का प्रवेश द्वार है। यह जगह तेरहवीं मोड़ पर 1002 मीटर की ऊंचाई पर बना है। टेलिस्कोप नीचे के मैदानों का मनोरम दृश्य देखने में मदद करता है। यहाँ से पर्यटक घाटी, खड़ी ढलान, जोलार्पेट के मैदानों और वानीयंबादी का अतभुत दृश्य देख सकते है। टेलिस्कोप हाउस सप्ताहांत पर खुलता है, लेकिन ज़यादा आपको यहाँ ताला लगा नहीं मिलेगा।
# पुंगनुर झील पुंगनुर झील बनावटी है जिसको यहाँ की खूबसूरती बढ़ाने के लिए और ज़यादा से ज़यादा पर्यटकों को आकर्षित करने बनाया गया था। पुनगनुर झील यहाँ का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है। यह झील 56.70 वर्ग मीटर में फैली हुई है और येलागिरी पहाड़ियों के बीच में है। झील और नौकाविहार जैसी सुविधाओं की येलागिरी हिल विकास और पर्यटन प्रचार सोसाइटी देख रेख करती है। इस झील में नौकाविहार और नौकायान की सुविधा है जहाँ से पर्यटक इस जगह के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। यहाँ नज़दीक में एक उद्यान भी है जहाँ लोग बैठ के झील की सुंदरता का आनंद ले सकते है। इस उद्यान में फव्वारा और बच्चों के लिए पार्क भी है। यहाँ खुली जगह में पक्षियों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को देख सकते है। मानो की यह जगह जैसे प्रकृति प्रेमी के लिए ही बनी हो।
# नेचर पार्क12 एकड़ भूमि में फैला हुआ नेचर पार्क पुनगनुर झील के नजदीक है। यहाँ के चट्टानी इलाके के अनुकूल पौधों की कई प्रजातियों को इस पार्क में लगाए गए हैं। इस पार्क में एक बनावटी झरना बनाया गया है। इस झरने में नहाने की सुविधा भी उपलब्ध है। इस नेचर पार्क में बच्चों के लिए पार्क , संगीतमय फव्वारा , मछलीघर , मौसमी उद्यान , बांस का घर और पाली घर जैसे कुछ आकर्षण है। संगीतमय फव्वारा में लोकप्रिय गीतों पे पानी नृत्य दिखता है। मछलीघर में मछली और कछुओं कई प्रजातीय देखने को मिलेंगी। पार्क में आराम करते हुए पुनगनुर झील की सुंदरता का आनंद लेने का मज़ा ही लगा है। यहाँ पार्क में जाने का शुल्क बड़ों के लिए 15 रूपए है और 5 रूपए बच्चों के लिए। संगीतमय फव्वारे को देखने के लिए 25 रूपए अलग से देने होंगे। पार्क सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।