भले ही आपने रात भर अच्छी नींद ली हो, फिर भी कार या ट्रेन में सफर के दौरान अचानक नींद क्यों आने लगती है, खासकर लंबे सफर में? चलिए, जानते हैं इसके पीछे की वजहें।
सफर के दौरान नींद आने के कारण गाड़ी की धीमी गति से हिलना जब गाड़ी चलती है, तो वह धीमी गति से लगातार हिलती रहती है, जिससे हमारा शरीर भी धीरे-धीरे हिलता है। यह हरकत हमें आरामदायक महसूस कराती है और नींद ला सकती है।
कम अलर्टनेस यात्रा के दौरान आँखों और कानों को ज्यादा खास अनुभव नहीं होता, जिससे दिमाग की सतर्कता कम हो जाती है। जब मस्तिष्क को ज्यादा आकर्षक चीजें नहीं मिलतीं, तो वह धीरे-धीरे सुस्त हो जाता है और हमें नींद आने लगती है।
थकान और नींद की कमी जो लोग पहले से थके होते हैं या पूरी नींद नहीं ले पाए होते, उन्हें यात्रा के दौरान आसानी से नींद आ जाती है। गाड़ी का शांत वातावरण आरामदायक होता है, और शरीर इस अवसर का लाभ उठाता है।
प्राकृतिक प्रकाश की कमी कार या ट्रेन में प्राकृतिक रोशनी कम मिलती है, और गाड़ी की कृत्रिम रोशनी से काम चलता है। इस कारण हमारे शरीर का जैविक घड़ी (सर्केडियन रिदम) गड़बड़ा जाती है, जिससे दिमाग को सोने का संकेत मिलता है।
शारीरिक बदलाव यात्रा के दौरान ब्लड प्रेशर और शरीर का तापमान हल्का सा कम हो सकता है, जिससे हमें नींद आने लगती है।
मोनोटोनी या एकरूपता लंबे सफर में पढ़ने, काम करने या बातचीत करने जैसी दिलचस्प गतिविधियाँ कम होती हैं, जिससे मस्तिष्क निष्क्रिय महसूस करता है और हमें नींद आने लगती है।
सफर के दौरान नींद से कैसे बचें? पूरी नींद लेकर सफर शुरू करें यात्रा पर जाने से पहले एक अच्छी नींद लें, ताकि नींद का असर कम हो।
हल्का नाश्ता करें हल्का नाश्ता करने से एनर्जी लेवल बना रहता है, जिससे आपको नींद कम आएगी।
एक्टिव रहें यात्रा के दौरान अपने मनपसंद गाने सुनें, किताब पढ़ें या आस-पास के लोगों से बातचीत करें।
प्राकृतिक रोशनी लें खिड़कियाँ खोलकर प्राकृतिक रोशनी लेने की कोशिश करें, इससे दिमाग सतर्क रहेगा।
कैफीन का सेवन करें अगर आप थके हुए महसूस कर रहे हैं, तो थोड़ी मात्रा में कैफीन (जैसे कॉफी या चाय) का सेवन करें, इससे आपकी सतर्कता बढ़ेगी।
इन तरीकों से आप अपनी यात्रा का पूरा आनंद ले सकते हैं और बिना झपकी लिए ताजगी महसूस कर सकते हैं।