भारत के इन 10 अजीबोगरीब खानपान को चखने के लिए होना पड़ेगा थोड़ा निडर

भारत एक ऐसा देश है, जहां का खाना कई संस्कृति और विविधता का एक सुंदर मेल है। देश के भौतिक विविधता के समान ही हमारे खाने में भी कई अनूठे और अनोखे पहलू कई लोग खाने के इतने शौकीन होते हैं कि देश के हर हिस्से का स्वाद लेने पहुंच जाते हैं और वहां की स्पेशल डिश खाना पसंद करते हैं। लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ ऐसे अजीबोगरीब खानपान भी हैं जिन्हें खाने से पहले आप गंभीर सोच में पड़ जाएंगे। ये व्यंजन देखने के बाद लोग हैरान हो जाते और इन्हें पकाने का तरीका भी बेहद अजीब होता है। आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब खानपान के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें चखने के लिए आपको थोड़ा निडर होना पड़ेगा। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

चाप्रह, छत्तीसगढ़

स्वादिष्ट भारतीय चटनी हर खाने में जान डाल देती है। लेकिन छत्तीसगढ़ के बत्सर क्षेत्र के जंगलों की लाल चींटियों और उनकी अंडो से बनी यह तिखी लाल चटनी जिसे चापड़ा भी कहा जाता है, ये चटनी, खाने से पहले आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। पहले इन चींटियों को सुखाया जाता है और फिर नमक और दुसरे मसालों के साथ कुटा जाता है। इन चींटियों में फोरमिक एसिड होता है और यह भी माना जाता है कि इनमें औषधीय गुण होते हैं। यहाँ के स्थानीय धुरुवा आदिवासी इसे र्सिफ एक खाना नहीं मानते, बल्कि हिम्मत वाला काम मानते है।

जदोह, मेघालय

जदोह डिश भारत के मेघालय राज्य के उत्तर पूर्व में पाई जाती है। ये डिश जैतिया जनजाति के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस व्यंजन को चावल के साथ सूअर के मांस या चिकन के मांस के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। वैसे ये खाना आपको बिल्कुल पुलाव की तरह लगेगा, लेकिन इसे रक्त और चिकन के साथ पकाया जाता है।

ब्लैक राइस, मणिपुर

शायद, अभी तक आपने सफ़ेद चावल और ब्राउन चावल के बारे में ही सुना होगा लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां ब्लैक राइस को भी बड़े प्रेम के साथ खाना पसंद करते हैं। जी हां, केरल, मणिपुर और बंगाल की कुछ जगहों पर इसे खूब पसंद किया जाता है। ब्लैक राइस कई पोषक तत्वों के लिए भी प्रसिद्ध है और ये स्वाद से भी भरपूर माना जाता है। खासकर इस चावल को शाकाहारी खाने वाले लोग पसंद करते हैं।

डॉग मीट, नागालैंड

लोग घरों में कुत्तों को खूब प्यार से पालते हैं लेकिन देश के कुछ हिस्सों में लोग कुत्ते का मांस खाना पसंद करते हैं। नागालैंड में ऐसे व्यंजन खाए जाते हैं जिनमें कुत्ते, मकड़ी, सूअर का मांस, बीफ, केकड़े और हाथी का मांस शामिल है। डॉग मीट यहां कई तरीकों से तैयार किया जाता है। नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर के आदिवासी समुदायों के बीच ये बहुत पसंदीदा है।

दोह खलिह, मेघालय

दोह खलिह एक ऐसा व्यंजन है जो मेघालय राज्य का एक और स्वादिष्ट व्यंजन है। जिसे सूअर के मांस के साथ प्याज और मिर्च डालकर सलाद के रूप में खाया जाता है। यह व्यंजन मेघालय के लोगों को बेहद स्वादिष्ट लगता है। मैक्सिकन टच देने के लिए इसमें लोग नींबू टमाटर और गाजर का इस्तेमाल करके भी खाना पसंद करते हैं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि व्यंजन को सूअर के दिमाग की करी के रूप में बनाकर रोटी के साथ भी खाया जाता है। यह व्यंजन उन लोगों के लिए बिल्कुल भी पसंद नहीं आता जो नॉनवेज को नापसंद करते हैं। हालांकि नॉनवेज खाने वाले ज्यादातर लोगों को यह डिश बहुत ज्यादा पसंद आती है।

फ्रॉग लेग्स, सिक्किम

यह फ्रांसीसी खाना सालों से स्वाद के दीवानों को खुश कर रहा है। सिक्किम के लेप्चा समुदाय का इस खाने में मौजूद औषधीय गुणों पर बहुत विश्वास है, वे मानते है कि यह पेट से जुड़ी परेशानियों का इलाज करता है। गोवा में इसे 'जंपिंग चिकन' के नाम से जाना जाता है। हालाँकि, भारत सरकार द्वारा इसे लुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया गया है, फिर भी आपको इसे खिलाने वाले कुछ रेस्तरां मिल जाएंगे।

शार्क बेबी करी, गोवा

शार्क बेबी करी को भारत के सबसे अजीबो-बारीक़ व्यंजन में शामिल किया जाता है। अगर आप गोवा घूमने गए होने तो आपने वहां इसका नाम ज़रूर सुना होगा। आपको बता दें कि बेबी शार्क मछली से तैयार इस व्यंजन को मांसाहारी लोग खूब पसंद करते हैं। ये एक ऐसी मछली है जिसे पकड़ना बहुत मुश्किल होता है, जिसकी वजह से यह एक दुर्लभ डिश होने के साथ-साथ महंगी डिश भी है। कहा जाता है कि स्थानीय लोग इसे बड़े प्रेम के साथ खाना पसंद करते हैं।

इरी पोलू, असम

ये आसाम का बहुत ही मशहूर खाना है। इसे रेशम के कीड़े से बनाया जाता है। इरी और रेशम का कीड़ा, इस खाने की मुख्य सामग्री है, जिसे ककून से निकलने के बाद इस्तेमाल किया जाता है। इरी पोलु को आमतौर पर खोरिसा के साथ परोसा जाता है। खोरिसा असम का एक और स्वादिष्ट खाना है जो की फेर्मेंटेड बॉंस से बनाई जाती है।

भांग के पकौड़े, उत्तर भारत

होली के दौरान भांग के रस को सेवन करने के बारे में तो आपने ज़रूर सुना होगा लेकिन, क्या आपको मालूम है कि कई लोग भांग के पकौड़े को भी बड़े प्रेम के साथ खाते हैं? जी हां, भारत के कई हिस्सों में आज भी होली, बसंत ऋतू या शिवरात्रि जैसे खास मौके पर भांग के पकौड़े को पसंद किया जाता है। इस व्यंजन को चखने के बाद लोग गानों पर झूमते और नाचते नज़र आते हैं। आपको बता दें कि इसे भांग की पत्तियों से बनाया जाता है।

नह्क्हम, पूर्वोत्तर भारत

इस डिश को मेघालय की गारो जनजाति के लोग बेहद पसंद करते हैं। इस डिश को सूखी मछलियों, सब्जियों और आसुत राख से बनाया जाता है। इस डिश का स्वाद जितना टेस्टी होता है, उतना ही सूंघने में बेहद खराब। सूघने पर इस भोजन से बदबू आती है।