नया साल आने में अब 2 दिन ही बचे हैं। 31 दिसम्बर की शाम से ही नए साल के आगमन की तैयारी चालू हो जाती हैं। सभी ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी हैं। हर कोई इस दिन को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाता हैं तथा नए साल का स्वागत खुशियों के साथ करता हैं। हर देश अपने नए साल का आगमन अपने तरीके से करता हैं, सभी की अपनी-अपनी परम्पराएं हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको कि अलग-अलग देशों में नए साल का आगमन किस तरह से किया जाता हैं
* जापान :जापान में न्यू ईयर मनाने का तरीका काफी अनोखा है। यहां हर साल 29 दिसम्बर से 3 जनवरी तक न्यू ईयर का जश्न मनाया जाता है, जिसे याबुरी नाम दिया गया है। यहां रात को 12 बजे मंदिरों में 108 बार घटियां बजाई जाती है। यहां शुभकामना कार्ड भेजना काफी लोकप्रिय है।
* आस्ट्रेलिया :ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में नए साल का 1 जनवरी से शुरू होकर 6 जनवरी को खत्म होता है। सिडनी में आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन होता है। घऱ हो या बाहर, लोग जमकर नए साल का जश्न मनाते हैं। बीच, पार्टी हॉल, रेस्टोरेंट और होटलों में भीड़ होती है। 12 बजते ही चर्च में घंटियां बजनी शुरू हो जाती है। ड्रम, तुरही और सींग के लाउड संगीत से नए साल का स्वागत किया जाता है।
* चीन :चीन में तो एक महीना पहले ही न्यू ईयर की तैयारियों होने लगती है। चीन में न्यू ईयर पर लाल रंग को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग अपने खिड़की दरवाजों को इसी रंग से रंगते है। चीनी लोगो का मानना है कि हर रसोई में एक देवता होता है जो उस परिवार के वर्ष भर का लेखा-जोखा ईश्वर के पास पहुचाता है और वापस उसी परिवार में लौट आता है। इसीलिए उसे विदा करना और फिर उसका स्वागत करने के लिए पुरे सप्ताह आतिशबाजी चलती है।
* रोमानिया :यहां बुरी आत्माओं से बचने के लिए कलाकार लोग ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर नाचते और गाते हैं। अब तो शहरों में भी इस तरह से नए साल का जश्न मनाया जाने लगा हैं ताकि नए साल खुशियों से भरा हो। वहां भालू की पोशाकें पहन कर लोग बुरी आत्माओं को भगाते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। हजारों की तादाद में भालू की वेश में बुरी आत्माओं का पीछा करते हैं।
* म्यांमार :म्यांमार में नए साल के उत्सव को तिजान कहते है। यह जश्न दिन तीन तक चलता है, जिसे पर्व अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है। यहां हौली से एक-दूसरे को भर देने को परम्परा मशहूर है। इस हौली में फर्क इतना ही, इसमें पानी की जगह इत्र डाला जाता है।
* फिलीपींस :फिलीपींस में लोग नए साल के अवसर पर हर महीने के हिसाब से 12 किस्म के अलग-अलग गोल आकार के फल खरीदते हैं, जिसे अच्छे भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। इसमें अंगूर को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है।
* दक्षिणी अमेरिका :दक्षिणी अमेरिका में न्यू ईयर के दिन लोबिया के साबुत बीज और शलगम की पत्तियां खाने का रिवाज है। यहा के लोग लोबिया के बीज को पैसे का प्रतीक बताते है। यहां नए साल के अवसर पर चर्च में वाचनाईट सर्विस का आयोजन होता है।