छुट्टियों में करें भारत के ऐतिहासिक किलों की सैर, महसूस करेंगे खुद को गौरवान्वित

गर्मियों की छुट्टियाँ जहाँ घूमने का सही समय होता हैं वहीँ यह समय बच्चों के लिए शैक्षणिक भ्रमण के लिए भी जाना जाता हैं। जी हाँ, सैर सपाटा करना अच्छी बात हैं लेकिन बच्चों के लिए इससे सीख लेना भी जरूरी हैं। ऐसे में आपको चाहिए कि अपने बच्चों को ऐसी जगह घूमने के लिए लेकर जाया जाए जो ऐतिहासिक हो। इसलिए आज हम आपके लिए भारत के कुछ ऐसे किलों की जानकारी लेकर आए हैं जो अपना प्रसिद्द इतिहास लिए हुए हैं। तो आइये जानते हैं इन किलों के बारे में।

मेहरानगढ़ का किला
यह किला एक पहाड़ी पर करीब 150 मी ऊपर बना हुआ है। इसको महाराजा राव जोधा ने 1459 ई में बनवाया था। इस किले तक आप जोधपुर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। इस किले में 7 दरवाजे हैं। यह किला जोधपुर में स्थित है और राजस्थान के बड़े किलों में से एक माना जाता है।

कांगड़ा किला
यह किला हिमालय की सुन्दर वादियों में है, इसका नाम कांगड़ा किला है। यह भारत का सबसे पुराना किला है और दुनिया के पुराने किलों में इसकी गिनती होती है इस किले को कटोच वंश के महाराजा सुशर्मचंद ने बनवाया था। इस किले के जिस हिस्से में राजा रहता था उसको चांदनी महल कहा जाता था। इस किले के अंदर में व्रजेशवरी मंदिर भी स्थित है। कांगड़ा का यह किला धन संपत्ति के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्द किला था।

गोलकुंडा किला
यह किला आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 11 किमी की दूरी पर स्थित है। यह किला हैदराबाद के चार आश्चर्यों में से एक माना जाता है। काकतिया राजाओं के द्वारा इस किले का निर्माण कराया गया था। इस महल की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यदि आप इसके आंगन में खड़े होकर तालियां बजाते हैं तो उनकी आवाज को इस किले की सबसे ऊंची जगह पर सुनी जा सकता है जी की 91मी के करीब ऊंची है।

ग्वालियर का किला
यह किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर में है। इस किले को ‘भारत का गिब्राल्टर’ भी कहा जाता है। इस किले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था। यह किला पहाड़ी के ऊपर बना है और इससे नीचे की घाटी और शहर का नजारा बहुत सुन्दर दिखता है। ग्वालियर में कई राजवंशो ने राज्य किया है। यह किला ब्रिटिश काल में रानी लक्ष्मीबाई और तात्यातोपे की रणभूमि भी रहा हैं। यह किला उत्तर और मध्य भारत का सबसे सुन्दर और सुरक्षित किला माना जाता है।

चित्तौड़गढ़ का किला
इस किले में बहुत से ऐतिहासिक मंदिर, स्मारक तथा कुंड बने हैं। इस किले के अंदर जाने के लिए सुरक्षा के तौर पर 7 दरवाजे बनाये गए थे, इनको सात पोल कहा जाता है। यह किला 500 फुट की पहाड़ी पर बेराच नदी के किनारे स्थित है। इस किले की विशेषता इसके मंदिर,बुर्ज, महल और जलाशय हैं।