राजस्थान के जोधपुर में घूमने का यह श्रेष्ठ समय, जानें यहां की प्रसिद्द जगहों के बारे में

राजस्थान विविधताओं से भरा हुआ है।यहां हर शहर अपने आप में खास है। ऐसा ही एक शहर है जोधपुर जो जयपुर के बाद राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर भी है।इस शहर की स्थापना सन 1459 में राव जोधा द्वारा की गई थी।यह शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत ,भव्य महलों के साथ साथ अपने खान पान और वेशभूषा के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है।यहां का जोधपुरी सूट तो भारत का राष्ट्रीय परिधान है।जोधपुर मारवाड़ अंचल के अंदर आता है।अगर आपको जोधपुर घूमना है तो सर्दियों का समय सबसे मुफीद रहता है।आइये जानते हैं जोधपुर में कहाँ कहाँ घूमा जा सकता है।

मेहरानगढ़ किला
मयूरध्वज नामक पहाड़ी पर स्थित होने के कारण इसे मेहरानगढ़ का किला कहा जाता है।इस पहाड़ी को चिड़िया टूक की पहाड़ी भी कहा जाता है।शहर से लगभग चार सौ फीट की ऊँचाई पर स्थित यह किला दूर से ही भव्य दिखाई देता है।इस किले का काम 1459 में पूरा हुआ।किले के अंदर के तालाब मंदिर महल हैं। यहां रानीसर और पदमसर नामक दो झील हैं। किले के अंदर ही एक संग्रहालय भी है। यहां चोखेलाव बाग भी घूमा जा सकता है।
उम्मेद भवन पैलेस
यह महल दुनिया का सबसे बड़ा महल है जिसमे लगभग साढ़े तीन सौ कमरे हैं।इस महल का निर्माण 1929 में शुरू हुआ जो 1943 में पूरा हुआ।महल में भारतीय औऱ यूरोपियन शैली का सुंदर सम्मिश्रण हुआ है। महल के एक भाग में जोधपुर का राज परिवार रहता है।

जसवंत थड़ा

जोधपुर के शासक जसवंत सिंह की स्मृति में इसे 1899 में बनवाया गया था।यह मेहरानगढ़ के किले से कुछ दूरी पर स्थित है।यहाँ संगमरमर पर बहुत ही कलात्मक काम किया हुआ है।
मंडोर गार्डन

यह स्थान पूरे जोधपुर में सबसे पुराना है।यहाँ एक संग्रहालय भी है।यहां का तैतीस करोड़ देवी देवताओं का मंदिर देखने लायक है।यहाँ स्ट्रीट शॉपिंग भी की जा सकती है।
कायलाना झील
अगर आप पक्षी प्रेमी हैं तो शहर के पश्चिमी छोर पर बनी इस झील में जरुर घूमने जाइये।यह कृत्रिम रूप से बनी हुई झील है।यहाँ फोटोशूट भी किये जा सकते हैं।