प्राकृतिक मनोरम दृश्यों से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश का मनाली भारत में सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों में से एक है। मनाली अपने चारो तरफ बाफिली चोटियों और देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है जो एक बेहतरीन नज़रा प्रदर्शित करती है। मनाली की इसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखने लोग देश-विदेश से हर साल अपनी छुट्टियां मनाने आते है। मनाली के आसपास भी एक से बढ़कर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में कई बार पर्यटक सिर्फ मनाली आकर वापस चले जाते हैं। ऐसे माँ हम आपको मनाली से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के बारे में बताने जा रहे है। यहां पर्यटक सांस्कृतिक, प्राकृतिक और धार्मिक खूबसूरती के साथ-साथ एडवेंचर का मजा भी ले सकते हैं। इस पर्यटन स्थल का नाम है वशिष्ठ गांव।
प्राकृतिक खूबसूरतीएडवेंचर के शौकीनों के लिए भी वशिष्ठ गांव एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है साथ ही खूबसूरत वादियों से घिरे होने की वजह से यह नवविवाहितों की पहली पसंद है। यहां के अद्भुत सौंदर्य और शांति के बीच आप अपने साथी के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर अपने साथी के साथ चहल कदमी करना भी अद्भुत सुकून प्रदान करता है। खास बात यह है कि यहां होटल तो नहीं, लेकिन आधुनिक सुविधाओं से लेस होमस्टे जरूर मिल जाएंगे। एडवेंचर के शौकीन यहां वाटर रॉक क्लाइंबिंग का मजा ले सकते हैं। इसके अलावा यहां की खूबसूरत वादियों के बीच आप ट्रेकिंग का मजा भी ले सकते हैं। इसके अलावा वशिष्ठ गांव की यात्रा के दौरान आप जोगिनी वाटरफॉल के मनोरम नजारे को अपनी आंखो में कैद कर सकते हैं। पहाड़ों से गिरते झरने को देख आप रोमांचित हो उठेंगे। इस झरने के पास जोगिनी माता का मंदिर है।
ऋषि वशिष्ठ मंदिरवशिष्ठ गांव की यात्रा के दौरान आप ऋषि वशिष्ठ मंदिर का दीदार भी कर सकते हैं। यहां भगवान राम और ऋषि विशिष्ठ के दो मंदिर हैं। माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां पर ऋषि वशिष्ठ ने तप किया था। मंदिर परिसर में गर्म पानी का प्राकृतिक स्त्रोत भी है। दर्शन से पहले श्रद्धालु यहां स्नान करते हैं। गर्म पानी में ठंड में भी यहां श्रद्धालु नहाते हैं। प्राकृतिक स्त्रोत को लेकर लोगों की मान्यता है कि इसमें नहाने से चर्म रोगों की समस्या दूर हो जाती है। यहां स्थित रामा मंदिर भगवान राम को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता और उनके अनुज भाई लक्ष्मण की मूर्ति की स्थापना की गई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि वशिष्ठ जो हिंदू धर्म के मुख्य 7 ऋषियों में एक थे, उन्होने अपने पुत्र की विश्वामित्र ( एक हिंदू ऋषि ) द्वारा हत्या किए जाने के बाद नदी में कूद कर जान देने का प्रयास किया लेकिन पानी के बहाव मेंऋषि बहते गए और इस गांव में आकर बच गए, इसलिए इस गांव को वशिष्ठ गांव कहा जाता है। इसके बाद ऋषि वशिष्ठ ने इस गांव में अपने जीवन की एक नई शुरूआत की थी। इस घटना के बाद यहां बहने वाली व्यास नदी को विपाशा नदी के नाम से पुकारा जाने लगा था जिसका अर्थ होता है - बंधनों से मुक्त। वर्तमान में विपाशा नदी को व्यास नदी के नाम से जाना जाता है।
ऐसे पहुंचें वशिष्ठ गांवमनाली और वशिष्ठ गांव के बीच की दूरी लगभग 18 किलोमीटर की है। पर्यटक यह दूरी वाहन की मदद से तय कर सकते हैं। मनाली पहुंचना बड़ा आसान है यह सीधे रूप से हवाई और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं है। यहां से निकटतम हवाई अड्डा 50 किलोमीटर दूर भुंतर कुल्लू में है। भुंतर के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से फ्लाइट मिलती हैं। भुंतर से मनाली के लिए बस चलती हैं। मनाली से नजदीकी रेलवे स्टेशन 162 km दूर बैजनाथ में है, जहां तक पठानकोट से छोटी लाइन से पहुंचा जा सकता है। यहां से मनाली जाने के लिए आप सड़क मार्ग का सहारा ले सकते हैं। मनाली जाने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से बसें चलती हैं। दिल्ली से मनाली की दूरी करीब 540 किलोमीटर है।