चाय भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पेय है। भारत के लगभग हर घर में आपको चाय के शौकीन आसानी से मिल जाएंगे। कई लोगों को तो सुबह उठते ही चाय की चुस्की लेना पसंद हैं जो उन्हें दिनभर के लिए तरोताजा रखती हैं। चाय का स्वाद ऐसा हैं जिसे जो हमारी हर तरह की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। बुखार हुआ तो चाय, सिर दर्द हुआ तो चाय, टेंशन हुई तो चाय, नींद भगानी है तो चाय! भारत की हर गली, हर नुकक्ड़ पर आपको चाय की दुकानें, ठेले, चौपाटी देखने को मिल जाएंगी। आपके आसपास चाय के ऐसे दीवानों की कोई कमी नहीं है जो सुबह-शाम किसी भी वक्त चाय पीने से इनकार नहीं करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के विभिन्न राज्यों की अलग-अलग चाय में अपना अनोखा ही स्वाद आता हैं। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि भारत में कौन-कौन सी चाय मशहूर हैं और आपको किन जगहों पर घूमने जानें पर कौन सी चाय पीनी चाहिए।
नून चाय, कश्मीर कश्मीर में प्रचलित चाय के इस प्रकार को कश्मीरी चाय भी कहा जाता है। स्थानीय बोली में इसे नून चाय के नाम से जाता है। कश्मीरी में नून का अर्थ नमक होता है यानी यह चाय स्वाद में नमकीन होती है। इस चाय की एक खासियत और है। नून चाय का रंग गुलाबी होता है, जिसकी वजह से पिंक टी भी कहते हैं। इसे कश्मीर घाटी में पैदा होने वाली विशेष पत्तियों 'फूल' से बनाया जाता है। कश्मीर के अलावा यह चाय राजस्थान और नेपाल में भी कई जगह पर मिलती है।
लाल चा, असमअसम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल से लेकर पूरे उत्तर-पूर्व भारत में, आपको लाल चा पीने को मिलेगी। ये एक सिंपल ब्लैक टी है जिसे बिना दूध के तैयार किया जाता है। इसमें चीनी भी बहुत ही कम मात्रा में डाली जाती है। चाय का रंग रेडिश ब्राऊन कलर का होता है और यही वजह है कि इसका नाम लाल चा रखा गया है। असम, अरुणाचल, मेघालय और सिक्किम में सबसे ज्यादा इस चाय का सेवन किया जाता है। अगर आप कभी असम या फिर उत्तर-पूर्व भारत घूमने जाएं तो लाल चा का स्वाद जरूर चखें। इसे पीने का एक अलग मजा है। इस टी का स्वाद हल्का कड़वा लगेगा, लेकिन इतना नहीं कि आपसे पिया न जाए। यह हेल्थ के लिए भी काफी अच्छी होती है। वैसे भी असम के टी गार्डन की चाय की पत्तियां विश्वभर में मशहूर हैं।
ईरानी चाय, हैदराबाद ईरानी चाय को 19वीं शताब्दी के दौरान फारसियों द्वारा भारत लाया गया था और अब यह शहर के विभिन्न पुराने कैफे में पाई जाती है। इस चाय में मावा या खोया मिलाया जाता है जिससे इसका स्वाद बेहतरीन हो जाता है। इस चाय को और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें दालचीनी और हरी इलायची जैसे मसाले भी मिला सकते हैं।
फुदीना चाय, नाथद्वारा राजस्थान में नाथद्वार श्रीनाथजी की हवेली के पास स्थित एक छोटा तीर्थ शहर है। जब भी आप श्रीनाथ जी मंदिर की ओर जाएंगे तो आपको ठेलों पर पुदीने के गुच्छे देखने को मिलेंगे। पुदीना या मिंट में पत्ते बड़े होते हैं, और इन्हें यहां पुदीना के बजाए फुदीना कहा जाता है। इस चाय को यहां कुल्हड़ों या मिट्टी के प्यालों में परोसा जाता है। पुदीने का तीखा स्वाद इंसान की नींद खोल देगा। आपको बता दें, पुदीने का ये किस्म सिर्फ इसी इलाके में पाया जाता है। आप जब भी नाथद्वार जाएंगे तो इस पुदीने वाली चाय की चुस्की लेना न भूलें।
मुगलई चाय, दिल्लीभारत में लंबे समय तक मुगल शासकों का राज रहा है, ऐसे में उनके द्वारा पी जाने वाली चाय का भी हमारे देश में अलग ही क्रेज है। मुगलई चाय को अलग अंदाज में पकाया और परोसा जाता है, जिसकी वजह से उसका स्वाद सामान्य चाय के मुकाबले काफी अलग होता है। अगर आप मुगलई चाय पीना चाहते हैं, तो दिल्ली के जामा मस्जिद की तंग गलियों में मौजूद मोहम्मद आलम मुगलई चाय स्टॉल पर पहुंचें। यहां पर पिछले 50 सालों से मुगलई चाय बनाई और सर्व की जा रही है। इस चाय का स्वाद बहुत ही स्पेशल है। दिल्ली घूमने जाने पर एक बार मुगलई चाय जरूर पिएं।
सुलेमानी चाय, केरल ये चाय केरल के मालाबार क्षेत्र से आती है। ये चाय दक्षिण भारत के कई राज्यों में लोगों की पसंदीदा ड्रिंक्स में से एक है। इस चाय मंग भी दूध नहीं मिलाया जाता। इसे लौंग, इलायची, दालचीनी, पुदीने की पत्तियों के साथ बनाया जाता है। साथ ही इसमें नींबू का रस और शहद भी डाला जाता है।
कहवा, कश्मीर आपका कश्मीर ट्रिप कहवा के बिना अधूरा है - मसालों और सूखे मेवों वाली हल्की चाय से यहां आने वाले हर यात्री को प्यार हो जाता है। कश्मीर में आपको स्टॉल या हर होटल में लोग कहवा परोसते हुए दिख जाएंगे। यहां की बर्फ बारी को सहन करने के लिए इससे बेस्ट चाय और कोई नहीं हो सकती। चाय में दूध का इस्तेमाल नहीं किया जाता, स्वाद आपको पानी जैसा लगेगा, लेकिन फिर भी ये गर्मा गर्म चाय यहां की बेस्ट चाय मानी जाती है।
कांगड़ा चाय, हिमाचल प्रदेशहिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में बनने वाली कांगड़ा चाय का स्वाद और खुशबू बहुत ही अलग होती है। इसे खासतौर से कांगड़ा के बागानों में ही उगाया जाता है। यही वजह है कि इस चायपत्ती को कांगड़ा चाय कहा जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होती है। कांगड़ा चाय का रंग आमतौर पर हल्के लाल रंग का होता है, जिसमें बहुत अच्छी खुशबू आती है। अगर आप कभी हिमाचल घूमने जाएं तो वहां की कांगड़ा चाय का स्वाद जरूर लें।
रोंगा साह, असमअसम के चाय बागानों के बारे में तो हम सबने सुना ही है। इन्हीं चाय बागानों की एक खास किस्म की चाय होती है रोंगा साह। असम में रहने वाले लोगों को इस चाय का स्वाद बेहद पसंद आता है। दिखने में ये चाय हल्के लाल और भूरे रंग की होती है। इसको चाय की ताजा पत्तियों से बनाया जाता है। माना जाता है कि ये चाय आपके शरीर की पाचन प्रक्रिया के लिए बहुत अच्छी होती है।
मीटर चाय, तमिलनाडुतमिलनाडु कॉफी के लिए काफी मशहूर है लेकिन यहां की मीटर चाय भी काफी फेमस है। मीटर चाय को कॉफी के स्टाइल में ही बनाया जाता है। इस चाय को बनाने के लिए कई सामग्रियों को इसमें मिलाया जाता है, जिसमें कई तरह के मसाले मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे मीटर चाय कहा जाता है।