भारत के इन मंदिरों में चढ़ता हैं अनोखा चढ़ावा, जानकर आपको भी होगो हैरानी

भारत एक विशाल देश हैं जो अपने पर्यटन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता हैं। भारत के इन्हीं पर्यटन स्थलों में से कई धार्मिक स्थल भी हैं। भारत प्राचीन काल से आध्यात्म और आस्था के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है जहां आपको एक से बढ़कर एक मंदिर देखने को मिलते हैं। कोई अपनी भव्यता के लिए जाना जाता हैं तो कोई अपने चमत्कार के लिए। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अनोखे चढ़ावे के लिए जाने जाते हैं। ये चढ़ावे इतने अजीब हैं कि आपको भी जानकर हैरानी होगी। तो चलिए आपको उन मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां कई तरह का अनोखा चढ़ावा चढ़ता है।

भोपाल का जीजीबाई मंदिर

मध्यप्रदेश में भी कई ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं, लेकिन इसकी राजधानी भोपाल में स्थित जीजीबाई मंदिर अपने चढ़ावे को लेकर सुर्खियों में रहता है। यहां देवी के समक्ष जूते-चप्पल चढ़ाने की परंपरा प्रचलित है। यहां आने के बाद चढ़ावे की इस परंपरा को पूरा न किया जाए, तो ये धार्मिक यात्रा अधूरी मानी जाती है। गर्मी में लोग यहां देवी को चश्मा, टोपी जैसी चीजें चढ़ाते हैं। साथ ही श्रृंगार का चढ़ावा भी बहुत शुभ माना जाता है।

उत्तर प्रदेश का ब्रह्मा बाबा मंदिर

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक गांव के लिए ऐसा कहा जाता है कि एक बार एक व्यक्ति ड्राइवर बनने की इच्छा से मंदिर आया था। जब वो ड्राइवर बन गया तो उसने भेंट के रूप में भगवान को घड़ी चढ़ाई। ये सब देखते हुए स्थानीय लोग भी इस परंपरा का पालन करने लगे। इच्छा पूरी होने पर घड़ियां मंदिर के पेड़ की शाखाओं के पास रखी जाती हैं।

मध्य प्रदेश का काल भैरव मंदिर

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं के अलावा भैरव को प्रसन्न करना भी जरूरी होता है। वैष्णो देवी के पास भैरव का मंदिर बहुत प्रचलित है, लेकिन उनके देश में अन्य जगहों पर भी मंदिर मौजूद हैं। मध्यप्रदेश के काल भैरव मंदिर में भक्त उन्हें भोग में शराब का चढ़ावा चढ़ाते हैं। इस मंदिर के बाहर कई शराब की दुकानें खुली हुई हैं। यहां भक्त पुजारी को शराब की बोतल देते हैं और वे इसे चढ़ाकर बची हुई शराब को प्रसाद के रूप में भक्त को लौटा देते हैं।

केरल का मुरुगन मंदिर

दरअसल कई साल पहले पास में रहने वाला एक मुस्लिम लड़का रोज-रोज मंदिर की घंटियां बजाय करता था, उसे उस बात और बहुत डांट भी पड़ती थी। अगले दिन जब वो बीमार पड़ा तो लगातार मुरुगन के नाम का जाप करने से माता-पिता उसे मंदिर में ले आए। पुजारी ने उसे भगवान को फल-फूल चढाने के लिए कहा, उसने ऐसा करने से मना कर दिया और बदले में मंच चॉकलेट भेंट कर दी। ये देखकर भगवान मुरुगन का दिल पिघल गया और लड़का चमत्कारिक रूप से अपनी बीमारी से ठीक हो गया। तब से भक्त देवता को चॉकलेट के डिब्बे चढ़ाते हैं और यहां तक कि उन्हें चॉकलेट की माला से भी सजाते हैं।

मंदसौर का सगस बावजी मंदिर

यह मंदिर किसी और राज्य में नहीं बल्कि हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में मौजूद है। कहा जाता है यहां पर पिछले 30 वर्षों से एक अनोखा चढ़ावा चढ़ रहा जिसके बारे में सुनने के बाद लगभग हर कोई कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाता है। जी हां, मंदसौर के इस मंदिर में लोग फूल-पत्ती कम लेकिन घड़ी का चढ़ावा सबसे अधिक देखा जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से उस व्यक्ति का बुरा समय दूर हो जाता है और जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं। इसके अलावा एक अन्य मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति इस मंदिर से घड़ी चुराता है तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं, इसलिए कोई भी इस मंदिर से घड़ियों को घर नहीं ले जाता है।

केरल का महादेव मंदिर

केरल के राष्ट्रीय विकास केंद्र में महादेव का एक मंदिर मौजूद है और ये मंदिर अपने अनोखे चढ़ावे के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां भक्त भगवान को डीवीडी या किताबें भेंट के रूप में चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ये तरीका ज्ञान के भगवान को प्रसन्न कर सकता है। यहां भी इस चढ़ावे से जुड़ी हुई कई दुकानें मौजूद हैं।

तमिलनाडु का अज़गर मंदिर

तमिलनाडु के मदुरै में अज़गर कोविल या अज़गर मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है। देवता को यहां डोसा या डोसाई चढ़ाया जाता है जो विशेष रूप से मंदिर परिसर की रसोई में तैयार होता है। डोसा को पकाने के लिए खास सफेद चावल और काली उड़द दाल लाई जाती है। एक बार डोसा तैयार हो जाने के बाद उन्हें देवता को चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।