उदयपुर राजपुताना के समय में मेवाड़ राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है। जिसकी खोज महाराणा उदयसिंह ने की। जिनके नाम पर ही इस शहर का नाम है। यहां लेक की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जिसके कारण इसका सिटी ऑफ लेक पड़ा। चलिए जानिए उदयपुर में कौन-कौन सी जगह है घूमने को।
सिटी पैलेससिटी पैलेस जिसे राजमहल के रुप में भी जाना जाता है। पिछोला झील के किनारे पर सफेद संगमर से बना यह महलप्राचीन स्थापत्य कला में रूचि रखने वालो के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह महल राजस्थान के विशाल महलों में से एक है। यह महल सुबह 9 बजे से शाम 4 चार बजे तक खुला रहता है। जिसकी इंट्री फीस भी लगती है।
सहेलियों की बाड़ी सहेलियों की बाड़ी राजस्थान के ख़ूबसूरत शहर उदयपुर में स्थित एक बाग़ है। इस बाग़ में कमल के तालाब, फ़व्वारे, संगमरमर के हाथी और कियोस्क बने हुए हैं। इस उद्यान का मुख्य आकर्षण यहाँ के फ़व्वारे हैं, जिनके बारे मंल कहा जाता है कि इन्हें इंग्लैण्ड से मंगवाया गया था। श्रावण मास की अमावस्या के अवसर पर इस बाड़ी में नगर निवासियों का एक बड़ा मेला भी लगता है।
जग मंदिरयह मंदिर पिछोला नदी के किनारे बना हुआ है। इसे 'लेक गार्डन पैलेस' के नाम से भी जाना जाता है। महाराणा अमर सिंह ने इसे बनवाया शुरु किया था। जोसे महाराणा कर्ण से काम कराया। महाराणा जगत सिंह प्रथम ने इसका निर्माण कार्य पूरा
मानसून पैलेसमानसून पैलेस को आमतौर पर सज्जनगढ़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर से 5 किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्तिथ इस महल को बनवाने का काम महाराणा सज्जन सिंह ने शुरू करवाया था जिसे की उनके आकस्मिक निधन के बाद महाराणा फ़तेह सिंह ने पूरा किया । उदयपुर में सूर्यास्त देखने के लिए पिछोला झील के बाद इसी महल को सर्वोत्तम माना जाता है क्यूंकि यंहा से पूरा उदयपुर शहर , फतेहसागर झील और आसपास के गाँव और अरावली की पहाड़िया दिखती है ।
फतेह सागर झीलफतेह सागर झील उदयपुर दर्शनीय स्थल में सबसे खुबसूरत स्थान है। यहा चेतक सर्कल से होते हुए सीधा यहा पहुंचा जा सकता है। इस झील की लंबी सर्पीली चिकनी सडक पर सैर करने का अपना अलग ही मजा है। यहा सैलिनी वोटिंग का भी आनंद उठा सकते है।