'फादर्स डे' पर अपने पिता को करवाएं स्‍पेशल फील, उत्तराखंड की इन 8 जगहों पर करें सेलिब्रेट

हर साल जून के तीसरे रविवार को ‘फादर्स डे’ मनाया जाता है। इस साल ये 19 जून 2022 को है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1910 में हुई थी। पिता अपनी पूरी जिंदगी अपने बच्‍चों पर न्‍यौछावर कर देते हैं और बदले में कुछ भी नहीं मांगते। उनकी पूरी लाइफ अपने बच्‍चों के सपने और इच्‍छाएं पूरी करने में गुजर जाती है। इस नाते बच्‍चों की भी यह जिम्‍मेदारी बनती है कि वो अपने पिता को स्‍पेशल फील करवाएं और उन्‍हें बताएं कि उनके बच्‍चे भी उनके लिए कुछ कर सकते हैं। अगर आप भी इस स्पेशल डे को खास बनाने का प्लान कर रहे हैं, तो आप उत्तराखंड के 8 डेस्टिनेशन में से किसी एक को ‘फादर्स डे’ सेलिब्रेशन के लिए चुन सकते हैं।

हरिद्वार

भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है उत्तराखंड का शहर हरिद्वार। हरिद्वार को चार धामों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। हर की पौड़ी हरिद्वार की सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। प्रतिदिन सायंकाल में हर की पौड़ी पर गंगा आरती की जाती है जिसे देखना और आरती में शामिल होना अपने आपको सौभाग्यशाली महसूस कराता है। हरिद्वार गंगा स्नान, मुंडन संस्कार, अंतिम संस्कार आदि के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। आपको यहाँ गंगा नदी पर बानी गंगा मैया जी की खुबसूरत मूर्ति देखने को मिलेगी। हरिद्वार भारत के सबसे अलौकिक अनुभवों में से एक है। इस जगह पर ‘फादर्स डे’ मनाना एक यादगार अनुभव हो सकता है। दिल्ली से हरिद्वार के बीच की दूरी करीब 240 km है।

ऋषिकेश

उत्तराखंड की सबसे मशहूर जगह में से एक है ऋषिकेश। ऋषिकेश भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में बेशुमार है यह छोटा सा शहर अपने आश्रम, प्राचीन मंदिर और योग केंद्र के लिए दुनियाभर में प्रचलित है इसलिए यहाँ प्रतिवर्ष देश विदेश के विभिन्न प्रांतों से काफी संख्या में पर्यटक दस्तक देते हैं। यहां नेचुरल ब्यूटी के साथ रिवर राफ्टिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज की जा सकती हैं। ऋषिकेश बेहद शांत और प्राकृतिक सुंदरता वाला स्थान है। यहां आप हरी-भरी झाड़ियों के बीच ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला काफी ज्यादा फेमस है जो गंगा नदी के ऊपर बनी ब्रिज है। इस ब्रिज से गंगा नदी और आस पास के विहंगम नज़ारो का लुफ्त उठा सकते है। ऋषिकेश के परामर्थ निकेतन से आप गंगा की संध्यारती का आनंद ले सकते है। हिमालय की तलहटी में बसा ऋषिकेश ‘फादर्स डे’ सेलिब्रेट करने के लिए बढ़िया डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। दिल्ली से ऋषिकेश के बीच की दूरी करीब 270 km है।

मसूरी

चाहे बर्फ से ढके पहाड़ों के सौंदर्य को निहारना हो या हरे भरे जंगलो के खुबसूरत वादियों में खो जाना हो, उत्तराखंड का मसूरी हिल स्टेशन किसी जन्नत से कम नहीं। 'क्वीन ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर मसूरी हिमालय की तलहटी में स्थित है। मसूरी में पर्यटकों के मौज मस्ती लिए वो सब कुछ है जो उनकी छुट्टियों को चार चाँद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। यहां का मौसम हर पल सुहावना बना होता है। यहां आप हिमालय की ऊंची चोटियों का दीदार कर सकते हैं। यहां कुछ खूबसूरत झरने भी हैं, जो आपकी ट्रिप को हमेशा के लिए यादगार बना देंगे। मसूरी की ठंडी और शांत वातावरण पर्यटकों को बहुत ज्यादा लुभाती है। मसूरी अपनी एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है आप यहाँ boating, trekking, paraglaiding और cable car ride इत्यादि का आनंद ले सकते है। दिल्ली से मसूरी के बीच की दूरी करीब 300 km है।

नैनीताल

नैनीताल हिल स्टेशन भी उत्तराखंड राज्य के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। नैनीताल पर्यटकों के बीच इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ हरे-भरे पहाड़ियों से घिरे कई झील मौजूद हैं जिनमे से नैना झील सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इसी झील के कारण इस जिले का नाम नैनीताल पड़ा इस झील में बोटिंग करते हुए आपको ऐसा एहसास होगा मानो आप किसी और ही दुनिया में आ गए हों जिसे आप अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं इसके अलावा नैनीताल में घूमने की जगह और भी बहुत से हैं जिसे आप अपने ट्रेवल लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। नैनीताल में खाने-पीने की चीजों की भरपूर सुविधा है और यदि आप shopping के शौक़ीन हैं तो यहाँ का मॉल रोड आपके लिए बेस्ट साबित होगा। अगर हम नैनीताल में एडवेंचर एक्टिविटीज़ की बात करें तो Boating, Trekking, Camping, Rope way riding, Horse Riding एक्टिविटीज का लुफ्त उठा सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल के बीच की दूरी करीब 315 km है।

देहरादून

जब आप पहली बार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की यात्रा करते हैं, तो मन मोह लेने वाले दृश्य देखने को मिलते हैं। अगर आप ऐतिहासिक स्थान देखने के शौकीन हैं, तो देहरादून में मिन्ड्रोलिंग मठ का दौरा जरूर करें। यहां आपको समृद्ध तिब्बती इतिहास, एक भव्य स्तूप और कुछ दिलचस्प तिब्बती कलाएं देखने को मिलेंगी। टोंस नाडी नदी के तट के पास एक गुफा में स्थित टपकेश्वर मंदिर, शहर के थोड़ा करीब है, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यदि आप शहर के केंद्र में हैं, तो क्लॉक टॉवर देखने के लिए जरूर जाएं। दिल्ली से देहरादून की दूरी करीब 280 किलोमीटर है।

रानीखेत

बेहतरीन प्राकृतिक दृश्यों और प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध उत्तराखंड का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है रानीखेत। रानीखेत को ‘रानी का मैदान’ के नाम से भी जाना जाता है, जहां के देवदार और बलूत के पेड़ इस जगह की खूबसूरती में चार-चांद लगा देते हैं। यहां आकर आपको भरपूर शांति का अनुभव होगा। रानीखेत कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और नागा रेजिमेंट का घर है और अब भारतीय सेना द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है। रानीखेत का मुख्य शहर काफी भीड़भाड़ वाला है, लेकिन सैन्य क्षेत्र में काफी शांति है। उत्तराखंड राज्य की इस खूबसूरती को देखने का सबसे अच्छा तरीका रोड ट्रिप है। दिल्ली से रानीखेत आप ड्राइव करते हुए जा सकते हैं। दिल्ली से रानीखेत की दूरी करीब 383 किलोमीटर है।

औली

औली को भारत का स्विट्ज़रलैंड भी कहा जाता है। औली अपने स्की रिसोर्ट और Ice adventure के लिए काफी प्रसिद्ध है हर साल देश-विदेश से लोग Skking, Trekking, Camping, Ropeway ride का आनंद लेने यहाँ आते हैं। भारत की सबसे ऊंची चोटी का बेहतर नजारा देखने के लिए खूबसूरत क्षेत्र में केबल कार की सवारी कर सकते हैं। ये शहर यात्रा करने के लिए सुरक्षित है। गर्मी के मौसम में यहाँ की हरियालियों का मनोरम दृश्य किसी भी पर्यटकों के दिलों दिमाग में छाप छोड़ जाता हैं। वैसे तो औली की प्रकृति बेहद करीब से निहारने साल में कभी भी आ सकते है। औली आपको हर तरह से आनंद प्रदान करेगी। दिल्ली से औली की दूरी करीब 500 किलोमीटर है।

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी शहर उत्तराखंड में स्थित है, और इसे हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। पूरा शहर दिव्य विरासत, लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता और सुखदायक वातावरण से भरा हुआ है। इसे देवभूमि भी कहा जाता है, और इसे यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थयात्रा का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसमें प्रकृति के सबसे लुभावने नज़ारों के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण ट्रैकिंग मार्ग भी हैं जो इसे प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों का पसंदीदा गंतव्य बनाता है। बर्फ से लदी पहाड़ियां, सुंदर घाटियां और हरे-भरे अल्पाइन जंगल इसे धरती पर स्वर्ग जैसा बनाते हैं। दिल्ली से औली की दूरी करीब 435 किलोमीटर है।