मॉनसून का सीजन जारी हैं और बरसात के इन दिनों में सभी घूमने का आनंद लेना पसंद करते हैं। इसके लिए सभी ऐसी जगहों का चुनाव करते हैं जहां इस सीजन में मौसम सुहाना रहे और बिना किसी तकलीफ के घूमा जा सकें। ऐसे में राजस्थान को बहुत पसंद किया जाता हैं जो अपने रेगिस्तान के साथ ही संस्कृति, इतिहास, कला, पारंपरिक भोजन आदि के लिए जाना जाता हैं। जब भी कभी पर्यटक राजस्थान आते हैं तो यहां के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमने का मजा लेते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको राजस्थान के प्रसिद्द जगहों की जानकारी लेकर आए हैं जो अपने किलो, मंदिरों और सजी हुई हवेलियों के लिए मशहूर है। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
उदयपुरउदयपुर में भी आप कभी भी जा सकते हैं। यहां आप झीलों का मजा ले सकते हैं। यहां की हवेलियों और महलों की भव्यता को देखकर दुनिया भर के पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। शानदार बाग-बगीचे, झीलें, संगमरमर के महल, हवेलियां आदि इस शहर की शान में चार चांद लगाते हैं। अरावली की पहाड़ियों से घीरे और पांच मुख्य झीलों के इस शहर को देखने या घुमने-फिरने के लिए कभी भी जा सकते हैं। घाटी में बसा व चार झीलों से घिरे इस शहर को अगर “राजस्थान का कश्मीर” कहा जाए तो, इसमें कुछ गलत नहीं है। राजस्थान आकर्षक स्थल में इस शहर का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है। राजस्थान में 'जयसमंद झील' को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का दर्जा प्राप्त है। यह उदयपुर जिला मुख्यालय से 51 किमी दूर दक्षिण-पूर्व की ओर उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर स्थित है।
जैसलमेरराजस्थान की “गोल्डन सिटी”, इसे ये नाम थार मरूस्थल में उड़ते सुनहरे पीले बालू टिब्बों के कारण दिया गया है। पाकिस्तान की सीमा के करीब बसा यह शहर राजस्थान का चर्चित पर्यटक स्थल है। अगर आप रेगिस्तान ही देखना चाहते हैं तो जरूरी है जैसलमेर और बाड़मेर का दौरा करना। बाड़मेर राजस्थान में स्थित एक छोटा किंतु रंगों से भरपूर शहर है, लेकिन इसको देखना राजस्थान को देखना है। दूसरी ओर अनुपम वास्तुशिल्प, मधुर लोक संगीत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने में संजोए हुए जैसलमेर स्वर्ण नगरी के रूप में विख्यात है। जैसलमेर का किला यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण है। जैन मंदिर, राष्ट्रीय उद्यान, गदीसर झील, बड़ा बाग आदि अन्य स्थल हैं।
जोधपुर
जोधपुर दिल्ली से करीब 600 किलोमीटर की दूरी पर है। इस शहर को राव जोधा ने बसाया था। यहां के अधिकतर घरों के रंग नीले हैं इसीलिए इसे ब्लू सिटी भी कहा जाता है। जोधपुर शहर के बीचोंबीच में है घंटाघर। इसके आसपास बेहद सुंदर तरीके से जगमग हैं कपड़ा बाजार, सर्राफा बाजार, मसाला बाजार खासतौर पर मिर्ची बाजार। आप उम्मेद भवन से जोधपुर भ्रमण की शुरुआत कर सकते हैं। उम्मेद भवन के अलावा यहां घूमने लायक है मेहरनगढ़ किला। इसे एक ऊंची पहाड़ी पर राव जोधा ने 1459 में बनवाया था। किले में मां चामुंडा का मंदिर भी है। यहाँ घूमने और देखने लायक एक से बढ़ कर एक एतिहासिक स्मारक, उद्दान, महल और झील मौजूद है जिसमे मेहरानगढ़ किला, उमेद भवन पैलेस, मंडोर गार्डन और कायलाना झील काफी प्रसिद्ध है।
माउंट आबूमाउंट आबू राजस्थान में अरावली पर्वत पर विविधता लिए हुए एक अनोखा हिल स्टेशन है, प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करता है। माउंट आबू से बहुत-सी पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वही स्थल है, जहां महान ऋषि वशिष्ठ रहा करते थे। इसे ऋषियों-मुनियों का आवास स्थल माना जाता है। यहां कई हिन्दू और जैन मंदिर के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य को गुरु शिखर से देखा जा सकता है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर इस हिल स्टेशन में बहुत से हरे भरे जंगल, झरने और झीले हैं साथ ही माउंट आबू कई धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है तथा एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
जयपुरराजस्थान की राजधानी जयपुर को पिंक सिटी (गुलाबी शहर) के नाम से भी जाना जाता है। इसके सौंदर्य से आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह शहर सुंदर किलों, मंदिरों व संग्रहालय आदि से अपनी शोभा बढ़ाता है। यहां के कुछ मुख्य पर्यटन स्थलों में- हवा महल, आमेर किला, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, चोखी धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम व बिरला मंदिर आदि शामिल है। यहाँ देश विदेश से हजारो कि तादात मे श्रधालु यहाँ कि संस्कृति और परम्परा को देखने रोज आते है जयपुर अपने स्वादिष्ट और जटपटे भोजन के लिये भी पुरे भारत वर्ष मे काफी प्रसिद्ध है। बापू बाजार यहां का सबसे प्रख्यात बाजार है जो, राजस्थान की पारंपरिक वस्तुओं के लिए जाना जाता है-रंग-बिरंगे जयपुरी दुपट्टे, राजस्थानी गहनें आदि।
पुष्करयह सबसे प्राचीन शहरों में से एक है, जो पाँच पवित्र धामों में से एक है। राजस्थान में अजमेर शहर से 14 किलोमीटर दूर पुष्कर झील है। इस झील का संबंध भगवान ब्रह्मा से है। यहां ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर बना है। पुराणों में इसके बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है। यह कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है। यहां विश्व का प्रसिद्ध पुष्कर मेला लगता है, जहां देश-विदेश से लोग आते हैं। पुष्कर की गणना पंच तीर्थों में भी की गई है। पुष्कर के पास अजेमार में आप विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर भी जा सकते हैं।
भरतपुरइस स्थान को 'पक्षियों का स्वर्ग' कहा जाता है। यह स्थान केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के नाम से प्रसिद्ध है। यहां पशु-पक्षियों की 370 से अधिख प्रजातियां हैं। आपको यहां ढेर सरे अनोखे पक्षी देखने को मिलेंगे। यहां पक्षियों की 230 प्रजातियां हैं, 200 प्रकार के अन्य जानवर जैसे-मछली, कछुए, सांप, छिपकलियां, आदि व 350 प्रकार के फूलों के पौधों का स्थान है।
बीकानेरइस शहर को 'ऊंटों का देश' कहा जाता है। यहां ऊंटों की सवारी कर बालू टिब्बों से गुजरने का अनुभव अद्भुत है। बीकानेर, अंतराष्ट्रीय ऊंटों के त्योहार के लिए भी मशहूर है, जिसे विश्वभर से लोग देखने आते हैं। बीकानेर अपनी अद्भुत संस्कृति, कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां के प्राचीन महल व किलों की भव्यता और सुंदरता देखे ही रह जाओगे। इस शहर को संस्कृति व पर्यटकों का स्वर्ग माना जाता है।
चित्तौड़गढ़चित्तौड़गढ़ वीरता, त्याग और बहादूरी की कहानी कहने वाला शहर है। मेवाड़ के तत्कालीन राज्य की राजधानी चित्तौड़गढ़ किलों, गढ़ों, खंडहरों और सदाबहार कहानियों से भरा हुआ है। चित्तौड़गढ़ अपने सबसे खास आकर्षण चित्तौड़गढ़ किले के लिए दुनिया भर में मशहूर है, जो कि एक पहाड़ी पर बना एक विशाल किला है और लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र को कवर करता है।
सवाई माधोपुरसवाई माधोपुर को कछवाहा राजपूतों के महाराजा सवाई माधोसिंह ने बनवाया था और इसकी स्थापना 1763 में हुई थी। वैसे तो सवाई माधोपुर के पास कोई उल्लेखनीय पर्यटक आकर्षण नहीं है लेकिन यहां स्थित रणथंभौर किला और रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान ने इसको राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। यहां के रणथंभौर किले को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की सूचि में शामिल कर रखा है। राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल ये जगह वन्यजीवों की तस्वीरें खींचने के शौकीन यात्रियों का केंद्र है। 392 km के क्षेत्र में फैला राष्ट्रीय उद्यान अद्भुत पक्षियों व जानवरों को उनके प्राकृतिक निवास में रहते देखने का सबसे अच्छा स्थान है।