कनाताल: उत्तराखंड का ख़ूबसूरत हिल स्टेशन, मंत्रमुग्ध कर देते हैं यहां के दिलकश नज़ारे

उत्तराखंड में इतने सारे हिल स्टेशन हैं कि सैलानी हर जगह नहीं घूम पाते हैं। ज्यादातर सैलानी इस पहाड़ी सूबे के मशहूर हिल स्टेशन नैनीताल, मसूरी और कौसानी इत्यादि ही जाते हैं। लेकिन इनके अलावा भी कुछ हिल स्टेशन ऐसे हैं जिन्हें सीक्रेट ब्यूटी कहा जाता है और कम ही लोगों को इनके बारे में पता होता है। यदि आपको प्रकृति से प्रेम है और आप कुछ रोमांच करना चाहते हैं तो आपके लिए कनाताल बहुत ख़ास जगह बन सकती है। कनाताल उत्तराखंड में स्थित एक बहुत ही ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर आपको ख़ूबसूरत मौसम, मनमोहक वातावरण और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दिलकश नज़ारे देखने को मिलते हैं। इस जगह पर आकर घूमने के साथ साथ तारों भरी रातों का भरपूर आनंद लेने के लिए लोग आते हैं। इस जगह को सबसे ज़्यादा कैंपिंग के लिए जाना जाता है।

इको पार्क

कनाताल यात्रा के दौरान आपको धनोल्टी इको पार्क ज़रूर जाना चाहिए। यह नया बना हुआ पार्क बहुत ही ख़ूबसूरत है और अपने यहाँ आने वाले सैलानियों को अपनी तरफ खिंचता है। यह कनाताल में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में शुमार किया जाता है। इस जगह पर यदि आप आते हैं तो आपको बहुत ही शांत और सुखद वातावरण मिलेगा। इस जगह पर एक नहीं बल्कि ‘अंबर’ और ‘धरा’ नाम से दो पार्क हैं। दोनों ही पार्क एक- दूसरे से केवल 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह पार्क अपने शांत और सकून भरे वातावरण के लिए जाने जाते हैं।

कौडिया जंगल

कौड़िया जंगल अभी तक बहुत से लोगों ने एक्सप्लोर नहीं किया हुआ है इसलिए ज्यादा पर्यटक कौड़िया जंगल को नहीं जानते हैं इस जंगल में आप जंगल सफारी का भी मजा ले सकते हो यह कनाताल से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है इस जंगल के चारों ओर देवधार के पेड़ लगे हुए हैं जो इस हिल स्टेशन की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं अगर आप कनाताल आए तो खोडिया जंगल को एक बार जरुर विजिट करें।

सुरकंडा देवी मंदिर

कनाताल हिल स्टेशन की सबसे फेमस जगहों में से एक है, सुरकंडा देवी मंदिर। पहाड़ की ऊँची जगह पर स्थित सुरकंडा देवी मंदिर सैलानियों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। यहाँ से आपको दूर-दूर तक पहाड़ ही पहाड़ दिखाई देंगे। ऐसे खूबसूरत नजारे देखकर आप दंग रह जाएंगे। सुरकंडा देवी मंदिर भारत के चुनिंदा शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि जब भगवान शिव देवी सती के शरीर को कैलाश पर्वत ले जा रहे थे तो इस जगह पर उनका सिर गिरा था। देवी के हिस्से जिस-जिस जगह पर गिरे वो शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं।

धनोल्टी

कनाताल घूमने आए और धनोल्टी नहीं घुमा तो आपकी ट्रिप अधूरी रह जाएगी। इस जगह पर आपको जो मौसम की रूमानियत देखने को मिलती है वह शायद ही कहीं और देखने के लिए मिलेगी। यह ऊंचे ख़ूबसूरत पेड़ों और समृद्ध घास के मैदानों से सज़ा एक बहुत ही सुरम्य हिल स्टेशन है। लगभग 2286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह पर आकर आपको ऐसा लगेगा कि हम किसी और ही दुनिया में आ गए हैं। इस जगह पर आपको शानदार हिमालयी दृश्य और सुंदर पगडंडियाँ देखने को मिलेंगी। आप एक बहुत ही सुखद मौसम को जी सकेंगे।

कैसे जाएँ

हवाई जहाज से: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा कनाताल का निकटतम हवाई अड्डा है। यह अच्छी तरह से पक्की सड़कों के साथ कनाताल से 92 किमी दूर स्थित है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से कनाताल के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। ट्रेन से: कनाताल से जुड़े दो निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं। देहरादून कनाताल से 85 किमी दूर स्थित है और ऋषिकेश से कनाताल की दूरी 75 किमी है। इन दोनों जगह से कनाताल के लिए टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं।

ट्रेन से

कनाताल से जुड़े दो निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं। देहरादून कनाताल से 85 किमी दूर स्थित है और ऋषिकेश से कनाताल की दूरी 75 किमी है। इन दोनों जगह से कनाताल के लिए टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं।

सड़क द्वारा

कनाताल मसूरी-चंबा रोड पर स्थित मोटर योग्य सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट से मसूरी, ऋषिकेश और चंबा के लिए लग्जरी और सामान्य बसें आसानी से उपलब्ध हैं। उत्तराखंड राज्य के प्रमुख स्थलों जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और टिहरी, चंबा और मसूरी आदि से कनताल के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।