अजमेर जा रहे हैं तो जरूर करें इन दर्शनीय स्थलों की सैर, मिलेगा घूमने का पूरा मजा

अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ अजमेर, राजस्थान का एक एतिहासिक शहर है। अपनी संस्कृति, इतिहास, खानपान और खूबसूरत स्थलों के चलते यह पर्यटकों को अपनी ओर खींचता हैं। अजमेर को भारत का मक्का भी कहा जाता है क्योंकि यहां मुस्लिम संप्रदाय का पवित्र स्थल खवाजा साहिब की दरगाह हैं। इसी के साथ इस शहर में घूमने लायक कई जगहें हैं जो अपनी विशिष्ट वास्तुकला और संस्कृति के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए अजमेर आते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको अजमेर के मशहूर दर्शनीय स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो यहां घूमने का पूरा मजा देंगे। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

अजमेर शरीफ़

अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह यहाँ के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस दरगाह में हर धर्म-जाति के लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर आगरा से 437 किमी। पैदल चलकर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर बेटा होने की दुआ माँगने आए थे। आज के समय में देश-विदेश से लोग दरगाह पर आकर मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद चादर चढ़ाते हैं। यह पवित्र दरगाह अपनी अनूठी और उत्कृठ स्थापत्य शैली के लिए भी प्रसिद्ध है जिसका निर्माण शाहजहां ने करवाया था और अकबर ने इस दरगाह के लिए योगदान दिया था। इस दरगाह की प्रमुख आकर्षण तीन द्वार निजाम गेट, शाहजहां गेट और बुलंद दरवाज़ा है और इनमें बुलंद दरवाज़ा अपनी प्राचीन स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है।

आना सागर झील

अजमेर में आप आना सागर झील देख सकते हैं। यह एक बेहद खूबसूरत कृत्रिम झील है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस झील का निर्माण पृथ्वीराज चौहान के पिता आणाजी चौहान ने करवाया था। आणाजी से नाम पर ही इस झील का नाम आना सागर पड़ा। इस झील के आसपास की जगह भी बेहद खूबसूरत है। यहाँ का दौलत बाग देखने में बहुत खूबसूरत है, जिसका निर्माण जहांगीर ने करवाया था। इस झील में आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।

पुष्कर सरोवर

अजमेर स्थित पुष्कर झील देशभर में बहुत मशहूर है। अगर आप अजमेर गए और पुष्कर नहीं घूमे तो मतलब आपने कुछ नहीं घूमा। यह सरोवर हिन्दू धर्म के लोगों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र है। यह राजस्थान का एक विख्यात तीर्थ स्थान है, जहां ब्रह्मा जी का मंदिर है। कहते हैं कि पूरे देश में यह ब्रह्माजी का इकलौता मंदिर है। इसके अलावा पुष्कर झील भी देशभर में मशहूर है। इसे भारत के पांच पवित्र सरोवरों में से एक माना जाता है। कुछ विशेष अवसरों पर यहां श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आते हैं। अजमेर आए पर्यटक पुष्कर सरोवर घूमने जरूर आते हैं। यहां आप ऊंट सवारी का आनंद ले सकते हैं।

नारेली जैन मंदिर

अजमेर के बाहरी इलाके में स्थित, यह खूबसूरत संगमरमर की इमारत समकालीन और पारंपरिक स्थापत्य शैली का एक आदर्श मिश्रण है। ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, यह दिगंबर जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह सुंदर नक्काशीदार मंदिर शांति और शांति की आभा प्रदान करता है, और अजमेर में देखने के लिए सबसे सुंदर स्थानों में से एक है।

अढ़ाई दिन का झोपड़ा

अजमेर में स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक ऐतिहासिक मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण 1192 में मोहम्मद ग़ोरी के निर्देश पर कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था। इस मस्जिद में ढ़ाई दिन का उत्सव चलता है जिसकी वजह से इस मस्जिद को यह नाम दिया गया है। इस मस्जिद के निर्माण में खूबसूरत वास्तुकला का इस्तेमाल देखने को मिलता है। हालांकि कहा जाता है कि इस जगह पर एक बहुत बड़ा संस्कृत विद्यालय और मंदिर था, जिन्हें तोड़कर मस्जिद में बदल दिया गया था। यही वजह है कि यह अंदर से एक मस्जिद की तरह न लगकर, किसी मंदिर की तरह दिखाई देता है। हर साल यहां हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं।

तारागढ़ किला

तारागढ़ किला, अजमेर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। इस किले का निर्माण सन 1354 में किया गया था और यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध प्राचीन संरचनाओं में से एक है। यह किला अरावली पर्वत पर स्थित है। यह अजमेर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। पहाड़ी की खड़ी ढलान पर बने इस किले में प्रवेश करने के लिए तीन विशाल द्वार बनाए गए हैं। यह किला पर्यटकों के लिए वास्तुकला का एक शानदार और उत्कृष्ट उदाहरण पेश करता है। घूमने के लिहाज से यह एक बेहतरीन जगह है।

अकबरी किला

अजमेर के प्रसिद्ध स्थानों में से एक अकबरी किला एक बेहतरीन वास्तुकला का उदाहरण है जो मुगल और राजपुताना शैली में निर्मित है। अकबर द्वारा निर्मित, जिन्होंने 1570 में इसका निर्माण शुरू किया था। यह अनुदान किला उनके बेटे, प्रिंस सलीम का पूर्व निवास था। किला अब अजमेर में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक बन गया है। यह मुगल और राजपूत मूर्तियों और कवच के संग्रह का घर है।

सरकारी म्यूजियम

अजमेर में सरकारी म्यूजियम इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक बहुत ही दिलचस्प जगह है। अकबरी किले के अंदर स्थित, यह म्यूजियम एम्परर अकबर के शासन काल से संबंधित कलाकृतियों का एक विशाल संग्रह रखता है। म्यूजियम को मैगज़ीन के रूप में भी जाना जाता है और यह अजमेर में सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह पुरातत्व, शस्त्रागार, कला और शिल्प, और अधिक के विषयों के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित है। आपको प्रदर्शन पर विभिन्न प्रकार के लघु चित्र और मूर्तियां मिलेंगी।

सोनी जी की नसियां

अजमेर में स्थित सोनी जी की नसियां एक प्रसिद्ध जैन मंदिर हैं। इसे लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थकर को समर्पित हैं। सोनी जी की नसियां मंदिर का मुख्य आकर्षण इसका मुख्य कक्ष है, जिसे स्वर्ण नगरी या सोने के शहर के नाम से भी जाना जाता हैं। इस मंदिर में जाएं धर्म से जुड़ी सोने की लकड़ी की कई आकृतियां बनी हुई हैं। यह मंदिर पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और दूर-दूर से लोग इस मंदिर को देखने आते हैं।