खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है देहरादून, जरूर करें यहां इन 8 जगहों की सैर

उत्तराखंड को पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन राज्य माना जाता हैं जो हिमालय की गोद में बसा हुआ हैं। यहां के विभिन्न पर्यटन स्थलों में से एक हैं देहरादून जो कि यहां की राजधानी हैं। खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाने वाला देहरादून प्राकृतिक आनंद प्रदान करने वाले विचित्र शहरों में से एक है। यह एक आकर्षक हिल स्टेशन है जो दोस्तो के साथ एन्जॉय करना हो या फिर फैमिली वेकेशन, छुट्टियां बिताने के लिए सबसे अच्छा डेस्टिनेशन है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आज इस कड़ी में हम आपको देहरादून की प्रसिद्द जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप खुलकर घूमने का मजा ले सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

राजाजी नेशनल पार्क

राजाजी नेशनल पार्क 830 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ देहरादून के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जो कि हाथियों और बाघों के साथ-साथ एशियाई भालू , हिरण सूअर, सांभर, नीलगाय और खरगोश आदि के लिए प्रसिद्ध है। इस पार्क में घूमने के लिए जीप सफारी की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिससे आप जंगल सफारी कर सकते हैं। राजाजी नेशनल पार्क में जीप सफारी का किराया करीब 2500 रूपये होता है, जिसमें 6 लोग बैठ कर एक साथ जंगल सफारी कर सकते हैं।

सहस्त्रधारा

जितना ही खूबसूरत सहत्रधारा है, उतना ही बेहतरीन इसका सफर भी है। शहर से 15 किलोमीटर दूरी पर 40 मिनट के सफर में इसकी खूबसूरती को अपनी आँखों से देख सकते है। ये देहरादून का प्राकृतिक वाटरपार्क है जहां गर्मियों के मौसम स्वीमिंग का आनंद लेने के लिए टूरिस्ट यहाँ आते है। यहाँ स्वीमिंग के साथ-साथ कई वाटर एक्टिविटी भी कर सकते है। इस जगह की विशेषता है कि यहाँ आने वाला पानी प्राकृतिक रूप से बहता रहता है जिसकी वजह से पर्वतीय औषधियों से टकराते हुए पानी की बहती जलधारा देहरादून के सहत्रधारा में पहुँचता है। जिसकी बजह से यहाँ स्नान करने से स्किन रोग, जैसे चर्म रोग, खाज, खुजली इत्यादि दूर हो जाते है।

रॉबर्स केव

रॉबर्स केव का अन्य नाम 'गुच्चुपानी' है और रॉबर्स केव को स्थानीय लोग अधिकतर गुच्चुपानी के नाम से ही जानते हैं। रॉबर्स केव एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ 'डाकुओं की गुफा' होता है। भारत में ब्रिटिश शासन के समय इस गुफा में सुल्तान नामक एक खतरनाक डाकू रहता था, जो अंग्रेजों का सामान लुटकर इस गुफा में छुपा देता था। इसी वजह से इस गुफा का नाम 'रॉबर्स केव' पड़ गया। रॉबर्स केव की लंबाई 600 मीटर है। इस गुफा के अंदर कुछ झरना भी है, जो पहाड़ों से निकलते हुए चट्टानों के अंदर से आता है। इस गुफा के अंदर खाने-पीने के लिए कुछ छोटे-छोटे रेस्टोरेंट्स भी उपलब्ध है, जहां पर आप थोड़ा बहुत ब्रेकफास्ट वगैरह कर सकते हैं। इस गुफा के अंदर बहुत सारे लोग आपको स्नान करते हुए देखने को मिल जाएंगे। अगर आप भी चाहें तो वहां पर स्नान कर सकते हैं।

लच्छीवाला नेचर पार्क

लच्छीवाला नेचर पार्क एक जंगल के बीच में स्थित है, जहां का माहौल बिल्कुल शांत रहता है। इस पार्क में आपको शांत प्राकृतिक वातावरण के साथ-साथ आसपास बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे, जो पर्यटकों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है। इस पार्क के अंदर हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच बोटिंग एक्टिविटी और स्विमिंग पुल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जहां पर आप अपने दोस्तों या फैमिली के साथ काफी एंजॉय कर सकते हैं। साथ ही इस पार्क में एक कैफेटेरिया भी है, जो इस पार्क को एक बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

व्यू पॉइंट

व्यू पॉइंट सहस्त्रधारा के नजदीक ही स्थित है। रोपवे के द्वारा आप इस स्थान पर जा सकते हैं। इस व्यू पॉइंट के ऊपर पहुंचते ही आप को चारो ओर पहाड़ों की खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ मनमोहक दृश्य दिखाई देगा जो आप के दिल को छू जाएगा। यहां का शान्त और सुनहरा वातावरण पर्यटकों को अपनी और खींच लाता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान स्वर्ग समान है।

टपकेश्वर टेंपल

इस मंदिर का हिन्दू पौराणिक महत्व भी जुड़ा हुआ है महभारत काल से स्थित यह धर्मिक स्थल भोलेनाथ को समर्पित है यहाँ भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए है। ये वही जगह है जहाँ गुरु द्रोणाचार्य और इनकी पत्नी ने तपस्या किया करते थे। गुरुद्रोण शिक्षा ग्रहण करने के लिए और उनकी पत्नी कृपी पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए यहाँ भोलेनाथ का ज्ञाप किया करते थे। मंदिर के बगल से कल कल कर बहती हुयी टोंस नदी इसे और भी खूबसूरत बना देती है जहां शैलानी अपनी थकान मिटाने के लिए स्वीमिंग भी करते है। प्राकृतिक गुफा के भीतर बने भगवान शिव के इस मंदिर में पानी टपकता रहता है जिसकी वजह से इसे टपकेस्वर मंदिर कहा जाता है। मंदिर के बगल से बहती हुई पहाड़ी नदी जिसका एकदम क्लीन पानी देखकर पर्यटक चकाचौंध हो जाते है।

मालसी डियर पार्क

शहर की हलचल से कुछ दूर शांत वातावरण में स्थित इस पार्क में आप को कई तरह के वन्य प्राणी देखने को मिल जाएंगे। जीवों और वनस्पतियों से समृद्ध यह पार्क वन्य जीव प्रेमियों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। यह पार्क मुख्य रूप से हिरणों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन आप यहां पर हिरण के अलावा बाघ, खरगोश मोर आदि वन्य प्राणी भी देख सकते हैं। यह पार्क देहरादून के सबसे प्रमुख पार्कों में आता है।

मिंड्रोलिंग मोनेस्ट्री

मिंड्रोलिंग मोनेस्ट्री एक तिब्बती मठ है, जिसे 1965 ई। में कोचेन रिनपोचे के साथ-साथ तिब्बती, चीनी, जापानी और लद्दाखी कलाकारों द्वारा जापानी वास्तु शैली में निर्मित किया गया है। इस मठ में करीब 500 लामा निवास करते हैं, जिन्हें इस मठ के अधिकारी द्वारा मुफ्त में वस्त्र और भोजन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान किया जाता है। इस मठ में 107 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की समाधि स्थापित किया गया है। मठ के परिसर में तिब्बती रेस्टोरेंट्स, तिब्बती और बौद्ध धर्म से जुड़ी पुस्तकें और शॉपिंग की कुछ दुकानें भी उपलब्ध है, जहां से आप शॉपिंग कर सकते हैं।