बेमिसाल खूबसूरती का नायब हीरा है उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून, प्राकृतिक सुन्दरता देख अचंभित होता है पर्यटक

उत्तराखंड पर्यटन के लिहाज से बहुत समृद्ध राज्य है। प्राकृतिक नजारों से घिरे इस राज्य में कई हिल स्टेशन, मंदिर, पर्यटन स्थल मौजूद हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कई सारे पर्यटन स्थल हैं जो देश विदेश के यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। देहरादून में दो दिन के वीकेंड ट्रिप पर आप प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर, सहस्त्रधारा, एफआरआई, मालसी डियर पार्क और गुच्चुपानी घूमने जा सकते हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून हिमालय की तलहटी में बसा है। देहरादून अपनी प्यारी पहाड़ियों हल्की जलवायु और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह प्रकृति प्रेमियों और आराम की छुट्टी की तलाश करने वालों के लिए आदर्श स्थान है यहां तापमान आमतौर पर प्यारा होता है हालांकि सर्दियों में थोड़ी ठंडी भी हो सकती हैं लेकिन मौसम पूरे साल आदर्श रहता है। मसूरी से निकटता होने के कारण यह एक लोकप्रिय और घूमने लायक जगह है।

देहरादून ऐसे पर्यटकों के लिए बेहद ही खास है जो साहसिक गतिविधियों के शौकीन हैं और अपने दोस्तों या परिवार जनों के साथ एक रोमांचकारी ट्रिप पर जाना चाहते हैं। साथ ही साथ पहाड़ों, यहां का सूर्यास्त और मदमस्त कर देने वाली जलवायु का अनुभव ले सकते हैं। इसके अलावा देहरादून कई प्राचीन गुफाएं और प्राकृतिक झरनों से घिरा हुआ स्थान है। यहां एक लौकप्रिय रॉबर की गुफा जोकि पहाड़ियों से घिरी हुई एक प्राकृतिक गुफा हैं। यहां बर्फ के ठन्डे पानी का आनंद लें और देहरादून पर्यटन स्थल में आने वाले यात्री अपनी खूबसूरत पिक निकालने के लिए स्वतंत्र हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अन्य लोकप्रिय स्थल लच्छीवाला है। जहां पर्यटक एकान्त में बैठकर मानव निर्मित झील और उसके चारों ओर फैली घनी हरियाली का आनंद ले सकते हैं। यदि आप तैयार हैं तो लच्छीवाला नामक इस स्थान पर ट्रेकिंग और बर्डवॉचिंग की भी व्यवस्था है।

सहस्त्रधारा जलप्रपात

सहस्त्रधारा देहरादून में स्थित एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं जो देहरादून शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। सहस्त्रधारा का शाब्दिक अर्थ ” द थाउजेंड फोल्ड स्प्रिंग” हैं। इस स्थान पर झरने, गुफाएं, सीढियां और खेती की जमीन भी शामिल हैं। यह स्थान उन झरनों और गुफाओं के लिए भी जाना जाता हैं जिनमे पानी चूना पत्थर के स्टैलेक्टाइट्स से टपकता है। यह स्थान आकर्षित फोटोग्राफी, धार्मिक स्थल और पर्यटकों की पसंदीदा जगहों के लिए जाना जाता हैं। सहस्त्रधारा में कोई प्रवेश शुल्क नही लगता हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक सभी दिन यह खुला रहता हैं।

हर की दून

हर की दून देहरादून शहर की हलचल से दूर स्थित एक खूबसूरत पालने के आकार की घाटी है जिसका सौंदर्य देखते ही बनता है। इस घाटी की ऊंचाई समुद्र तल से 3,566 मीटर हैं। यह स्थान पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग भ्रमण की अधिकता प्रदान करता है। हर की दून घाटी को “देवताओं की घाटी” के रूप में भी जाना जाता हैं।

रॉबर्सगुफा

गुच्चू पानी एक जगह है जिसे रॉबर्स केव के नाम से भी जाना जाता है यानी चोरों की गुफा। यह गुफा 600 मीटर लंबी है और यह दो भाग में बंटी हुई है। इस स्थान पर एक गुफा है जिसके बीच में से पानी होकर गुजरता है। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेजों के शासन के दौरान यहां पर चोर और डाकू छुपा करते थे। इस गुफा में सबसे ऊंचा झरना 10 मीटर का है जो कि प्राकृतिक झरना है। यह देहरादून से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां पर भी लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं।

मिन्ड्रोलिंग मठ

तिब्बत में निंगम्मा स्कूल के छह प्रमुख मठों में से एक मिन्ड्रोलिंग मठ की स्थापना सन 1676 में रिग्जिन तेरदक लिंगपा के द्वारा गई थी। जिसे बाद में सन 1965 में भिक्षुओं के एक समूह के साथ खोचेन रिनपोछे द्वारा देहरादून शहर में फिर से स्थापित किया गया।मिन्ड्रोलिंग मठ देहरादून का एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं जहां सेंकडों की संख्या में पर्यटक आते हैं। कई वर्गों के साथ एक वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति होने के नाते मिन्ड्रोलिंग मठ को देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। कई सुंदर उद्यान, बड़े क्षेत्र, और एक स्तूप सभी मठों में स्थित हैं। मठ की स्थापना खोचेन रिनपोछे द्वारा की गई थी यह भारत में सबसे बड़ा बौद्ध अध्ययन केंद्र माइंड्रोलिंग या प्लेस ऑफ परफेक्ट इमैन्सिपेशन बौद्ध ग्रंथों तिब्बती चंद्र कैलेंडर खगोल विज्ञान पारंपरिक तिब्बती चिकित्सा और सुलेख के अध्ययन के लिए समर्पित है। 220 फुट ऊंचा बौद्ध मंदिर देहरादून का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। बुद्ध और गुरु पद्मसंभव का राजसी पवित्र मंदिर साथ ही साथ भगवान बुद्ध के जीवन और कार्यों को दर्शाती शानदार दीवार पेंटिंग यहां के मुख्य आकर्षण हैं।

मालसी डियर पार्क

शिवालिक रेंज के आधार पर देहरादून में स्थित मालसी डियर पार्क एक प्राणि उद्यान है। यह दो सींग वाले हिरण, मोर, बाघ, नीलगाय और कई अन्य जानवरों का निवास स्थान है। यहां आने वाले सभी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग की तरह प्रतीत होता हैं। मालसी डियर पार्क की सुंदरता समय बिताने के लिए बहुत ही अनमोल है। वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध यह पार्क शहर के व्यस्त जीवन से दूर रहने और आराम करने के लिए एक शानदार पर्यटक स्थल है। यह एक छोटा जूलोजिकल पार्क है। यह पार्क फोटोग्राफी, पिकनिक, शांत वातावरण और दर्शनीय स्थलों के लिए बहुत खास माना जाता है। हालांकि यह पार्क प्रमुख रूप से हिरणों के लिए फेमस है। लेकिन यहां मोर, नीलगाय, खरगोश और बाघ जैसी प्रजातियों के जानवरों को भी देखा जा सकता हैं। यह पार्क हिमालयी सुंदरियों जैसे नीलगायों और मृगों का घर है जो दुनिया भर से बच्चों और पशु प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। मालसी पार्क मालसी फॉरेस्ट रिजर्व का एक हिस्सा है और देहरादून शहर के राजाजी नेशनल पार्क के बाद सबसे अच्छा वन्यजीव अभ्यारण माना जाता हैं।

लच्छीवाला

अगर आप उत्तराखंड के शहर देहरादून में जा रहे है तो यहाँ के हिल स्टेशनों की यात्रा करते समय लुभावने प्राकृतिक दृश्यों से मंत्रमुग्ध होने के लिए तैयार रहें। साल के पेड़ों से घिरा यह स्थान अपने आश्चर्यजनक प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। यदि आप अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं तो लच्छीवाला में एक दिन आपकी यात्रा को जरुर शामिल करें। आप यहां अपने आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद रोमांच ले सकते है। आप लच्छीवाला के किसी बेहतरीन होटल या कॉटेज में भी एक या दो रात रुक सकते हैं।

पलटन बाजार

देहरादूनमें अगर आप घूमने आए है तो यहां के लोकल बाजार जरूर घूमे। पलटन बाजाररेलवे स्टेशन और घंटाघर के बीच 1.5 किलोमीटर की दूरी एक लोकप्रिय खरीदारीकरने का बाजार है। इस अद्भुत बाजार में आपको सबकुछ मिल सकता है। पलटन बाजार में आपको मसालों से लेकर फैशनेबल कपड़ों तक हर चीज बेहतरीन मिल जाएगी। आपकी सभी आवश्यकताओं के लिए यह वन-स्टॉप शॉप शहर के मध्य में स्थित है और इसे देहरादून के प्रमुख बाजार के रूप में भी जाना जाता है।

संतलादेवी मंदिर

देहरादून में घूमने की जगह की सूची में संतला देवी मंदिर प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल है, संतला देवी और उनके भाई मंदिर के देवता हैं जो देहरादून शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर संतूर गढ़ में स्थित है। संतला देवी मंदिर, देहरादून में एक धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिर है, जिसे संतौरा देवी मंदिर और संतौला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर देहरादून के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है।

फन वैली

देहरादून में स्थित फन वैली परिवार और दोस्तों के साथ जाने के लिए एक आदर्श जगह है। आप यहां पूरा दिन उत्साह पूर्ण ढंग से बिता सकते है। फन वैली में एक विशाल आंतरिक परिसर, बहु-व्यंजन रेस्तरां, कियोस्क, रोमांचकारी सवारी और आवास स्थान हैं। जिसमें एक शानदार वाटर पार्क, डीलक्स कमरे शामिल हैं। फन वैली में हाल ही में छुट्टी के दिनों में पर्यटकों की भारी संख्या देखने को मिली है। यहां सम्मेलन कक्ष, पार्टी हॉल और शानदार कॉटेज जैसी सुविधाएं आपको मिल जाएंगी।

टपकेश्वर मंदिर

टपकेश्वर मंदिर देहरादून शहर के केंद्र से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित टपकेश्वर मंदिर एक गुफा मंदिर है और यह मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह श्रद्धेय मंदिर एक नदी के किनारे स्थित है जोकि इसे एक अद्वितीय पवित्रता प्रदान करता है। एक शिव लिंग मंदिर के मुख्य परिसर में निहित है और शिवलिंग पर लगातार छत से पानी टपकता रहता है जिसे देखने के लिए लोगों की लम्बी भीड़ लगी रहती है। माना जाता है की इस गुफा को गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया था और यह द्रोण गुफा के नाम से भी प्रसिद्ध है।

वन अनुसंधान संस्थान

देहरादून का वन अनुसंधान संस्थान वर्ष 1906 में स्थापित किया गया था और यह वन अनुसंधान संस्थान 4. 5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें वास्तुकला के औपनिवेशिक और ग्रीको-रोमन शैलियों का समावेश देखने को मिलता है। भारत में वानिकी अनुसंधान के क्षेत्र में स्थित यह प्रमुख संस्थान उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित है। फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट का खूबसूरत विशाल परिसर मीडिया को भी आकर्षित करता रहा है। इस स्थान का उपयोग विभिन्न बॉलीवुड फिल्मों को फिल्माने के लिए भी किया जा चुका है।

राजाजी नेशनल पार्क

देहरादून में स्थित राजाजी नेशनल पार्क वनस्पतियों और जीवों में प्रचुरता से समृद्ध है और प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव उत्साहीयों के लिए लोगों के लिए एक शानदार छुटियाँ बिताने का स्थान है। बाघों और हाथियों के लिए प्रसिद्ध राजाजी नेशनल पार्क को हाल ही में भारत सरकार द्वारा टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया है। सी राजगोपालाचारी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के 3 जिलों देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में फैला हुआ है। यह वन क्षेत्र में साल, सागौन और अन्य झाड़ियों के लिए लोकप्रिय है।