भारत पर्यटन के लिहाज से एक बेहतरीन देश हैं जहां घूमने के लिए अनगिनत जगहें हैं और सभी जगहों का अपना विशेष महत्व हैं। जब भी कभी गर्मियों के दिनों में घूमने की बात आती हैं तो ऋषिकेश का नाम शीर्ष स्थानों में शामिल होता हैं। यहा हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ ना कुछ हैं। धार्मिक रूप से प्रसिद्द ऋषिकेश एडवेंचर के लिए भी जाना जाता हैं। हर साल विदेशों से भी यहां काफी मात्रा में लोग आते हैं। लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता हैं कि जब भी घूमने जाते हैं तो लोग केवल उन्हीं जगहों पर जा पाते हैं जो चर्चाओं में रहती हैं। जबकि ऋषिकेश में कई ऐसी ऑफबीट जगहें हैं जो घूमने के लिहाज से बेहतरीन हैं लेकिन इनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको ऋषिकेश की इन्हीं सीक्रेट जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं...
ऋषिकेश हॉट वॉटर स्प्रिंगऋषिकेश स्थित रघुनाथ मंदिर के पास बेहद खूबसूरत और पुराना हॉट वॉटर स्प्रिंग है। माना जाता है कि वनवास को जाते समय भगवान राम ने इस कुंड में डुबकी लगाई थी। पौराणिक समय में, इस कुंड के पानी का इस्तेमाल संत अपनी पवित्र चीजों को धोने में करते थे। यह जगह त्रिवेणी घाट से काफी नजदीक है।
नीम बीचनीम बीच ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग के आखिरी पॉइंट के रूप में प्रसिद्ध है। यहां आने का सबसे अच्छा समय सुबह का है, जहां आप शांतिपूर्ण तरीके से सैर कर सकते हैं। यहां लोग कुछ घंटे धूप का मजा लेने के लिए आते रहते हैं। इस बीच पर आप गाड़ी से भी जा सकते हैं।
नीर गढ़ वॉटरफॉलये वॉटफॉल लक्ष्मण झूले से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आपको थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है। जंगल के बीचोबीच स्थित यह वॉटरफॉल इतना खूबसूरत है कि आपको इस जगह से प्यार हो जाएगा। यहां के साफ क्रिस्टल क्लीयर पानी में आप कई घंटों तक एंजॉय कर सकते हैं।
त्रिवेणी घाटपवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। त्रिवेणी घाट पर हर शाम 'महा आरती' होती है। त्रिवेणी घाट हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और महाकाव्य रामायण और महाभारत में भी इसका उल्लेख है। घाट को पवित्र माना जाता है और हिंदू पौराणिक कथाओं की मानें तो कहा जाता है कि घाट के पास गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं। आप यहां कुछ देर बैठकर पानी में मछलियों को तैरते हुए भी देख सकते हैं और उन्हें खाना भी डाल सकते हैं।
झिलमिल गुफायह जगह मणिकूट पर्वत पर स्थित है। यहां पर तीन गुफाएं एक साथ स्थित हैं। यह जगह लक्ष्मण झूला से 21 किलोमीटर दूर है जबकि नीलकंठ मंदिर से यह जगह सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीलकंठ पहुंचने के बाद आपको यहां जाने के लिए घने जंगल के बीच से होते हुए एक घंटे की चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी। यह रास्ता बिल्कुल सेफ है और बूढ़े लोग भी यहां आसानी से जा सकते हैं। झिलमिल गुफा ऋषिकेश की पवित्र जगहों में से एक है।
गरुड़ चट्टी वॉटरफॉलयह जगह ऋषिकेश से 9 किलोमीटर दूरी पर है। माना जाता है कि मॉनसून के दौरान इस जगह की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। ये वॉटरफॉल भले ही छोटा है लेकिन बेहद खूबसूरत है। मॉनसून के दौरान यहां पानी 7 अलग-अलग लेवल्स में बहता है। यहां आकर आप घंटों इस जगह की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं।
कौड़ियाला बीचअगर कोई जगह आपके ऋषिकेश ट्रिप में होनी चाहिए, तो वो है कौड़ियाला बीच। ये बीच ऋषिकेश से 40 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव है। कौड़ियाला से शिवपुरी तक फैला राफ्टिंग ज़ोन सबसे रोमांचिक जगहों में से एक है, जिस वजह से ये रोमांच प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। कौड़ियाला बीच गंगा नदी के तट पर खूबसूरती से स्थित है। यह व्हाइट रिवर राफ्टिंग और नाइट कैंप के लिए प्रसिद्ध है। कुछ शानदार लैंडस्केप के साथ यह बीच बीच कैंपिंग के लिए बेस्ट लोकेशन माना जाता है। इस जगह की सुंदरता का आनंद लेने के लिए साल का सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच का है।
फूल चट्टी वॉटरफॉलफूल चट्टी वॉटरफॉल गरुड़ चट्टी वॉटरफॉल से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गरुड़ चट्टी वॉटरफॉल जितना ही छोटा है लेकिन बेहद खूबसूरत है। यहां आपको सावधानी से जाना होता है क्योंकि यहां जाने वाला रास्ता काफी फिसलने वाला है। अगर आप यहां सुबह जल्दी जाते हैं तो फूल चट्टी के पहाड़ों के पीछे से निकलने वाले खूबसूरत सनराइज का मजा भी ले सकते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शहर ऋषिकेश में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास उस समय का है, जब भगवान शिव ने सृष्टि का विनाश होने से बचाने के लिए विष को पी गए थे, लेकिन जब माता पार्वती ने भगवान शिव के गले को जोर से दबाए रखा, तो वह सारा विष भगवान शिव के गले में ही रह गया, जिसकी वजह से उनका गला नीला हो गया और तब से उन्हें “नीलकंठ महादेव” के नाम से जाना जाने लगा। अगर आप ऋषिकेश आ रहे हैं, तो नीलकंठ महादेव मंदिर में दर्शन करने जरूर आएं। सावन के महीने में तीर्थयात्री ऋषिकेश में बहने वाली गंगा नदी में स्नान करके वहां से कावड़ में गंगा जल लाकर नीलकंठ महादेव मंदिर में स्थापित भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
मरीन ड्राइव और आस्था मार्गआपने मुंबई की मरीन ड्राइव के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या कभी आपने ऋषिकेश की मरीन ड्राइव के बारे में सुना है? यह जगह ऋषिकेश से 24 किलोमीटर दूर स्थित है। यह रास्ता गंगा नदी के साथ-साथ चलता है। यहां वॉक करने का अपना अलग की मजा है। अक्सर लोग यहां जॉगिंग और वॉक करने आते हैं। यह जगह आपके दिमाग और शरीर को सुकून देती है।