टोंक के दूणजा माता मंदिर का अद्भुत मंदिर, मन्नत पूरी होने पर स्वतः गिरता है फूल

शारदीय नवरात्रि के अवसर पर इस बार पूरे 10 दिनों तक देशभर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में राजस्थान के टोंक जिले में स्थित दूणजा माता मंदिर भी विशेष रूप से चर्चित है। यह मंदिर केवल अपनी प्राचीनता के लिए ही नहीं, बल्कि एक अनोखी चमत्कारी परंपरा के कारण भी प्रसिद्ध है, जहां माता की प्रतिमा अपने भक्त को मन्नत पूरी होने का संकेत देती है और उसके बाद स्वयं भोग ग्रहण करती हैं।

मन्नत पूरी होने का माता का अद्भुत संकेत

टोंक के दूनी गांव में स्थित इस मंदिर में यह मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। पुजारी बताते हैं कि जब कोई श्रद्धालु मन्नत मांगता है, तो माता की प्रतिमा से स्वतः ही एक फूल नीचे गिर जाता है। मन्नत पूरी होने पर भक्त शराब की बोतल लेकर आते हैं, जिसे पीपल के पत्ते के सहारे माता के मुख पर चढ़ाया जाता है। अद्भुत यह है कि प्रतिमा उस शराब को ग्रहण कर लेती है। यह परंपरा सदियों से निरंतर चल रही है और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र बनी हुई है।

अंग्रेजों की जिज्ञासा और मंदिर का रहस्य

मंदिर की यह चमत्कारी परंपरा इतनी प्रसिद्ध थी कि अंग्रेजों के शासनकाल में इसकी जांच भी कराई गई थी। अधिकारियों ने यह पता लगाने के लिए खुदाई करवाई कि आखिर वह शराब कहां जाती है, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। इस घटना ने मंदिर की रहस्यमय छवि और गहरी कर दी और श्रद्धालुओं का विश्वास और भी मजबूत हुआ।

द्रोणाचार्य से जुड़ा मंदिर का इतिहास

मंदिर ट्रस्ट के सदस्य सत्यनारायण शर्मा के अनुसार, दूणजा माता मंदिर लगभग 900 साल पुराना है। यह महर्षि द्रोणाचार्य की तपोभूमि से जुड़ा हुआ माना जाता है। माना जाता है कि दूनी कस्बे का नाम पहले ‘द्रोणनगरी’ था। मंदिर में लगभग चार फीट ऊँची दूणजा माता की प्रतिमा स्थापित है, जिसे लोककथाओं में बताया जाता है कि माता स्वयं पत्थर की प्रतिमा में परिवर्तित हुई थीं।

श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं


मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल जाट ने बताया कि भक्तों के चढ़ावे से मंदिर में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। इसमें धर्मशाला, बरामदे और अन्य सुविधाओं का निर्माण शामिल है ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को आरामदायक वातावरण मिल सके। इस प्रकार, दूणजा माता का यह मंदिर आस्था, इतिहास और चमत्कार का अद्भुत संगम है, जो सदियों से लाखों श्रद्धालुओं का विश्वास और प्रेम बटोर रहा है।