जब भी कभी पहाड़ों से होकर गुज़रने वाले झरनों की बात आती हैं, तो सभी के मन में पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों का ख्याल आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में भी कई झरने मौजूद हैं जो कुदरती खूबसूरती से लबालब हैं। यदि आप भी प्राकृतिक सौन्दर्य का खूबसूरत नजारा देखना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश में स्थित झरनों का लुत्फ उठाने यहां पहुंच सकते हैं। इन झरनों की खूबसूरती देखकर आपका दिल भी वहां से लौटने का नहीं करेगा। आज इस कड़ी में हम आपको उत्तर प्रदेश के जिन झरनों के बारे में बताने जा रहे हैं वो मन को शांति और सुकून देने वाले हैं। आइये जानते हैं इन झरनों के बारे में...
राजदारी झरनाचंद्रप्रभा वन्य जीव अभ्यारण्य के बीच बहता है राजदारी और देवदारी झरना। राजदारी झरने की ऊंचाई 65 मीटर है और ये यहां पर मौजूद अन्य झरनों में से सबसे विशाल माना जाता है। इस झरने के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर पर्यटकों का मन मंत्रमुग्ध हो जाता है और इसीलिए इस जगह को पिकनिकस्पॉट बना दिया गया है। पर्यटकों के लिए ये जगह वाकई में बहुत खूबसूरत है।
कजरदह कुंड झरनाकजरदह कुंड जलप्रपात का नाम आपने बहुत ज़्यादा नहींं सुना होगा। लोग राजदरी और देवदरी को ही जानते हैं, क्योंकि कजरदह तक पहुँचना थोड़ा सा मुश्किल है। नौगढ़ बाँध से क़रीब 4 किमी आगे जाने पर यह बाँध मिलता है। थोड़ी सी कँटीली झाड़ियों को पार करके दिखता है कजरदह कुंड जो किसी भी मामले में राजदरी देवदरी से कम नहीं है। मॉनसून के मौसम में पानी से लबालब भरा होता है यह झरना, जो इसकी शान में चार चाँद लगा देता है। लोगों के अनुसार गुरवट नदी, जिसे गुर्वाता नदी भी कहते हैं, का पानी क़रीब 45 फ़ीट की ऊँचाई से गिरता है और आगे कर्मनाशा नदी में मिल जाता है।
देवदारी झरनाराजदारी झरने के नीचे की ओर एक और लोकप्रिय झरना बहता है जिसका नाम देवदारी झरना है। ये झरना 500 मीटर की दूरी पर बहता है। इन दोनों ही झरनों में पानी कुछ किलोमीटर दूर चंद्रप्रभा बांध से पहले आने वाले जलाशय से मिलता है। सर्दी और बारिश के महीनों में इस झरने के पास पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है। सितंबर से मार्च का समय यहां आने के लिए सबसे सही माना जाता है क्योंकि इस समय झरने का पानी और सौंदर्य अपने ऊफानपर रहता है।
सिद्धनाथ दरी झरना इस प्राकृतिक जलप्रपात का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा जो यहां साधना किया करते थे। इसलिए इन्हीं के नाम पर इस झरने का नाम रखा गया है। जिले के राजगढ़ ब्लॉक के जौगढ़ गांव में स्थित यह झरना एक किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इसके पास ही स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का आश्रम भी है। यह झरना बेहद मनमोहक है और झरने के चारों तरफ प्रकृतिक रुप से फैली पहाड़िया और पेड़-पौधे यहां कि खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं।
लखनिया हिल्स झरना उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में अहरौरा के पास स्थित शानदार झरना आपका मन मोह लेगा। वाराणसी शहर की सड़कों पर पड़ने वाला ये झरना लोगों के दिल में बसता है। मॉनसून के मौसम में तो इसकी खूबसूरती दोगुनी हो जाती है। 150 मीटर की ऊंचाई से बहने वाला ये झरना अद्भुत लगता है। इस झरने से आसपास के गांवों में खेतों में सिंचाई की जाती है। ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए भी ये जगह एडवेंचर से भरी हुई है। चूंकि झरने का बहाव बहुत तेज होता है इसलिए यहां आने पर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। आसपास खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए अपने साथ ही खाने का सामान लेकर आएं। इस जगह पर विशाल पत्थर और घने जंगल हैं।
मुक्खा फॉलउत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बेलन नदी पर स्थित मुक्खा फॉल एक मनोरम दृश्य सजोए हुए है। यह झरना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में है। रोबर्ट्सगंज से इसकी दूरी लगभग 50 किलोमीटर है। झरने से थोड़ी दूरी पर ही सलखन फॉसिल पार्क मौजूद है, जो दुनिया का सबसे पुराना जीवाश्म पार्क है। साथ ही इसके आसपास में कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। यहां पर छुट्टियों के दिनों में भारी संख्या में पर्यटक इसका आनंद लेने आते हैं। इसे पिकनिक जगह के रुप में भी काफी पसंद किया जाता है।
चूना दरी झरनायूपी में स्थित चूना दरी झरना देखने में बेहद शानदार और प्रसिद्ध है। लगभग 165 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना बेहद खूबसूरत है। चूनादरी झरना लखियाना दरी झरने के पास ही मौजूद है। लेकिन दोनों झरनों के बीच का रास्ता काफी मुश्किल है। झरने की तलहटी में एक बड़ा सा पत्थर मौजूद है जो आकर्षण का केंद्र है। मानसून में इस झरने का रंगत देखते ही बनता है। चूना दरी झरना की खूबसूरती का आनंद आप झरने के निचले स्तर स्तर से या ऊपरी स्तर से ले सकते हैं।
तंडा झरना अगर आप रोज़मर्रा की भागदौड़ भरी और व्यस्त जिंदगी से कुछ समय का ब्रेक लेकर किसी शांतिमय और खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं तो आपके लिए तंडा झरना सबसे बेहतर रहेगा। तंडा झरने के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर आपके मन को सुकून का अहसास होगा। दक्षिण में मिर्जापुर से 14 किमी दूर ये झरना बहता है। मॉनसून के मौसम में इस झरने के आसपास कई तरह की वनस्पतियां और जीव देखने को मिलते हैं। झरने के एक दम सामने तंडा बांध बना हुआ है। यहां बैठकर आप आराम से झरने और इसके आसपास के सौंदर्य को निहार सकते हैं।
विंधाम झरनामीरजापुर जिले में इस खूबसूरत झरने का नाम ब्रिटिश संग्राहक विंधाम के नाम पर पड़ा है। वाराणसी से इस झरने की दूरी 90 किलोमीटर है। यह झरना आसपास के सैलानियों का फेवरेट पिकनिक स्पॉट है। ये पूरी घाटी ही हरियाली से भरी हुई है। नीले रंग के आकाश के नीचे सफेद पानी का झरना और हरी-भरी घास का दृश्य मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस जगह पर कुकआउटस्पॉट भी है। यहां भीड़ कम होती है लेकिन ये जगह सच में अद्भुत है।