
प्लेन से यात्रा करते वक्त आपने अक्सर देखा होगा कि टेकऑफ और लैंडिंग से ठीक पहले केबिन क्रू यात्रियों से टेबल ट्रे (Tray Table) बंद करने का अनुरोध करते हैं। आपने भी सोचा होगा—आख़िर ऐसा क्यों कहा जाता है? क्या यह महज़ एक औपचारिक नियम है या इसके पीछे कोई गंभीर वजह छुपी है?
असल में, टेबल ट्रे को बंद करना यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा एक अहम नियम है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आइए विस्तार से जानते हैं कि इसका क्या महत्व है और इससे सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालनटेकऑफ और लैंडिंग विमान की सबसे संवेदनशील अवस्थाएं होती हैं। इन्हीं दो चरणों में एयरक्राफ्ट को सबसे ज़्यादा जोखिम होता है, इसलिए इन पलों में विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होता है। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) और भारत की डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) जैसे संस्थान अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत यह निर्देश देते हैं कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय यात्री: अपनी सीट बेल्ट बांधें, सीट को सीधा करें, और टेबल ट्रे को बंद रखें।
इसका उद्देश्य यात्रियों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया करने योग्य बनाना और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा क्यों ज़रूरी है?टेकऑफ और लैंडिंग के समय विमान में किसी भी तकनीकी खराबी या मौसम संबंधी बाधा के कारण इमरजेंसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में हर सेकंड कीमती होता है। टेबल ट्रे को बंद रखने के पीछे यही तर्क है।
- खुली ट्रे से चोट लगने का खतरा: अचानक ब्रेक लगने या झटके आने पर खुली ट्रे से यात्रियों को घुटनों, पेट या सीने में चोट लग सकती है।
- इमरजेंसी एग्जिट में बाधा: अगर किसी कारणवश यात्रियों को तुरंत प्लेन से बाहर निकलना पड़े, तो खुली ट्रे रास्ता रोक सकती है, जिससे रेस्क्यू में देरी हो सकती है।
- केबिन क्रू को कार्य में दिक्कत: इमरजेंसी के समय क्रू को तेजी से मूव करने की ज़रूरत होती है। खुली ट्रे उनकी गति में रुकावट बन सकती है।
टर्बुलेंस के दौरान बचावअक्सर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान हल्की या कभी-कभी तेज टर्बुलेंस (हवा में झटके) हो सकती है। अगर ट्रे खुली हो और यात्री उस पर कुछ रखे हों, तो वह सामान गिर सकता है, जिससे चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है। साथ ही झटके लगने पर यात्री ट्रे से टकराकर घायल हो सकते हैं।
यात्रियों की सुविधा भी है एक कारणयह नियम सिर्फ सुरक्षा से नहीं, बल्कि यात्रियों की सुविधा से भी जुड़ा हुआ है। जब ट्रे खुली होती है, तो सामने वाले यात्री को सीट पीछे झुकाने में परेशानी होती है और आपको भी उठने-बैठने में असुविधा होती है। खासतौर पर इमरजेंसी में यह स्थिति और कठिन हो सकती है।