छत्तीसगढ़ के ये वाटरफाल्स देते है मनोहर दृश्य की छवि, सावन में मिलता है घूमने का विशेष मजा

मानसून के दिनों में लोग ऐसी जगहों पर घूमने जाना पसंद करते हैं जो उन्हें प्राकृतिक नजारों का विहंगम दृश्य देखने के साथ ही घूमने का भी बहुत मजा दिला सकें। ऐसे में आप छत्तीसगढ़ में घूमने का प्लान कर सकते हैं। जी हाँ, छत्तीसगढ़ के जलप्रपात अपने प्राकृतिक और विहंगम दृश्यों से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए छत्तीसगढ़ के इन वाटरफाल्स के खूबसूरती कि जानकारी लेकर आए हैं।

घटारानी जलप्रपात
बारिश के दिनों में मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार के चलते यह बेहतरीन पर्यटन स्थलों में शुमार हो गया है। यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का बहुत आनंद उठाते हैं। घटारानी जतमई से 25 कि.मी. है। यह भी बेहतरीन जलप्रपात है। प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सब से अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है। यह जगह राजधानी रायपुर से मात्र 75 कि.मी. की दूरी पर है।

जतमई जलप्रपात
जतमई रायपुर से करीब 70 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जतमई पहाड़ी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से लोग इस मनमोहक प्राकृतिक स्थल देखने रहे हैं। पटेवा के पास स्थित जतमई पहाड़ी करीब 200 मीटर क्षेत्र में फैला है। जिस की ऊंचाई करीब 70 मीटर है। यहां शिखर पर विशालकाय पत्थर एकदूसरे के ऊपर इस कदर टिके हैं, जैसे किसी ने उन्हें जमाया हो। राजधानी रायपुर से 84 कि.मी. पर यह जगह स्थित है।

अमृतधारा जलप्रपात
जिला मुख्यालय से 35 कि.मी., बैकुंठपुरनागपुर लाइग्राम से 8 कि.मी. दूर अमृतधारा जलप्रपात स्थित है। यह प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल उत्तर दिशा में स्थित है, जहां से हसदेव नदी का उद्गम होता है। अमृतधारा अपनी अलौकिक छटा के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 150 फुट की ऊंचाई से गिरता पानी दूध की तरह दिखाई देता है। आज यह जलप्रपात कोरिया जिले का सब से ऊंचा और दर्शनीय जलप्रपात है। ऊंचाई से गिरते पानी के छोटे-छोटे कण हवा में बिखरते, मन को ठंडक पहुंचाते हैं।

चित्रकूट जलप्रपात
मिनी नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर से 39 कि.मी. की दूरी पर लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अंतर्गत स्थित है। इंद्रावती नदी उड़ीसा के कालाहांडी जिले से निकल कर बस्तर में प्रवेश करती है। चित्रकूट जलप्रपात की चौड़ाई लगभग 200 मीटर है तथा 90 फुट गहराई में गिर कर खूबसूरत जलप्रपात बनाती है। जब जलप्रपात पूरे वेग के साथ नीचे कुंड में गिरता है तो जलकणों की धुंध पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो बनने वाला इंद्रधनुषी रूप सैलानियों के मन मोह लेता है। राजधानी रायपुर से 300 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

तीरथगढ़ जलप्रपात
कल-कल ध्वनि करते नीचे गिरते जलप्रवाह को प्रपात के रूप में निहारना बेहद मनोहारी होता है। प्रपात के दर्शन किसी मौसम विशेष का मुहताज नहीं होते, पर प्रपात के दर्शन का आनंद वर्षाकाल के बाद अधिक मिलता है। बस्तर के सब से खूबसूरत प्रपात समूहों का सरताज तीरथगढ़ जलप्रपात। यह जलप्रपात राजधानी रायपुर से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से 340 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।