भारत में भी परोसे जाते हैं ये अजीब व्यंजन, इन्हें खाने के लिए चाहिए हिम्मत

जब भी कभी अजीबोगरीब खाने की बात आती हैं तो मन में चीन या होंगकोंग का नाम आने लगता हैं जहां आपको जानवरों से बनी विचित्र डिश देखने को मिल जाती हैं। अगर बात की जाए भारत की तो इसे अपने पारंपरिक भोजन के लिए जाना जाता हैं। लेकिन आपको बता दें कि भारत में भी कई ऐसे अनोखे और अजीब व्यंजन हैं जो परोसे जाते हैं। इन अनोखे व्यंजनों के बारे में जानकार आप दंग रह जाएंगे। इन व्यंजनों को खाने के लिए भूख से ज्यादा हिम्मत की जरूरत होती हैं। ये डिशेस भारत के आम व्यंजनों से बिल्कुल भिन्न है और इन्हें पकाया भी कुछ अलग तरीके से ही जाता है। चलिए जानते हैं इनके बारे में...

ब्लैक राइस, केरल

शायद, अभी तक आपने सफ़ेद चावल और ब्राउन चावल के बारे में ही सुना होगा लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां ब्लैक राइस को भी बड़े प्रेम के साथ खाना पसंद करते हैं। जी हां, केरल, मणिपुर और बंगाल की कुछ जगहों पर इसे खूब पसंद किया जाता है। ब्लैक राइस कई पोषक तत्वों के लिए भी प्रसिद्ध है और ये स्वाद से भी भरपूर माना जाता है। खासकर इस चावल को शाकाहारी खाने वाले लोग पसंद करते हैं।

जदोह, मेघालय

जदोह डिश भारत के मेघालय राज्य के उत्तर पूर्व में पाई जाती है। ये डिश जैतिया जनजाति के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस व्यंजन को चावल के साथ सूअर के मांस या चिकन के मांस के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। वैसे ये खाना आपको बिल्कुल पुलाव की तरह लगेगा, लेकिन इसे रक्त और चिकन के साथ पकाया जाता है।

चाप्रह, छत्तीसगढ़

यह व्यंजन लाल चीटियों के अंडे और कुछ मसालों के साथ तैयार किया जाता है। वैसे आप इस डिश के बारे में ही सुनकर 'छी' करने लगे होंगे। लेकिन आपको बता दूं, बहुत से लोगों का तो इस भोजन को सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। छत्तीसगढ़ के लोग लाल चींटियों की तीखी और मसालेदार चटनी खाना पसंद करते हैं। साथ ही, ये लोग गार्निशिंग के लिए लाल चीटियों का इस्तेमाल भी करते हैं।

डॉग मीट, नागालैंड

लोग घरों में कुत्तों को खूब प्यार से पालते हैं लेकिन देश के कुछ हिस्सों में लोग कुत्ते का मांस खाना पसंद करते हैं। नागालैंड में ऐसे व्यंजन खाए जाते हैं जिनमें कुत्ते, मकड़ी, सूअर का मांस, बीफ, केकड़े और हाथी का मांस शामिल है। डॉग मीट यहां कई तरीकों से तैयार किया जाता है। नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर के आदिवासी समुदायों के बीच ये बहुत पसंदीदा है।

फ्रॉग लेग्स, सिक्किम

शायद, आप कभी भी फ्रॉग लेग्स (मेंढक की टांग) को खाना पसंद नहीं करेंगे लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व भारत में एक ऐसा राज्य है जहां इसे कई लोग खाना पसंद करते हैं। जी हां, पूर्व भारत के सिक्किम राज्य में ऐसे कई समुदाय के लोग है जो इसे मुख्य भोजन मानते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसे खाने से पेचिश और अन्य पेट की बीमारियां दूर रहती हैं। कई लोग इसे बेहद ही विचित्र व्यंजन मानते हैं।

बेबी शार्क करी, गोवा

बेबी शार्क करी को भी हम अजीबो गरीब खाने की लिस्ट में शामिल करना चाहेंगे। अगर आप इस भोजन को टेस्ट करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको गोवा आना पड़ेगा। बेबी शार्क करी गोवा के सबसे मशहूर व्यंजनों में शामिल है। अगर आपको नॉन वेज बहुत पसंद है, तो आप इस डिश का टेस्ट ले सकते हैं। ये डिश काफी महंगी भी होती है।

दोह खलिह, मेघालय

दोह खलिह एक ऐसा व्यंजन है जो मेघालय राज्य का एक और स्वादिष्ट व्यंजन है। जिसे सूअर के मांस के साथ प्याज और मिर्च डालकर सलाद के रूप में खाया जाता है। यह व्यंजन मेघालय के लोगों को बेहद स्वादिष्ट लगता है। मैक्सिकन टच देने के लिए इसमें लोग नींबू टमाटर और गाजर का इस्तेमाल करके भी खाना पसंद करते हैं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि व्यंजन को सूअर के दिमाग की करी के रूप में बनाकर रोटी के साथ भी खाया जाता है। यह व्यंजन उन लोगों के लिए बिल्कुल भी पसंद नहीं आता जो नॉनवेज को नापसंद करते हैं। हालांकि नॉनवेज खाने वाले ज्यादातर लोगों को यह डिश बहुत ज्यादा पसंद आती है।

नह्क्हम, मेघालय

यह डिश मेघालय की गारो जनजाति के लोगों द्वारा बेहद पसंद की जाती है। इस डिश की सबसे खास बात है कि यह सुखी मछलियों, सब्जियों और आसुत राख से बनाई जाती है। इस डिश का स्वाद बहुत अच्छा होता है। लेकिन इसकी सबसे खराब बात है कि इसकी गंध बहुत बेकार आती है। इसको सूंघने से सड़े हुए भोजन की बदबू आती है।