महात्मा गांधी से जुड़ी हैं ये जगहें, यहां जाकर करीब से जान पाएंगे बापू को

भारत देश को आजादी बहुत संघर्षों से मिली हैं जिसमें का लोगों का योगदान रहा हैं। इन्हीं में से एक हैं महात्मा गांधी जिन्हें राष्ट्रपिता के तौर पर जाना जाता हैं। महात्मा गांधी की जीवनी अपनेआप में एक सीख हैं जिसे हर भारतीय को जानना चाहिए। आपको महात्मा गांधी से जुड़ी कई किताबें मिल जाएगी जिनमें आपको उनके जीवन के हर पहलू को जाना जा सकता हैं। लेकिन उन्हें करीब से जानना चाहते हैं तो उनसे जुड़ी जगहों पर जाना बेहतरीन रहेगा। यूं तो भारत में उनसे जुड़ी बहुत सी ऐसिहासिक जगहें मौजूद हैं, जहाँ आप परिवार संग घूमने फिरने जा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो महात्मा गांधी से जुड़ी हैं।

पोरबंदर

पोरबंदर वह स्थान है जहां पर महात्मा गांधी ने 2 अक्टूबर 1869 को जन्म लिया था। यह जगह गुजरात में हैं। पोरबंदर में महात्मा गांधी का बचपन बीतने से यहां पर उनसे जुड़ी बहुत सी चीजे हैं। आज भी यहां पर उनका पैतृक घर बना है। इसके अलावा पोरबंदर में कीर्ति मंद‍िर भी शानदार जगह है। पोरबंदर बीच भी काफी अच्छी जगह है। इसके अलावा यहां कई और दर्शनीय स्थल हैं जो बापू की महानता बयां करने के साथ ही उनके बेहद करीब ले जाने में खास भूमिका न‍िभाते हैं।

द‍िल्ली

भारत का दिल कहलाने वाली दिल्ली भी ऐतिहासिक जगहों में से एक है। यहाँ पर आपको ऐसी बहुत सी जगहें मिलेगी। जिससे आप गांधी जी के जीवन को करीब से जान पाएंगे। दिल्ली का बिरला हाउस गांधी जी को समर्पित एक ऐत‍िहास‍िक संग्रहालय है। इसके साथ दिल्ली का मशहूर स्थल राजघाट भी महात्मा गांधी जी को समर्पित है। आप सभी को बता दूं, कि अपने जीवन के अंतिम दौर के करीब 144 दिन गांधी जी ने इसी संग्रहालय में बिताए थे। ऐसे में इसे बेहद ही अहम स्थल माना जाता है।

वाराणसी

गांधी जी काा वाराणसी से गहरा संबंध माना जाता है। देश की आजादी के लिए किया असहयोग अंदोलन दौरान गांधी जी ने वाराणसी पर ही सन 1921 में काशी विद्यापीठ की आधारशिला रखी थी। मगर आजादी के बाद इसका नाम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ रख दिया गया। इस की स्थापना के पीछे का उद्देश्य भारत के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ा-लिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। ताकि आगे बढ़े होकर बच्चों को किसी के द्वारा बताएं तरीकों से चलने की जरूरत नहीं है। आपको यहाँ पर और भी कई एतिहासिक स्थान देखने को मिलेंगे।

अहमदाबाद

अहमदाबाद ऐत‍िहास‍िक स्थलों में से एक है। गांधी का यहां से जुड़ाव रहा है। अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे स्थित गांधी जी का आश्रम बना है। इस आश्रम को साबरमती आश्रम के नाम से भी पुकारते हैं। यहां पर महात्मा गांधी जी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी ने करीब 12 साल ब‍िताए थ्‍ो। ज‍िससे गांधी जी को साबरमती संत नाम से भी बुलाते हैं। यहां पर मगन निवास, उपासना मंदिर हृदयकुंज, सोमनाथ छात्रालय, नंदिनी, उद्योग मंदिर जैसे कई स्थलों पर घूमने का एक अलग ही मजा है।

दांडी

दांडी गांव भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जीवन काल को बयान करने वाले मुख्य स्थानों में से एक है। आज दांडी अरब सागर के तट पर स्थित गुजरात राज्य का छोटा-सा गांव है। दांडी, गुजरात का एक छोटा मगर बेहद अहम शहर है। आप सभी को बता दूं, कि महात्मा गांधी जी ने साबरमती से दांडी तक लगभग 268 किलोमीटर की यात्रा की थी। इस यात्रा को पूरा करने में उन्हें करीब 24 दिन लग गए थे। इसके साथ गांधी जी द्वारा किया नमर सत्याग्रह परिणति भी इसी जगह का हिस्सा माना जाता है। इस ऐतिहासिक जगह को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

मुंबई

मुंबई में स्थित मणि भवन बापू की यादों को सहेजता एक अमूल्य संग्रहालय हैं। यहां रहकर गांधीजी ने 1917 व 1932 के दौरान सत्याग्रह और सविनय कानून भंग आंदोलन शुरू किया था। बापू में रुचि रखने वालों के लिए यह संग्रहालय किसी अनमोल खजाने से कम नहीं है। संग्रहालय में मौजूद अनूठी वस्तुओं को देखकर गांधीजी के अमिट व्यक्तित्व का आज भी आभास होता है।

मदुरै

तमिलनाडु के मदुरै में स्थित गांधी मेमोरियल म्यूजियम भारत के 6 राष्ट्रीय गांधी स्मारकों में से एक और दक्षिण में एकमात्र संग्रहालय है। यह म्यूजियम एक महल में बना है, जिसे सन 1700 में मदुरै की रानी मंगाम्मल ने बनवाया था। इस म्यूजियम का उद्घाटन 1959 में हुआ था।