छुट्टियों में इन हिल स्टेशन पर जाना डाल सकता है आपको परेशानी में, मजा बन सकता हैं सजा

छुट्टियों के दिनों में सभी घूमने जाना पसंद करते है और ऐसी जगह का चुनाव करते हैं जो उनको सुकून दे और मन को शान्ति प्रदान करें। ऐसे में ज्यादातर लोग इन दिनों में हिल स्टेशन पर घूमने जाना पसंद करते हैं और प्राकृतिक नज़रों का मजा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी के समय में कुछ जगहों पर घूमने जाना मजा की जगह सजा का कारण बन सकता हैं। जी हाँ, अभी के समय में भारत के लगभग सभी हिल स्टेशन ओवर टूरिज्म के शिकार हो गए हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

उत्तराखंड
उत्तराखंड के प्रमुख हिल स्टेशन नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार में तो आलम यह है कि यहां होटल फुल हो चुके हैं। टूरिस्ट सड़कों पर सो रहे हैं। कई किलोमीटर तक लंबा जाम लगा हुआ है। गाडियों को खड़ा करने के लिए पार्किंग स्पेस तक नहीं है। नैनीताल की बात करें तो यहां पर 2 हजार चार पहिया गाड़ियों के लिए पार्किंग स्पेस है। लेकिन यहां हर रोज 6 हजार तक गाड़ियां आ रही हैं। वीकेंड में तो हालत और भी खराब होते जा रहे हैं।

हालात यह हैं कि टूरिस्ट यहां सड़क, पार्किंग से लेकर फुटपाथ पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं। पानी की भी दिक्कत टूरिस्ट को परेशान कर रही है। टूरिस्टों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए हैं। ट्रैफिक की बिगड़ती व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन अब पर्यटकों की गाड़ियों को नैनीताल से काफी पहले ही रोक रहे हैं। प्रशासन के इस कदम से होटल मालिक जबर्दस्त नाराज हैं। उनका कहना है कि प्रशासन के इस कदम से बिजनेस को नुकसान पहुंच रहा है। टूरिस्ट होटल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

चार धाम यात्रा
चार धाम यात्रा होने के कारण टूरिस्ट और भी बढ़ गए हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि हरिद्वार में सिंह द्वार और सप्तऋषि के बीच 4 किमी की दूरी है, लेकिन यहां 11 संकरे मोड़ हैं। यहां एक बार में एक ही गाड़ी गुजर पाती है और गाडियों की रफ़्तार कम हो जाती है। यहां हाईवे कंस्ट्रक्शन भी चल रहा है जिससे स्थिति यहां और भी खराब हो गई है।

हिमाचल प्रदेश
इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी टूरिस्ट इतने पहुंच गए हैं कि यहां स्थानीय लोग परेशान है। शिमला और मनाली तो भीड़ के कारण चोक हो चुके हैं। यदि आप शिमला और मनाली जाने की तैयारियां कर रहे हैं तो एक बार प्लान पर जरूर सोच लें। क्योंकि शिमला और मनाली दोनों ही जगह लोग बीच रास्तों से वापस लौट रहे हैं।

शिमला पहले से ही पानी, पार्किंग स्पेस और भीड़ से जूझ रहा है तो वहीं मनाली के भी हालात इसी तरह हैं। मनाली की मशहूर मॉल रोड पर चलने तक के लिए लोगों को जगह नहीं है। लोग मनाली और शिमला के पास मणिकरण, कसौल, तोष की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन युवा टूरिस्ट इन ठिकानों पर पहले से ही रुके हुए हैं।