आजादी के पहले से लोगों की पसंद बने हुए हैं ये 7 रेस्टोरेंट, एक बार तो जरूर जाएं यहां

हम भारतीय लोग खाने-पीने के बहुत शौकीन होते हैं और देश के हर हिस्से का अलग-अलग स्वाद लेना पसंद करते हैं। इसके लिए लोग हर वीकेंड अलग-अलग रेस्टोरेंट में जाकर वहां का जायका लेना चाहते हैं। हर रेस्टोरेंट को अपने स्वाद के लिए पहचाना जाता हैं। लेकिन कुछ रेस्टोरेंट ऐसे हैं जिन्हें अपने स्वाद के साथ उनके इतिहास के लिए भी जाना जाता हैं। हमारे देश में ऐसे कई रेस्टोरेंट हैं जो आजादी के पहले से चली आ रही हैं। आज इस कड़ी में हम आपको जिन रेस्टोरेंट के बारे में बताने जा रहे हैं वो आजाद भारत के सालों पहले स्थापित किये गए हैं। आइए, आपको बताते हैं इन खास रेस्टोरेंट के बारे में...

ग्लेनरी रेस्तरां, दार्जिलिंग

दार्जिलिंग की खूबसूरत वादियों में बना यह ग्लेनरी रेस्टोरेंट सौ साल से अधिक पुराना है। इस सबसे पुराने रेस्टोरेंट में बने आकर्षण दीवरें और यहां का इंटीरियर आज भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां आकर अगर आपने मिठाई ऑर्डर नहीं की तो ये आपकी भूल हो सकती है। यहा की बनी एप्पल पाई पूरे दार्जिलिंग में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है। सिर्फ यही नहीं यहां के स्नैक्स भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं।

टुंडे कबाबी, लखनऊ

लखनऊ की टुंडे कबाबी दुकान अपने स्वादिष्ट गलौटी कबाब, कोरमा और बिरयानी के लिए सालों से फेमस है। यहां के कबाब इतने सॉफ्ट होते हैं कि मुंह में जाते ही पिघल जाते हैं। यहां के स्वादिष्ट खाने का राज यही है कि यहां की महिलाएं खाना बनाने के लिए घर में ही अलग से मसाले तैयार करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दुकान को 1905 में हाजी मुराद अली द्वारा शुरू किया गया था। टुंडे कबाबी दुकान आपको लखनऊ के पुराने इलाके की गलियों में देखने को मिल जाएगी। ये दुकान इतनी फेमस है कि लोग बहुत दूर-दूर से यहां का स्वाद चखने के लिए आते हैं। आप जब भी लखनऊ जाएं तो इस दुकान में खाना खाना न भूलें।

करीम, दिल्ली

अगर आप टेस्टी मुगल खाने को चखना चाहते हैं, तो एक बार करीम जाकर आए। केवल दिल्लीवासी ही नहीं बल्कि हर शहर के लोग भी नॉन वेज खाने का मजा लेने के लिए यहां आते हैं। रेस्टोरेंट की स्थापना 1913 में जामा मस्जिद में हुई थी। यहाँ पर परोसा जाने वाला मुगलई खाना लोगों का दिल जीत लेता है।

फ्लूरी, कोलकाता

सबसे पुराने रेस्टोरेंट फ्लूरी भारत में सबसे प्रसिद्ध कॉफी शॉप में से भी एक है। कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में बनी यह सुंदर जगह 1927 में एक स्विस जोड़ी ने इसे बनाया था। कलकत्ता की सबसे लोकप्रिय कॉफी इस शॉप में लोग सिर्फ कोलकाता से ही नहीं बल्कि पूरे देश से लोग यहां आते हैं। ये जगह अपनी मीठे और स्वादिष्ट बेकरी आइटम के लिए जानी जाती है। बताया ये भी जाता है कि सत्यजीत रे यहां के नाश्ते के इतने दीवाने थे कि उनका क्रेडिट खाता यहां चलता था।

लियोपोल्ड कैफे, मुंबई

ये कैफे मुंबई के सबसे पुराने रेस्टोरेंट में से एक है, इसे 1871 में बनवाया गया था। मुम्बईवासी और टूरिस्ट दोनों की ही भीड़ यहां लगी रहती है। आप यहां के मेन्यू में चाइनीज फूड, इटैलियन डिशेस और भारतीय खाना भी देख सकते हैं। अगर आप यहां जा रहे हैं तो यहां का हॉट चॉकलेट, पिज्जा, चाय, सैंडविच, सोया वाइन चिकन जरूर ट्राई करें। जितना ये कैफे पुराना है, उतना ही महंगा भी है, लेकिन फिर भी यहां की डिश जरूर ट्राई करें।

भारतीय कॉफी हाउस, दिल्ली

इंडियन कॉफी हाउस जिसे आईसीएच के नाम से जाना जाता है, दिल्ली में कनॉट पैलेस में वर्ष 1957 में स्थापित किया गया था। यह दिल्ली में खाने के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। जगह काफी सस्ती है और सजावट भी एकदम नॉर्मल तरीके से की गई है। यह दिल्लीवासियों की पसंदीदा जगह है जहां लोग एक कप गर्मा-गर्म कॉफी का मजा लेने के लिए यहां आते हैं। किफायती दाम में आपको यहां सब कुछ मिल जाएगा।

एलन की रसोई, कोलकाता

कोलकाता की एलन रसोई भी आजादी के पहले का वो रेस्टोरेंट है जो लोगों के दिलों में आज भी घर कर बैठा है। यह स्थान 130 साल से अधिक पुराना है और अब तो पूरे भारत में इसकी चेन चलने लगी है। वर्तमान में चौथी पीढ़ी इस रेस्टोरेंट को चला रही है। एलन की रसोई अपने तले हुए स्नैक्स के लिए जाना जाता है।