प्यार के मिसाल की तौर पर जानी जाती हैं ये 5 एतिहासिक इमारतें, किताबों में भी मिलता हैं उल्लेख

भारत एक विशाल और समृद्ध देश हैं जहां आपको एक से बढ़कर एक इमारतें देखने को मिल जाएगी। बात की जाए प्यार के मिसाल की तो राधा-कृष्ण से बढ़कर ही शायद कोई उदाहरण होगा जिनके मंदिर आपको देशभर में देखने को मिल जाएंगे। लेकिन इसी के साथ ही देश में कई ऐसी एतिहासिक इमारतें हैं जो प्यार के मिसाल की तौर पर जानी जाती हैं। कई साल से यह इमारतें पीढ़ी दर पीढ़ी प्यार के नगमे को सुनाती आ रही है। अपने प्यार को हमेशा के लिए जिंदा रखने के लिए निशानियों के तौर पर इन इमारतों का निर्माण कराया गया था। आज हम आपको देश की ऐसी ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बता रहे हैं जो अपनेआप में ही सच्चे प्यार की मिसाल हैं।

ताज महल, आगरा

बचपन से लेकर अब तक हम ताजमहल की खूबसूरत कहानी को सुनते आए हैं। ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने 1631 से 1648 के बीच में बनवाया था। मूल रूप से ताजमहल एक मकबरा है जो शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाया था। इतिहास के अनुसार मुमताज महल की मृत्यु प्रसव के दौरान हुई थी जिसके बाद शाहजहां उनकी याद में बिलखते थे। शाहजहां मुमताज महल से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने एक ऐसा इमारत बनवाने का जिम्मा उठा लिया था जो बहुत अद्भुत हो उनके प्यार की निशानी हो। जब शाहजहां की मृत्यु हुई थी तब मुमताज महल के मकबरे के बगल में ही शाहजहां को दफनाया गया था। यह इमारत इतना खूबसूरत है कि यह दुनिया के सात अजूबों में शुमार है।



रहीम का मकबरा

आगरा में प्यार का प्रतीक माने जाने वाले ताजमहल के बनने से पहले दिल्ली में एक प्यार की निशानी को बनाया जा चुका था जिसे उस समय के शक्तिशाली शाही शख्स ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया था। रहीम का मकबरा मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक रहीम ने अपनी बेगम के लिए बनवाया था जो निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे के ठीक बगल में बनाया गया था। रहीम का मकबरा हुमायूँ के मकबरे के जैसा बनाया गया है जो हुमायूँ के मकबरे से काफी मिलता-जुलता है। रहीम के मकबरे के बनने के लगभग 150 साल बाद इस इमारत में मौजूद कीमती पत्थरों को निकाल कर सफदरजंग मकबरे में लगाया गया था जिसे नवाब शुजाउद्दौला ने अपने पिता सफदरजंग के लिए बनवाया था।

चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान

भारत के सबसे बड़े किलो में से एक चित्तौड़गढ़ किले को 7वीं शताब्दी में बनवाया गया था। चित्तौड़गढ़ किला न केवल भारत में सबसे बड़े किलों में से एक है, बल्कि यूनेस्को की हेरिटेज साइट में भी इसे सूचीबद्ध किया गया है। चित्तौड़गढ़ किला रानी पद्मिनी और राजा रतन रावल सिंह की ऐतिहासिक प्रेम कहानी का प्रतीक है। इस महल का मुख्य आकर्षण रानी पद्मावती का तीन मंजिला महल है, जो कमल कुंड के किनारे बना है। यह महल बेहद भव्य है, जिसकी दीवारों पर की गई नक्काशी को देखने दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।

रूपमती मंडप, मध्य प्रदेश

यह किला मध्य प्रदेश के मांडू शहर में स्थित है। यह महल मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक सुल्तान बाज बहादुर द्वारा अपनी पत्नी रानी रूपमती के लिए बनवाया गया था। जब राजा सुल्तान बाज ने रानी रूपमती के आगे शादी का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने यह शर्त रखी कि वह तभी शादी करेंगी जब राजा एक ऐसा महल बनाएंगे जहां से वह नर्मदा नदी को देख सकती हैं, तो वह तभी उनसे शादी करेंगी। इसके बाद राजा ने इस महल को बनवाया था। एक सुरम्य पठार पर स्थित रूपमती का मंडप विरासत और ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए मशहूर है।

मस्तानी महल, महाराष्ट्र

यह महल महाराष्ट्र के पुणे शहर में बना है। यह किला प्रथम बाजीराव और उनकी खूबसूरत दूसरी पत्नी मस्तानी का घर रह चुका है। मस्तानी महल इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। 1730 में इस महल का निर्माण करवाया गया था। इस महल को पेशवा बाजीराव ने अपनी दूसरी पत्नी मस्तानी के लिए बनवाया था। बाजीराव के परिवार को उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी पसंद नहीं थी क्योंकि उनकी धार्मिक निष्ठाएं बहुत अलग थीं। बाजीराव मस्तानी से बेइंतहा प्यार करते थे इसीलिए उन्होंने शनिवारवाड़ा में इस महल को बनवाया था। कहा जाता है कि जितनी सुंदर बाजीराव की दूसरी पत्नी मस्तानी थी उतना ही सुंदर यह महल था। हालांकि, आज यह महल आस्तित्व में नहीं है केवल इसके अवशेष ही हैं।