इन 10 ऐतिहासिक इमारतों से पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता हैं उत्तरप्रदेश, लगता है लोगों का जमावड़ा

उत्तर भारत में स्थित भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं उत्तरप्रदेश जिसे पर्यटन के लिहाज से बहुत सुंदर माना जाता हैं। अपनी अनोखी संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही उत्तरप्रदेश को अपने इतिहास के लिए भी जाना जाता हैं। देश-विदेश से लोग उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों में इसके इतिहास से रूबरू होने पहुंचते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उत्तरप्रदेश की मशहूर ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। इन इमारतों को देखने हर दिन हजारों पर्यटक यहां पहुचते हैं। उत्तरप्रदेश की ये इमारतें विश्वभर में जानी जाती हैं। इनके बारे में जानकर आप भी चले आइये इनका दीदार करने।

ताजमहल

इस लिस्ट में सबसे ऊपर मौजूद है ताजमल। आगरा में मौजूद विश्व प्रसिद्ध ताजमहल सात अजूबों में से एक है। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला से परिपूर्ण ताजमहल आज युनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। भारत में इसे प्यार के निशानी के रूप में भी जाना जाता है। शाहजहां द्वारा निर्मित इस महल को देखने के लिए दुनिया भर से सैलानी पहुंचते हैं।

बुलंद दरवाजा

फतेहपुर सीकरी में ऐतिहासिक इमारत बुलंद दरवाजा है। जिसकी ऊंचाई भूमि से 280 फुट है। 52 सीढ़ियों के पश्चात दर्शक दरवाजे के अंदर पहुंचता है। दरवाजे में पुराने जमाने के विशाल किवाड़ ज्यों के त्यों लगे हुए हैं। शेख सलीम की मान्यता के लिए अनेक यात्रियों द्वारा किवाड़ों पर लगवाई हुई घोड़े की नालें दिखाई देती हैं। बुलंद दरवाजे का निर्माण 1602 ईस्वी में अकबर ने अपनी गुजरात-विजय के रूप में करवाया था।

आगरा किला

सूची में सबसे ऊपर भव्य आगरा किला है, जिसे लाल किले के नाम से भी जाना जाता है। किला लाल बलुआ पत्थरों से बना एक वास्तुशिल्प सौंदर्य है। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल होने के नाते, किले का दौरा हर साल भारी संख्या में पर्यटकों द्वारा किया जाता है। आगरा का किला प्रसिद्ध मुगल राजा अकबर द्वारा 1565 में बनवाया गया था जो इसे इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

कैसरबाग पैलेस

उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों की शहर लखनऊ में मौजूद है कैसरबाग पैलेस। लगभग 1847 में अवध के नवाब वाजिद अली शाह द्वारा निर्मित यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में बेहद ही महत्व रखता है। कहा जाता है कि यह महल नवाब का ड्रीम प्रोजेक्ट था। देश की आजादी में भी इस महल की भूमिका को आज भी याद किया जाता है।

जामा मस्जिद

आगरा की जामा मस्जिद एक विशाल मस्जिद है। जो शाहजहाँ की पुत्री शाहजा़दी जहाँआरा बेगम़ को समर्पित है। इसका निर्माण 1648 में हुआ था और यह अपने मीनार रहित ढाँचे तथा विषेश प्रकार के गुम्बद के लिये जानी जाती है। पूरी जामा मस्जिद खूबसूरत नक्काशी और रंगीन टाइलों से सजी हुई है। इसके अलावा यहां बादशाही दरवाजा भी है। इसकी खूबसूरती भी देखते ही बनती है।

झांसी किला

यह राजसी पहाड़ी किला 1613 में ओरछा के राजा बीर सिंह देव द्वारा बनवाया गया था। किला एक विशाल ग्रेनाइट दीवार से घिरा हुआ है जो इसके किलेबंदी का एक हिस्सा है। यहाँ दस द्वार हैं जिनमें से प्रत्येक का नाम एक शासक या राज्य के मील के पत्थर के नाम पर रखा गया है। कुछ द्वार समय के साथ खराब हो गए हैं, लेकिन कुछ अभी भी मौजूद हैं जैसे झरना गेट, चांद गेट, दतिया दरवाजा, लक्ष्मी गेट और सैनयार गेट।

फतेहपुर सीकरी किला

आगरा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद फतेहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक शहर है, जिसका निर्माण मुग़ल बादशाह अकबर ने करवाया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर ने सिकरी को अपनी राजधानी के रूप में बनाने का तय किया था। महल में मौजूद बुलंद दरवाजा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में फेमस है। इस किला के अंदर कई फेमस और पवित्र दरगाह भी मौजूद है।

आनन्द भवन

स्वराज भवन इलाहाबाद में स्थित एक ऐतिहासिक भवन एवं संग्रहालय है। इसका मूल नाम आनन्द भवन था। इस ऐतिहासिक भवन का निर्माण मोतीलाल नेहरू ने करवाया था। 1930 में उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। इसके बाद यहां कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय बनाया गया। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म यहीं पर हुआ था। आज इसे संग्रहालय का रूप दे दिया गया है।

इलाहाबाद किला

इस किले के बारे में लोग बहुत ही कम जानते हैं, लेकिन फिर भी ये किला देखने योग्य है। इस किले का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने पवित्र नदियों गंगा और यमुना के संगम पर करवाया था। इसकी अनूठी डिजाइन और शिल्प कौशल ध्यान देने योग्य है जो इसे प्रयागराज में एक दर्शनीय स्थल बनाती है। किले के अंदर प्रसिद्ध अशोक स्तंभ भी मौजूद है।

सारनाथ

काशी अथवा वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ एक ऐतिहासिक जगह भी है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश इसी स्थान पर दिया था। इसके अलावा यह जगह अशोक/सारनाथ स्तम्भ के लिए भी बेहद ही फेमस है।