पहाड़ों पर ड्राइव के दौरान नहीं होती हैं गलती की गुंजाइश, रखें इन बातों का ध्यान

जब भी कभी घूमने का मन होता हैं, तो अधिकतर लोग हिल स्टेशन की ओर रूख करते हैं। पहाड़ों और वादियों में घूमने का अपना अलग ही मजा हैं, और अगर खुद ड्राइव करके जाते हैं तो फिर क्या ही कहनें! लेकिन खुद ड्राइव करने के दौरान गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती हैं। आपकी छोटी सी लापरवाही भी गंभीर हादसे का कारण बन सकती हैं। पहाड़ों पर ड्राइविंग भी करनी होगी और इसके लिए आपको कुछ खास तैयारियां करनी होंगी क्योंकि समतल की अपेक्षा पहाड़ों पर ड्राइविंग ज्यादा मुश्किल होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पहाड़ों पर ड्राइविंग करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए ताकि आपकी यात्रा बिना किसी परेशानी के मंगलमय संपन्न हो। आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में...

कार का निरीक्षण और सर्वसिंग

पहाड़ी इलाकों के माध्यम से अपनी यात्रा शुरू करने से पहले अपनी कार का मेकनिक द्वारा निरीक्षण बहुत जरूरी है। और कार के महत्वपूर्ण पार्ट्स जैसे टायर्स, बैटरी, इंजन, लाइट, इंटीगेटर, हॉर्न को चेक करबाए और सुनिश्चित करें की पार्ट्स सही तरीके से कार्य कर रहे हो। पहाड़ों के माध्यम से ड्राइविंग करना आपकी कार के पार्ट्स पर अतिरिक्त तनाव डालती है, इसीलिए यात्रा शुरू करने से पहले आपकी कार का निरीक्षण और कार की सर्वसिंग किया जाना अनिवार्य है।

ब्रेक और गियर का सही वक्त पर इस्तेमाल

ऐसा नहीं है कि पहाड़ी इलाकों में कार चलाने के लिए एक खास ट्रेनिंग की आवश्यकता है। लेकिन यह भी सही बात है कि पहाड़ पर एक छोटी सी गलती आपको बड़े जोखिम में डाल सकती है। इसलिए ड्राइविंग के वक्त आपको गियर और ब्रेक के इस्तेमाल की सही जानकारी होना आवश्यक है। पहाड़ी इलाके के रास्ते खड़े ढलान और खतरनाक मोड़ो से भरे होते है। इसीलिए खड़ी ढलान पर चढ़ते या नीचे उतरते समय ब्रेक का उपयोग कम करें और दूसरे या तीसरे गियर का इस्तेमाल करें। ढलान से उतरते वक्त कभी-भी एक दम से ब्रेक न लगाएं ऐसा करने से पीछे वाली गाड़ी आपकी कार को टक्कर मार सकती है और दुर्घटना घच सकती है।

पर्याप्त ईधन

यदि आप अपने दोस्तों के साथ पहाड़ी रास्तो से घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो अपनी यात्रा शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें की आपकी कार में पर्याप्त ईधन है। जान ले खड़े रास्तो पर ड्राइविंग करने से ईंधन की अधिक खपत होती है, इसीलिए आपकी कार का एवरेज थोड़ा कम सकता है। अक्सर पहाड़ी इलाको में पेट्रोल पम्प भी कम होते है जिससे फ्यूल की कमी आपके लिए एक गंभीर समस्या पैदा कर सकती है। इसीलिए पहाड़ी इलाको में यात्रा करने से पहले कार में पर्याप्त ईधन और अपने रास्ते में पड़ने वाले पेट्रोल पम्पो की जानकारी प्राप्त अवश्य कर लें।

नियंत्रण में हो आपकी स्पीड

पहाड़ पर कभी भी ज्यादा तेज कार नहीं चलानी चाहिए। इसका सीधा कारण है कि मैदानी इलाकों में ड्राइविंग करना आसान होता है लेकिन पहाड़ पर तेज स्पीड में कार चलाने के बाद अगर अचानक रोड घूम जाए तो कार को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि अगर आप मैदानी इलाके में रहते हैं और पहाड़ पर घूमने जा रहे हैं तो कभी भी कार को तेज स्पीड में ना चलाएं।

हमेशा अपनी साइड पर चलें

पहाड़ में सुरक्षित तरीके से कार चलाने का एक और नियम है जिसके मुताबिक कार को हमेशा अपनी लेन में ही चलाना चाहिए। अगर आप मैदानी सड़कों की ही तरह पहाड़ पर भी दूसरी लेन में चलने की सोच रहे हैं तो ऐसा मत कीजिएगा। सीधा कारण है कि अगर पहाड़ में आप विपरीत दिशा से आने वाली कारों की लेन में ड्राइव कर रहे हैं और तभी सामने से कोई कार आ जाए तो आप अपनी लेन में कार नहीं ला पाएंगे और हादसा होने का खतरा बढ़ जाएगा।

ना करें ओवरटेकिंग

पहाड़ों पर कार चलाते समय कभी भी बड़े वाहनों को ओवरटेक नहीं करनी चाहिए। पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया जाता है इसलिए पहाड़ों में रोड मैदानी इलाकों के मुकाबले ज्यादा चौड़ी नहीं होती। जगह भी कम होती है और अगर आप किसी बड़े वाहन को ओवरटेक करते हैं तो संभव है कि आपकी कार को ज्यादा जगह ना मिले।

ओवर लोडिंग से बचें

पहाड़ों पर ड्राइविंग के दौरान हमेशा एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि कार में ओवर लोडिंग न करें, जो बड़ा ही खतरनाक साबित हो सकता है। साथ ही बहुत ज्यादा एक कार में न बैठें, जितनी कैपिसिटी है, उतने ही लोग बैठने चाहिए, उसमें एक एक्स्ट्रा कर सकते हैं, मगर उससे ज्यादा नहीं।

रोड सिग्नल और हॉर्न

यदि आप अपने दोस्तों के साथ पहाड़ी रास्तो से कार ड्राइव करके घूमने जा रहे है तो रोड सिग्नल को फोलो करना और हॉर्न का उपयोग करना आपकी यात्रा के लिए महत्वपूर्ण टिप है। क्योंकि पहाड़ी रास्ते हमारे लिए अनजाने मोड़ो से भरे हुए होते है, इसीलिए आप इन मोड़ो को प्रदर्शित करने वाले प्रतीकों को देखे और उन्हें फोलो करें। इसके अलावा पहाड़ी रास्तो और खासकर मोड़ पर हॉर्न का प्रयोग करते रहें जिससे सामने से आने वाले वाहन सतर्क हो जाता है।

बर्फ से ढकी सड़क पर चलना

हिल स्टेशंस पर विंटर के सीजन में चारों तरफ बर्फ देखने में जितनी खूबसूरत लगती हैं उन पर से निकलना उतना ही मुश्किल होता है। बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर ड्राइविंग करते समय कार की गति को कम रखना चाहिए और अपने से आगे चलने वाले वाहन से एक एक नियमित दूरी बनाकर ड्राइव करें। लेकिन हमारी राय यह रहेगी कि अगर जरूरी न हो, तो जिन रास्तों पर बर्फ पड़ी हो उनसे न ही निकलें। क्योंकि बर्फ की चादर वाली सड़कों पर ब्रेक लगाना भी खतरे से खाली नहीं होता है।