National Tourism Day 2023 : धारचूला की खूबसूरती के सामने जन्नत शब्द भी पड़ जाता हैं छोटा

पर्यटन के लिहाज से ऐसी जगहों को ज्यादा पसंद किया जाता हैं जहां प्राकृतिक सौंदर्य का मनोरम नजारा देखने को मिले। देश में कई ऐसी जगहें हैं जो पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। वहीँ कई जगहें ऐसी भी हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए जन्नत मानी जाती हैं, लेकिन लोगों को इनके बारे में ज्यादा पता नहीं हैं। ऐसी ही एक जगह हैं धारचूला जो कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बसा एक खूबसूरत शहर है। अपने खूबसूरत दृश्यों और प्राकृतिक वातावरण के लिए यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। भारत और नेपाल की सीमा से लगा हुआ धारचूला ग्लेशियरों से घिरे हुए एक तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता हैं। शांति और सुकून के कुछ दिन बिताने हैं तो धारचूला जरूर जाएं। हम आपको यहां धारचूला के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानें इनके बारे में...

जौलजिबी

धारचूला पर्यटन में घूमने वाली जगह जौलजीबी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। धारचूला से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह आकर्षित स्थान गोरी और काली नदी का संगम स्थल हैं। नवंबर महीने के दौरान जौलजीबी में लगने वाला वार्षिक मेला नेपाल के पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता हैं।

अस्कोट अभयारण

अगर आप वन्य-जीव प्रेमी और वनस्पति विज्ञानं प्रेमी हैं तो आपको अस्कोट अभ्यारण ज़रूर जाना चाहिए। कहा जाता है कि बर्ड वाचर्स के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह अभयारण्य कस्तूरी मृग के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इसके अलावा काला भालू, हिमालयन शेर, हिम तेंदुए आदि देखने को मिलते हैं। यहां आप जंगल सफारी का भी भरपूर आनंद उठा सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि यह पिथौरागढ़ से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ओम पर्वत

धारचूला में किसी बेहतरीन जगह घूमने की बात होती है तो सबसे पहले ओम पर्वत का नाम ज़रूर लिया जाता है। ओम पर्वत लगभग 6191 मीटर की उंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान काली नदी के तट पर स्थित यह स्थान पर्यटन पर्यटकों के लिए मुख्य पड़ाव के रूप में जाना जाता है। अगर आप ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, तो आपको प्रकृति की सुंदरता का सही अंदाजा लगेगा।

काली नदी

धारचूला की प्रमुख काली नदी उत्तराखंड राज्य की राजसी नदी हैं जोकि भारत और नेपाल की सीमा को अलग अलग करती हैं। पनबिजली उत्पादन के लिए यह नदी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं जोकि 3600 मीटर की ऊंचाई से नीचे उतरती हैं। काली नदी का नाम यहाँ स्थित देवी काली के एक छोटे से मंदिर के नाम पर रखा गया हैं। पर्यटक इस नदी के आसपास की गतिविधियाँ और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।

नारायण आश्रम

धारचूला पर्यटन स्थल की यात्रा के दौरान आप कुमाऊ क्षेत्र में स्थित नारायण आश्रम का दौरा भी कर सकते है। यह आश्रम जैन, प्रकृति, संस्कृति और पहाड़ी क्षेत्र की संस्कृति का शानदार उदहारण प्रस्तुत करता हैं। यह आश्रम शांति का प्रतीक हैं इसके अलावा एक पुस्तकालय और एक ध्यान कक्ष भी आश्रम में स्थित है।

आदि कैलाश

धारचूला में घूमने की जगह आदि कैलाश को छोटा कैलाश के रूप में भी जाना जाता हैं। बता दें कि तिब्बत में आदि कैलाश भगवान भोलेनाथ के भक्तो के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय हैं। छोटे कैलाश की यात्रा के दौरान आप ओम पर्वत के दृश्यों को बखूबी देख सकते हैं। इसके अलावा यहाँ के प्रमुख आकर्षण में ट्रेक दारमा, जंगली फूल-फल, सुंदर झरने, घने जंगलो का आकर्षण देखने लायक होता हैं।

चिरकिला बांध

धारचूला का फेमस चिरकिला बांध काली नदी के ऊपर बनाया गया हैं। एक किलोमीटर लम्बी झील से सटा यह 1500KW का डेम धारचूला से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पयर्टक इस बाँध के देखने के लिए भारी संख्या में आते हैं।