झुमरी तलैया: कभी अभ्रक के खजाने से था आबाद, अब प्राकृतिक सुन्दरता के कारण आते हैं पर्यटक

झारखंड के कोडरमा ज़िले में स्थित झुमरी तलैया एक छोटा सा शहर है, लेकिन बेहद मशहूर है। इसे ‘झुमरी तलैया’ के नाम से भी जाना जाता है। कोडरमा जिला मुख्यालय से क़रीब 6 किमी दूर स्थित ‘झुमरी तलैया’ की आबादी 90 हज़ार के क़रीब है। इस शहर के स्‍थानीय निवासी ‘खोरठा’ भाषा बोलते हैं।

90 के दशक में ये छोटा सा क़स्बा झुमरी तलैया आज एक विकसित शहर बन चुका है। आज इस शहर में क़रीब 2 दर्जन स्‍कूल, कॉलेज, पोस्ट ऑफ़िस, बैंक, एटीएम और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधायें मौजूद हैं। इनमें से एक ‘तलैया सैनिक स्‍कूल’ भी है। ये कोडरमा ज़िले का सबसे विकसित शहर है। झुमरी नाम के छोटे से क़स्बे से ‘झुमरी तलैया’ शहर बनने की कहानी भी दिलचस्प है।

कैसे पड़ा नाम ‘झुमरी तलैया’

दरअसल, इस शहर का नाम पहले केवल ‘झुमरी’ हुआ करता था। दामोदर नदी में हर साल आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए साल 1953 में इस क़स्बे में ‘तलैया बांध’ बनाया गया। इसी बांध के कारण इसके नाम के साथ ‘तलैया’ शब्द जुड़ा गया है और ये ‘झुमरी तलैया’ के तौर पर जाना जाने लगा। ‘झुमरी तलैया’ प्राकृतिक रूप से काफ़ी हरा-भरा क्षेत्र होने के कारण ये प्रमुख पिकनिक स्‍थल के तौर पर भी जाना जाता है।

रेडियो के चलते हुआ मशहूर, सिने संसार में छाया

झुमरी तलैया को अक्‍सर एक काल्‍पनिक स्‍थान समझने की भूल कर दी जाती है लेकिन इसकी ख्‍याति की प्रमुख वजह एक जमाने में यहां की अभ्रक खदानों के अलावा यहां के रेडियो प्रेमी श्रोताओं की बड़ी संख्‍या भी है। झुमरी तिलैया के रेडियो प्रेमी श्रोता विविध भारती के फरमाइशी कार्यक्रमों में सबसे ज्‍यादा चिट्ठियां लिखने के लिए जाने जाते हैं। मूलतः झुमरी तिलैया एक खनन कस्बा था, जो कि 1957 में अपने विविध भारती से संबंध के कारण प्रसिद्ध हुआ। जबकि भारत में कई सारे टीवी चैनल और एफ एम रेडियो स्टेशन शुरू ही नहीं हुए थे, विविध भारती के कार्यक्रम राष्ट्रीय आयोजन बन गये थे। विविध भारती के कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में अनुरोध झुमरी तिलैया से आया करते थे। इस कस्बे के युवा श्रोता आपस में एक प्रतियोगिता-सी किया करते थे कि एक दिन या महीने में कौन सबसे ज्यादा अनुरोध देता है। श्रोता, रामेश्वर बर्णवाल और नन्दलाल सिन्हा तो अपना नाम लगभग प्रतिदिन इस कार्यक्रम में बुलवाने में सफल रहे। इस प्रकार विविध भारती के श्रोता झुमरी तिलैया कस्बे से परिचित हो गये।

आज दौर बदल गया है लोग झुमरी तलैया को भूल गए हैं। झुमरी तलैया सिर्फ रेडियो श्रोताओं के लिए ही प्रसिद्ध नहीं रहा, अपितु यह कस्बा एक समय अपनी अभ्रक की खदानों के लिए भी बहुत मशहूर था। 1890 में कोडरमा के आसपास रेल की पटरी बिछाने के दौरान यहाँ अभ्रक की खानों का पता चला, इसके बाद ही यहाँ कई खनन उद्योग अस्तित्व में आए। सबसे ज्यादा अभ्रक यूएसएसआर को निर्यात किया जाता था, जिसका प्रयोग वहाँ अन्तरिक्ष और सैनिक उपकरणों में होता था। झारखंड के कोडरमा शहर में मौजूद झुमरी तलैया/झुमरी तिलैया एक नहीं बल्कि कई अद्भुत जगहों के लिए प्रसिद्ध है। घने जंगल, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और खनिज सम्पदा से भरपूर यह गांव ध्वजाधारी पहाड़ में मौजूद है। यह पहाड़ भगवान शिव को समर्पित है और हर महाशिव रात्रि को यहाँ पूजा होती है। बरसोती नदी के नजदीक बसे इस जिले में चंचल धाम नाम की एक जगह भी है जहाँ पर प्रसिद्ध माँ चंचलानी देवी की पूजा होती है। पर्यटकों की नजरों से अंजान प्राकृतिक खूबसूरती को अपने अंक में समाये इस स्थान को जो एक बार देख लेता है उसका मन झूमरी तैलया को बार-बार देखने का होता है।

नाम के निहितार्थ

कुछ लोग झुमरी तिलैया के अस्तित्व पर ही शक किया करते थे और सोचते थे कि यह एक काल्पनिक कस्बा है। इस नाम का उपयोग मज़ाकिया लहजे में महत्त्वहीनता दिखाने के लिए भी किया जाता रहा है। जैसे 'मैडिकल जर्नल ऑफ़ झुमरी तिलैया' का प्रयोग प्रायः सस्ती व महत्त्वहीन मेडिकल जर्नल को जताने के लिए किया जाता है। एक तरह से झुमरी तिलैया टिम्बकटु का भारतीय समकक्ष है, जिसे भी एक काल्पनिक जगह माना जाता है। इसका उल्लेख कई हिन्दी फ़िल्मों में दिखता है। अक्सर जब झुमरी तिलैया के लोग किसी साक्षात्कार में जाते हैं तो लोग अचम्भे के साथ खुशी जाहिर करते हैं कि उनके बायोडाटा में लिखा कस्बा सचमुच इस धरती पर है। झुमरी झारखंड में एक गाँव है, जबकि तिलैया शब्द हिन्दी शब्द ताल से आया है जिसका मतलब है तालाब। ऐसा भी कहा जाता है कि झुमरी एक स्थानीय लोकनृत्य भी है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि इसकी उत्पत्ति झुरी से हुई है जो ब्रश के लिए स्थानीय शब्द है, जिसका प्रयोग गाँव में खाना पकाने के ईंधन के रूप में किया जाता है। एक और सिद्धान्त यह है कि झुमरी तलैया का नाम इसके दो अलग-अलग गाँवों झुमरी और तिलैया बाँध के बीच अवस्थित होने से पड़ा है।

आज इस आलेख में हम अपने पाठकों को झुमरी तलैया की उन बेहतरीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी पर्यटकों की नजरों से बची हुई हैं।

तिलैया डैम

तिलैय बाँध दामोदर घाटी निगम द्वारा बनाया गया पहला बाँध और जलविद्यत स्टेशन है। इस बाँध का ऐतिहासिक महत्त्व भी है कि यह स्वातन्त्र्योत्तर भारत में बनाया गया पहला बाँध है और इसका उद्घाटन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया था। यह बाँध 1200 फीट लंबा और 99 फीट ऊँचा है। तिलैया जलाशय 36 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। तिलैया के आसपास कई शैक्षिक संस्थान हैं, इनमें सबसे प्रसिद्ध है- सैनिक स्कूल (आर्मी स्कूल), तिलैया। सारा क्षेत्र हरे भरे वृक्षों से घिरा हुआ है। यह पिकनिक के लिए भी एक आदर्श स्थान है। इस बाँध का मुख्य उद्देश्य बाढ़ रोकना था। यहाँ के जलविद्युत स्टेशन की क्षमता 4 मेगावाट है। झुमरी तलैया के आसपास के पर्यटन स्थल राजगीर, नालंदा और हज़ारीबाग राष्ट्रीय पार्क, सोनभंडार गुफाएँ (यहाँ मौर्य खजाने के होने की अफ़वाहें हैं), सम्मेद शिखर जैन तीर्थ, ध्वजधारी पहाड़ी, सतगवाँ पेट्रो फ़ाल्स्, संत परमहंस बाबा की समाधि, मकमरो पहाड़ियाँ और माँ चंचला देवी शक्तिपीठ हैं।

झुमरी तलैया (झुमरी तिलैया) में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय कोई जगह है तो उसका नाम है तिलैया डैम। लगभग 1200 फीट लंबे और लगभग 99 फीट ऊंचे इस डैम को देखने के लिए सबसे अधिक सैलानी पहुंचते हैं। कहा जाता है कि मानसून में इस जगह की खूबसूरती चरम पर होती है। इस डैम के आसपास की खूबसूरती भी लोगों को खूब भाती है। ऐसे में आप सबसे पहले तिलैया डैम घूमने के लिए जा सकते हैं।

कोडरमा रिजर्व फॉरेस्ट

तलैया डैम घूमने के बाद आप कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट घूमने के लिए जा सकते हैं। चारों तरह हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ इस जगह की पहचान है। इस जंगल में आप भालू, मोर, जंगली सूअर, बटेर, जंगली कुत्ता, आदि कई जानवर देख सकते हैं। हालांकि, इस फ़ॉरेस्ट में घूमने के लिए आपको वन अधिकारी से अनुमति लेनी होगी, तभी आप यहां घूमने जा सकते हैं।

मां चंचला देवी मंदिर

आपको बता दें कि झुमरी तलैया एक आदिवासी गांव है और यहां के लोग आस्था में बहुत विश्वास करते हैं। झुमरी तलैया में मौजूद मां चंचला देवी का मंदिर यहां के लोगों के लिए बेहद ही पवित्र स्थान है। इस मंदिर को दुर्गा मां का ही रूप माना जाता है। पहाड़ी में मौजूद होने के लिए यह स्थान सैलानियों के बीच भी लोकप्रिय है। ऐसे में अगर आप झुमरी तलैया में किसी पवित्र स्थान घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां जा सकते हैं।

घूमने की अन्य खूबसूरत लोकेशन्स

झुमरी तलैया में आप सिर्फ तलैया डैम, कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट या मां चंचला देवी मंदिर ही नही बल्कि अन्य कई बेहतरीन जगह भी घूमने के लिए जा सकते हैं। झुमरी तलैया में मौजूद पेट्रो जलप्रपात, घोड़सिमर धाम, ध्वजाधारी पहाड़ और हिल्स भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

उद्योग-धंधे

हाल के वर्षों में तिलैया छोटे पैमाने पर उद्योगों के लिए इनक्यूबेटर बन गया था क्योंकि खनिजों तक आसान पहुंच, बेहतर राजमार्ग और रेल कनेक्टिविटी, डीवीसी सब स्टेशन की वजह से बेहतर बिजली बुनियादी ढांचा। इसके पास रिडा औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें हाथ पंप और मीका पाउडर विनिर्माण इकाई है .तिलैया में कई स्पंज आयरन पौधों और मीका इकाइयों है। दो मेगा पावर प्लांट भी आ रहा है। एक 1000 मेगावाट बंजेदीह बिजली संयंत्र है और एक एडीएजी का 4000 मेगावाट बिजली संयंत्र है। बैंकिंग क्षेत्र में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक इत्यादि सहित कई राष्ट्रीय और निजी बैंक उपलब्ध हैं।

इस शहर में कई होटल और रेस्तरां हैं। सेंटर स्क्वायर होटल, झंडा चौक के पास, शहर के केंद्र में स्थित है। हाल ही में इस शहर ने वेबवॉक्स के रूप में एक नया वेब सेवा प्रवेशकर्ता देखा है, इस तरह के सेवा प्रदाता उभरते हुए फॉर्म के विकास पर चिंता दिखा रहा है।

जनसंख्या

हिन्दी इस कस्बे की प्रमुख भाषा है। इसके अलावा पंजाबी, बंगाली, मारवाड़ी, मगही और अंग्रेज़ी भी यहाँ बोली जाती हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, झुमरी तलैया में 87867 जनसंख्या थी। इनमें 53 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएँ हैं। यहाँ की औसत साक्षरता 62 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत 59.5 प्रतिशत से अधिक है: पुरुष साक्षरता 72 प्रतिशत है और महिला साक्षरता 52 प्रतिशत है।

कैसे पहुंचें?


झुमरी तलैया पहुंचना बहुत आसान है। झारखंड के रांची, धनबाद, गिरिडीह आदि शहर से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। इन शहरों से झुमरी तलैया के लिए बस चलती रहती है। आपको बता दे कि सबसे पास में कोडरमा रेलवे स्टेशन है। अगर आप हवाई यात्रा से जाना चाहते हैं तो रांची हवाई अड्डा पहुंचकर आप यहां के लिए टैक्सी या कैब बुक कर सकते हैं।