भारत को मंदिरों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता हैं। हिन्दू धर्म में तो मंदिरों का बहुत बड़ा महत्व हैं। हिन्दू धर्म में मंदिरों में लगे भोग और प्रसाद के लिए तो भक्तों का ताता लगा रहता हैं। लेकिन भारत में कुछ ऐसे मंदिर हैं जो कि अपने अनोखे प्रसाद के लिए भी जाने जाते हैं। किसी मंदिर में चोकलेट मिलती है तो किसी में चाउमीन। तो आइये बताते हैं आपको इन मंदिरों और अनके अनोखे प्रसाद के बारे में...
* चाइनीज काली मंदिर :कोलकाता के चाइनीज काली मंदिर में ना सिर्फ माता को नूडल्स का भोग लगाया जाता है बल्कि यहां आनेवाले भक्तों को भी प्रसाद में नूडल्स बांटे जाते हैं। कहा जाता है कि यहां पर हर दिन प्रसाद में नूडल्स को अलग-अलग तरह से पकाकर दिया जाता है।
* करणी माता मंदिर :राजस्थान के बीकानेर में स्थित यह मंदिर चूहों वाला मंदिर और करणी माता, चूहों वाली माता के नाम से भी जानी जाती है। इस मंदिर में 20000 से ज्यादा चूहें रहते है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है की यहाँ चूहों का जूठा प्रसाद भक्तों को दिया जाता है। यहाँ पर रहने वाले चूहें माता की संतान माने जाते है।
* जगन्नाथ मंदिर :उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भोग के रुप में छप्पन प्रकार के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। अगर आपने एक पहर का खाना नहीं खाया है तो इस मंदिर के प्रसाद को ग्रहण करके आपके पेट के साथ-साथ आपकी आत्मा भी तृप्त हो जाएगी। इस मंदिर में मिलनेवाले 56 भोग का प्रसाद दुनियाभर में मशहूर है।
* थ्रिसुर, महादेव मंदिर :केरल के थ्रिसुर महादेव मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को खाने की सामग्री की बजाए ब्रोशर्स, सीडी-डीवीडी और टैक्स्ट बुक्स वितरित की जाती हैं। मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि ज्ञान के प्रचार आैर प्रसार से बढ़कर अन्य कोई प्रसाद हो ही नहीं सकता।
* श्री परमहंस मठ :मध्यप्रदेश के श्री परमहंस मठ में प्रसाद के रुप में भक्तों को कुकीज और बिस्किट दिए जाते हैं। लजीज चॉकलेट चिप के साथ कुकीज का प्रसाद लेने के लिए सबसे ज्यादा भीड़ बच्चों की उमड़ती है।
* कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी :हर वर्ष गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान 3 दिन के लिए मां के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं और चौथे दिन जब मंदिर के द्वार खुलते हैं तो बहुत बड़ी संख्या में भक्तों का तांता मां के दर्शन के लिए लग जाता है। प्रसाद के रूप में प्रत्येक भक्त को एक गीला कपड़ा प्राप्त होता है। कहा जाता है की ये कपड़ा मां के रज से भीगा होता है।
* काल भैरव मंदिर :उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भैरव बाबा को शराब का भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रुप में शराब दिया जाता है। इस मंदिर में प्रसाद लेने के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की भीड़ उमड़ती है।
* बालसुब्रमणिया मंदिर, अलेप्पी :केरल के अलेप्पी में बना हुआ है बालसुब्रमणिया मंदिर। बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत प्रिय है। इसलिए यहां भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट ही अर्पित की जाती है और चॉकलेट का ही प्रसाद वितरित किया जाता है।
* गोगामेंधी मंदिर :राजस्थान के गोगामेंधी मंदिर में प्याज और मसूर की दाल का प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है। यहां आनेवाले भक्त प्रसाद के रुप में मिले प्याज को घर में सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
* अलागार मंदिर, मदुरै :कहा जाता है जैसा देश वैसा भेस तमिलनाडू के मदुरै में बने भगवान विष्णु के अलागार मंदिर में प्रसाद के रूप में डोसा मिलता है।