Sawan Special : शिव की इन ऊंची प्रतिमाओं को देखकर लगता हैं साक्षात भोलेनाथ है खड़े

सावन के इस महीने में जहां भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त मंदिरों में जाकर शिव की उपासना करते हैं। इस पूरे महीने में शिव मंदिर में इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने के भी जगह नहीं बचती हैं। देशभर में शिव के दर्शन करने के लिए लोग मंदिरों में पहुंचते हैं। सावन के इस पवित्र महीने में पर्यटन के तौर पर घूमने के लिए शिव की ऊंची प्रतिमाओं के दर्शन किए जा सकते हैं। हम आपको शिव की कुछ ऐसी ऊंची मूर्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें देखकर ऐसा लगता हैं मानो साक्षात भोलेनाथ खड़े हो। इन मूर्तियों के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी यात्रा करते हैं। आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां मौजूद हैं भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा।

शिवगिरि महादेव

कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले के शिवपुर में शिव की महिमा बतलाता भव्य शिवमंदिर शिवगिरी है। इस मंदिर में स्थित भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति 85 फीट ऊंची है। इश प्रतिमा में शिव को योगेश्वर रूप में दिखाया गया है। इस प्रतिमा में भोलेनाथ योगेश्वर रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते है। इस प्रतिमा में शिव जी पद्मासन में बैठे हैं। साथ ही उनके हाथ जप करते हुई मुद्रा में दर्शाए गए है। यह प्रतिमा 2011 में स्थापित की गई है।

भगवान शिव की मूर्ति मुर्देश्वरी

मुर्देश्वर में भगवान शिव की मूर्ति भारत की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है जो उत्तरी कर्नाटक जिले के भटकल तालुक में कंडुका पहाड़ी पर बनी है। मूर्ति की ऊंचाई 123 फीट (37 मीटर) है और इसे शिवमोग्गा के काशीनाथ और कई अन्य मूर्तिकारों द्वारा बनाया गया था। ये भारत के कर्नाटक में स्थित है और इसका मंदिर तीनों और से जल से घिरा हुआ है। इससे रामायण काल की पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है।

आदियोगी शिव प्रतिमा

आदियोगी भगवान शिव की मूर्ति को दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति मूर्ति माना जाता है, जिसे तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई थी। 112 फीट की ऊंचाई के साथ प्रतिमा का वजन लगभग 500 टन है। 112 फीट के होने की कहानी को लेकर कहा जाता है कि यह मोक्ष से जुड़े 112 तरीकों के बारे में बताता है।

नामची शिव की मूर्ति

सिक्किम के गंगटोक से 92 किलोमीटर की दूरी पर नामची शहर में पहाड़ी पर चारधाम बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम और पुरी के मंदिरों का प्रतिरूप देखने को मिलता है। साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों को भी मंदिर में दर्शाया गया है। यहां बनी शिव की मूर्ति 108 फीट ऊंची है। जिसे सिद्धेश्वर धाम और किरातेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

हर की पौड़ी

भगवान शिव की यह विशाल प्रतिमा स्वामी विवेकानंद पार्क में स्थित है और इसकी (100.1 फीट) ऊंचाई के कारण इसे दूर से भी काफी अच्छे से देखा जा सकता है। हरिद्वार में घूमने के दौरान आप ये मूर्ती देख सकते हैं। उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा के बीचों-बीच बनी भगवान शिव की मूर्ति भी काफी प्रसिद्ध है। एक समय भगवान शिव की यह मूर्ति बाढ़ के कारण तेज बहाव बह गई, लेकिन इसे एक बार फिर से परमार्थ आश्रम के सामने स्थापित कर दिया गया। जहां पर होने वाली गंगा आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

मंगल महादेव

देवो के देव महादेव की मूर्ति मॉरीशस में भी मौजूद है। 108 फीट भगवान शिव की लंबी मूर्ति त्रिशूल के साथ खड़ी मुद्रा में स्थित है, जिसे मंगल महादेव के नाम से जाना जाता है। यह भारत में गुजरात के वडोदरा में सूरसागर झील में भगवान शिव की मूर्ति की कॉपी है। यह समुद्र तल से 1800 फुट ऊपर है। बता दें किये मॉरीशस का बड़ा धार्मिक स्थल है।

नाथवाड़ा शिव मूर्ति

राजस्थान के नाथवाड़ा में भगवान शिव की बहुत ही ऊंची मूर्ति स्थापित है। इसे पूरे विश्व की चौथी सबसे ऊंची मूर्ति माना गया है। बात इसकी ऊंचाई की करें तो यह लगभग 351 फीट ऊंची है। इसे उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर श्रीनाथद्वारा के गणेश टेकरी में तैयार किया गया है। इस प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि यह यात्रियों को यहां पहुंचने के 20 किलोमीटर दूरी से दिखने लगती है।

नागेश्वर शिव प्रतिमा

भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 केवल गुजरात में ही हैं पहला सोमनाथ महादेव और दूसरा नागेश्वर महादेव। पहले यह मंदिर इतना विशाल नहीं था लेकिन टी-सीरिज के निर्माता गुलशन कुमार ने इसे इतना भव्य रूप दिया। मंदिर परिसर के बाहर भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति है जो 82 फुट ऊंची और 25 फुट चौड़ी है। यहां शिवजी का एक हाथ जप मुद्रा में और दूसरा हाथ वरदान मुद्रा में है।