माता वैष्णो देवी यात्रा पर जाने का बन गया है प्रोग्राम तो इन नए दिशा निर्देशों को जरूर जान लें, जय माता दी

वैष्णो देवी मंदिर शक्ति को समर्पित एक पवित्रतम हिंदू मंदिर है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है। हिंदू धर्म में वैष्णो देवी, जो माता रानी और वैष्णवी के रूप में भी जानी जाती हैं, देवी मां का अवतार हैं। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर, 5,200 फ़ीट की ऊंचाई और कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है। हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं और यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ-स्थल है। इस मंदिर की देख-रेख श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल द्वारा की जाती है। तीर्थ-यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उधमपुर से कटरा तक एक रेल संपर्क बनाया गया है।

अगर गर्मियों की छुट्टियों में आप भी माता वैष्णो देवी जाने की सोच रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके फायदे का साबित हो सकता है, भले ही आप इस यात्रा से जुड़ी सभी जानकारियों से परिचित रहे हों लेकिन अब इस यात्रा के सम्बन्ध में कुछ बदलाव किये गए हैं, जिनके बारे में जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है –

यात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है – एनजीटी ने माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को निर्देश जारी कर दिए हैं, जिनके अनुसार अब से इस यात्रा पर एक दिन में केवल 50 हजार श्रद्धालु ही जा सकेंगे। इस नियम के लागू होने के बाद, अगर आप बिना पर्ची लिए कटरा पहुँचेंगे तो आपको काफी दिक्कत उठानी पड़ सकती है क्योंकि अब से यात्रियों की संख्या ज़्यादा होने पर नयी पर्ची जारी नहीं की जायेगी।

इस यात्रा की ऑनलाइन पर्ची लेना फायदेमन्द रहेगा –
इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पर्ची लेना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा क्योंकि अगर आप कटरा पहुँचने के बाद, पंजीकरण कार्यालय में पर्ची बनवाने जायेंगे और उस समय यात्रियों की संख्या ज्यादा होगी तो ऐसा भी हो सकता है कि आपको अगले दिन की पर्ची मिले और आपको अगले दिन तक इंतज़ार करना पड़े।

कटरा में गन्दगी फैलाने पर जुर्माना लगेगा – नए निर्देशों के अनुसार, माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु और यहाँ का प्रशासन सफाई का विशेष ध्यान रखें, इसलिए प्रशासन को ये आदेश दिया गया है कि कटरा में गन्दगी फैलाने वाले व्यक्ति पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए।

नया रास्ता तो मिलेगा पर ये सुविधाएँ नहीं – एनजीटी के आदेश के अनुसार यात्रा का नया रास्ता 24 नवम्बर तक शुरू कर दिया जाना चाहिए और इस रास्ते पर केवल पैदल यात्री और बैटरी कारें ही चलेंगी। घोड़े, टट्टू और पालकी की सुविधा इस नए रास्ते पर नहीं मिलेगी।

आपको ठहरने की व्यवस्था का ख्याल भी रखना होगा – अभी तक माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए किसी खास दिक्कत का सामना शायद ही करना पड़ा हो क्योंकि यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ ठहरने के लिए होटलों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ती गयी है लेकिन अब एनजीटी के फैसले के अनुसार माता वैष्णो देवी स्थल के आसपास के इलाकों में कोई नया निर्माण नहीं होगा। ऐसे में हो सकता है कि ठहरने की व्यवस्थाएं कुछ हद तक बाधित हो इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपने रुकने की व्यवस्था पहले से ही करके चलें।

जय माता दी