खुद को तलाशने का एक जरिया हैं सोलो ट्रैवलिंग, जानें इससे मिलने वाले फायदे

घूमना-फिरना सभी को पसंद होता हैं और लोग अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने जाने के लिए बहुत प्लानिंग भी करते हैं। लेकिन आजकल सोलो ट्रैवलिंग का कांसेप्ट काफी बढ़ने लगा हैं। यह पहले सिर्फ पश्चिम देशों में देखने को मिलता था, लेकिन अब भारतीय भी इसे खुलकर आजमा रहे हैं। सोलो ट्रैवलिंग के दौरान आप अकेले ही घूमने के लिए निकल जाते हैं और अपनी मर्जी के खुद मालिक होते हैं। खास बात ये है कि सोलो इस ट्रैवल से किसी भी इंसान को कभी नुकसान नहीं हुआ है बल्कि हमेशा फायदा ही हुआ है। सोलो ट्रैवलिंग खुद को तलाशने का एक जरिया हैं। आज इस कड़ी में हम आपको सोलो ट्रैवलिंग के ऐसे फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको भी अकेले घूमने जाने के लिए मजबूर कर देंगे। आइये जानें इनके बारे में...

कंफर्ट जोन का चलता है पता

कंफर्ट जोन कहां है? आपके घर में? आपकी अपनी जिंदगी के कई हिस्सों में है ये कंफर्ट जोन। मगर खुद में छुपी खूबियों को जानने के लिए इस कंफर्ट जोन से बाहर आना जरूरी होता है। अकेले यात्रा शुरू करेंगी, तो इस जोन से बाहर आने का मौका मिलेगा। सोलो ट्रैवलिंग के द्वारा स्वयं को जानना का मौका मिलता है। सोलो ट्रैवलिंग में हर काम अपने आप करना पड़ता है जिसके कारण आपको मालूम चलता है कि आप कौन सा काम करने में सक्षम हैं और कौन सा काम नहीं हैं। आप समझ पाएंगी कि आपकी दुनिया सिर्फ इतने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अभी और भी बहुत से कमाल आपको करने हैं।

होता है आजादी का अहसास


सोलो ट्रैवलिंग में आपके पास अपनी आजादी होती है। जब आप ग्रूप में या फैमिली के साथ होते हैं तो ट्रैवलिंग के दौरान भी इन लोगों की रोक-टोक सुनने को मिलती है। सोलो ट्रैवलिंग में आपको रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता है और आप आजाद होते हैं।

मनपसंद का खाना

कई बार ऐसा होता है कि आपको सफर पर नॉनवेज खाने का मन है लेकिन आपके ग्रुप के बाकी लोग शाकाहरी हैं। ऐसे में आप चाहकर भी नॉनवेज नहीं खा सकते। आपको समूह के सभी लोगों का ध्यान रखते हुए मन मारकर वेज खाना ही लेना पड़ता है। अकेले सफर में ऐसी दिक्कत नहीं आती। आप आराम से जो मन करे, वह खा सकते हैं।

नई-नई जानकारी


ये बात बिल्कुल सही है कि जब आप परिवार के साथ बाहर जाते हैं, तो आप ज्यादातर समय अपने परिवार के साथ ही व्यस्त होती हैं। जबकि अकेले होने पर आप नए लोगों से मिलती हैं, तो जिंदगी के नए रंगों से रूबरू होने का मौका मिलता है। जैसे हो सकता है आप किसी ऐसी लड़की से मिलें, जिसने घूमने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। मगर आप सालों से बेहतरीन डांसर होने के बाद भी अपनी नौकरी छोड़ने का रिस्क नहीं ले पा रही हैं। पर अब आपको ऐसा करने का साहस मिलेगा। अकेले घूमने निकलेंगी, तो खर्च कम होगा, जब खर्च कम होगा, तो आप ज्यादा घूमेंगी और आपके अनुभव भी ज्यादा होंगे। कम खर्च में ज्यादा घूमने का अच्छा तरीका है सोलो ट्रैवल।

जिंदगी को देखना का नया नजरिया

काम, पढ़ाई या किसी भी परेशानी में हम अपने आपको इतना परेशान कर लेते हैं कि हमें अपने जीवन की अच्छी चीजें और हमारे इर्द-गिर्द के अच्छे लोग हमें दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन सोलो ट्रैवलिंग की मदद से आप एक दुनिया और लोगों को नए नजरिए से देखते हैं और कई खूबसूरत चीजों को अपने आसपास महसूस करते हैं। इससे आपको अपने रोजाना के दिनचर्या से कुछ दिनों की आजादी मिल सकती है और आप नयी ऊर्जा और सोच से भर सकते हैं।

सीखें आत्मनिर्भर बनना

अकेले यात्रा का एक फायदा ये भी है कि आप आत्मनिर्भर बनना सीख पाती हैं। आप जान पाती हैं कि बिना किसी की सहायता लिए जिंदगी के कई सारे काम किए जा सकते हैं। जबकि हमेशा लोगों से घिरे रहना आपको अपनी सुरक्षा या दूसरे जरूरी कामों के लिए दूसरों पर निर्भर ही बनाए रखता है। धीरे-धीरे आप अपने काम करके अपनी क्षमताओं को पहचान लेते हैं। फिर जिंदगी आप खुद ही मैनेज कर लेते हैं। अकेले यात्रा करना आपको अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही आगे आने का साहस भी दे देता है। बाहर निकलते हुए आप ये समझ पाती हैं कि अपनी सुरक्षा को लेकर भी आप दूसरों पर निर्भर नहीं हैं। कुछ जरूरी कदम आपको हमेशा सुरक्षित रख सकते हैं और इन कदमों को आप खुद ही पहचान और सीख लेती हैं।

तनाव भी होगा कम

कई सारे शोधों में ये माना गया है कि यात्रा तनाव कम करने में सहायक है। जब आप अकेले यात्रा करने निकलती हैं तो सिर्फ अपने साथ होती हैं और यही साथ आपको अपनी परेशानियों को समझने में मदद करता है। आप अपनी स्थितियों का आकलन कर पाती हैं और तनाव को खुद से दूर रखने के उपाय भी तलाश पाती हैं। फिर ये यात्रा भले ही दो दिनों की हो, लेकिन आपके तनाव को भगाने का काम करती है।

सस्ता सफर और मजेदार भी

कई बार आपका बजट कम होता है लेकिन आपके दोस्त महंगे होटेल में रहना और खाना चाहते हैं। चूंकि आप ग्रुप के साथ यात्रा करने गए हैं तो आपको उनके निर्णय में शामिल होना होता है। ऐसे में आप पर बिना बात के आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। अकेले सफर करने में आपको इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।