मातारानी के इस मंदिर में मनोकामना पूर्ती के लिए देना पड़ता हैं धरना

नवरात्रि का पावन पर्व जारी हैं जो कि मातारानी को समर्पित होता हैं और हर दिन मातारानी के विभिन्न स्वरूपों का पूजन किया जाता हैं। इन पावन दिनों में देशभर में मातारानी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती हैं। हांलाकि इस बार कोरोना के चलते सभी एहतियात बरते जा रहे हैं। आज इस कड़ी में हम आपको मातारानी के अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भक्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए धरना देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां के इस मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

मां नेतुला मंदिर

हम बात कर रहे हैं मां के पावन नेतुला मंदिर की। मां नेतुला मंदिर बिहार के जमुई जिले में सिंकदरा प्रखंड के कुमार गांव में स्थित है। मां के इस पावन मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहा था। नवरात्रि के दिनों में मां के इस पावन धाम में भक्तों की काफी भीड़ रहती है।

मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा

मां नेतुला मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा होती है। मां नेतुला मंदिर मां के शक्तिपीठ धामों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पावन स्थान पर माता सती की पीठ गिरी थी। मां के पावन शक्तिपीठ धामों में दर्शन का विशेष महत्व होता है।

तीस दिनों तक सच्चे मन से धरना देने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां नेतुला मंदिर में 30 दिनों तक सच्चे मन से धरना देने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मां नेतुला मंदिर की मान्यता है कि इस धाम में धरना देने से लोगों को आंखों की खोई हुई रोशनी व नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति हो जाती है।

मुस्लिम समुदाय के लोग भी आते हैं दर्शन करने

मां के इस पावन धाम में मुस्लिम समुदाय के लोग भी दर्शन करने आते हैं। मां नेतुला मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां का फूलों से श्रंगार और आरती की जाती है।