राजधानी दिल्ली हमेशा से ही देश का ऐतिहासिक और राजनीतिक केंद्र रही हैं। पर्यटन की बात की जाए तो दिल्ली देश के प्रमुख स्थानों में से एक हैं। यहां आप जितने भी दिन बिताए उतने कम हैं क्योंकि पर्यटन स्थलों के अलावा आपको यहां का खाना भी आकर्षित करता हैं। हर वर्ष हजारों पर्यटक दिल्ली के जरिए भारत के इतिहास को जानने के लिए आते हैं। दिल्ली में आपको कई प्राचीन मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च और मस्जिद देखने को मिल जाएंगे। वहीँ अगर आप वीकेंड पर अपने परिवार संग पिकनिक मनाने की सोच रहे हैं, तो दिल्ली एक बेहतरीन जगह हैं। आज इस कड़ी में हम आपको दिल्ली की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप वीकेंड पर अपने परिवार संग घूमने जा सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
लाल किलालाल किले का निर्माण शाहजहां ने 17 वी शताब्दी में करवाया था। इसका निर्माण लाल रंग के पत्थरों से किया गया है। जिसकी वजह से इसका रंग लाल है। लाल रंग होने की वजह से इस किले का नाम लाल किला पड़ गया। यह किला एक विशाल ऐतिहासिक किला है। लाल किला दिल्ली में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। रंग महल लाल किले का सबसे खूबसूरत महल है। यह किला शहर के केंद्र में स्थित है। यह मुगल शासकों का प्रमुख निवास स्थल हुआ करता था। 2007 में इस किले को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री इसी लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं।
कुतुब मीनार कुतुब मीनार दुनिया का सबसे ऊंचा टॉवर और दिल्ली का दूसरा सबसे बड़ा स्मारक है। यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में सूचीबद्ध कुतुब मीनार महरौली में स्थित है जिसका निर्माण 1192 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब उद-दीन-ऐबक द्वारा शुरू किया गया था। बाद में, टॉवर का निर्माण सदियों से विभिन्न शासकों द्वारा किया गया था। इस शानदार स्मारक का नजारा आपको भारत के समृद्ध इतिहास से रूबरू कराता है। कुतुब मीनार के अलावा, कुतुब कॉम्प्लेक्स में आपको आयरन पिलर और अलाई दरवाजा जैसी कई अन्य प्राचीन संरचनाएं देखने को मिलेंगी। यह दिल्ली वासियों के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्थल बन गया । इसके अलावा, भव्य कुतुब महोत्सव पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
अक्षरधाम मंदिरदिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर, हिंदू धर्म के सबसे बड़े मंदिरों में से एक हैं। ये भव्य मंदिर भगवान स्वामीनारायण जी को समर्पित हैं। यह मंदिर अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित हैं। इस मंदिर में भगवान स्वामीनारायण जी की 11 फूट ऊंची प्रतिमा हैं। मुख्य प्रतिमा के अलावा यहाँ हिंदू देवी-देवताओं की लगभग 20,000 प्रतिमाएं है। गुलाबी बलुई पत्थर और मार्बल से बना ये मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता से यहां आने वाले लोगो मंत्रमुग्ध कर देती हैं। इस मंदिर में बड़े- बड़े 10 गेट हैं जिनकी सुंदरता देखने लायक हैं। इस मंदिर में प्रवेश भक्तिद्वार से किया जाता हैं। मंदिर प्रांगण में प्रवेश करने के बाद यहां भगवान स्वामी नारायण के पैरों की छाप हैं जिसके लोग दर्शन करते इस मंदिर में आने वाले सभी दर्शनार्थियों का मुख्य आकर्षण बिंदु यहां होने वाली फाउंटेन शो होती हैं। मधुर संगीत और खूबसूरत लाइटों के साथ होने वाली ये फाउंटेन शो यहां आने वाले दर्शकों को बहुत पसंद आती है। बच्चे इसका काफी लुफ्त उठाते हैं। दिल्ली का ये अक्षरधाम मंदिर अध्यात्म और आकर्षण का अद्भुत संगम हैं।
लोटस टेंपलदिल्ली के प्रतिष्ठित पर्यटक आकर्षण इस्कॉन मंदिर के पास स्थित लोटस टेंपल बहाई धर्म को मानने वाले लोगों का पूजा स्थल है जहां सभी धर्म के लोग प्रवेश कर सकते हैं। कमल के आकार में बने इस मंदिर में संगमरमर से बनी 27 पंखुड़ियां है। वास्तुकला के इस चमत्कार ने अपने डिजाइन के लिए कई पुरस्कार जीते हैं और आज भी इसकी दुनियाभर में प्रशंसा होती है। टेंपल के चारो ओर 9 तालाब हैं, प्राकृतिक रोशनी में मंदिर की छवि और सुंदर दिखने लगती है। इसे बनाने का मकसद एक ऐसी जगह बनाना था जहां सभी धर्मों के लोग आकर प्रार्थना कर सकें। बहाई विशेष रुप से धार्मिक होते हैं लेकिन ये धर्मनिरपेक्षता को ज्यादा मानते हैं। मंदिर का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था।
इंडिया गेट यह स्थान प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में बनवाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए की इस पर उन शहीदों के नामों को भी लिखा गया है। अगर आप दिल्ली दर्शन के लिए आए है तो इस जगह को भूल नहीं सकते। दिन-रात,आँधी-तूफान, साल के हर एक दिन यहाँ जलती अमर जवान ज्योति उन वीरों की दास्तान बयान करती है। अपने देश प्रेम को थोड़ा जाग्रित करते हुए आप इसकी वीरता के गवाह बन सकते है। आसपास का बगीचा भी व हर वक्त होती चहल-पहल भी आपको अपनी तरफ खिंचेंगी।
रेल म्यूजियमराजधानी दिल्ली में स्थित रेल म्यूजियम 10 एकड़ के बड़े क्षेत्रों में फैले अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने जाने या पिकनिक मनाने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां पर स्थित पौराणिक समय के रेल इंजन एवं रेल बोगी देखने में काफी ज्यादा आकर्षक लगते हैं। इन पौराणिक समय के ट्रेन की सवारी भी आप कर सकते हैं। हरे-भरे घास के मैदान एवं बड़े छोटे पौधे आपको बहुत ज्यादा पसंद आएंगे।
इस्कॉन मंदिरदिल्ली में घूमने की जगह इस्कॉन मंदिर भगवान् श्री कृष्ण ओर राधे मां का बहुत ही भव्य मंदिर है। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यहां का माहौल अलग ही होता है। बहुत सारे लोग यहां प्रभु के दर्शन करने आते हैं। शाम के समय यहां पर की गई लाइटिंग इस मंदिर को बहुत ही शोभित कर देती है ये मंदिर आप का मन मोह लेगा। इस मंदिर कि स्थापना 1998 में अच्युत कनविंडे द्वारा की गई है। इस मंदिर में एक संग्रहालय भी है जो मल्टी मीडिया शो का आयोजन करता है जिसमें रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य प्रदर्शित किए जाते है।
हुमायूं का मकबरायूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल यह मकबरा, ताजमहल से पहले मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहण पेश करता है। आगरा में बने स्मारक की तरह यह भी चारबाग (चार कोनों का बगीचा) से घिरा है इसमें पानी की छोटी नालियों के साथ केन्द्र में समाधि स्थल बना है। मुगल बादशाह हुमायूं की मृत्यू के 9 साल बाद सन 1565 में बने इस मकबरे का निर्माण उनकी विधवा बेगा बेगम ने करवाया था। खूबसूरत मकबरे में संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर का अच्छा इस्तेमाल किया गया है।
ओखला पक्षी अभयारण्य ओखला पक्षी अभ्यारण 300 से भी अधिक अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों का बसेरा है। हरे-भरे घास के मैदानों एवं बड़े-बड़े पेड़ों के पास स्थित तलाब एवं यहां पर आने वाले रंग बिरंगे पक्षियों को देखना पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग से कम नहीं है। यहां पर अक्सर लोग अपने फैमिली बच्चे के साथ घूमने आया करते हैं। यह जगह फोटोशूट के लिए भी काफी अच्छी हैं। इसके अलावा यह जगह पिकनिक स्पॉट के लिए एक प्रमुख जगह मानी जाती है।
वेस्ट टू वंडर पार्क दिल्ली के आकर्षण के अतिरिक्त, वेस्ट टू वंडर पार्क में औद्योगिक और कचरे से निर्मित दुनिया के प्रतिष्ठित सात अजूबों की प्रतिकृतियां हैं। दुनिया के अपने तरह के थीम पार्क में से एक, राजीव गांधी स्मृति वन में इसका उद्घाटन किया गया था। यहां पर 150 टन कचरे से दुनिया के सात अजूबे बनाए गए हैं, जिसके साथ पर्यटक सेल्फी क्लिक कर सकते हैं। यह जानकर आश्चर्य होता है कि बॉलीवुड फिल्म “बद्रीनाथ की दुल्हनिया” में प्रदर्शित होने के बाद वेस्ट टू वंडर पार्क का विचार कोटा के सेवन वंडर्स पार्क से शुरू हुआ था।