इस बार सर्दियों को बनाए यादगार, दोस्तों के साथ इन जगहों पर घूमने का बना ले प्रोग्राम

भारत में सर्दियों का आनंद लेने के लिए शरद ऋतु की संज्ञा दी जाती है। शरद यानी सर्दियों का मौसम भारत के कई इलाकों में यूं तो साल भर बना रहता है किन्तु विशेषकर नवंबर से फरवरी के बीच में भारत में सर्दियां अपने चरम पर होती है। सर्दियों के महीनों को देश भर में यात्रा करने का एक अच्छा समय माना जाता है। खासतौर पर उन क्षेत्रों में जिन्हें गर्मियों में घूमकर नहीं देखा जा सकता है। भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक के राज्यों में आप सर्दियों का आनंद ले सकते हैं। गुलमर्ग में बर्फ से ढके पहाड़ों से लेकर जैसलमेर की सुनहरी रेत के ट्यूनों तक, मुन्नार में सुगंधित चाय बागानों से लेकर, अंडमान के समुद्री तटों की चहल-पहल सर्दियों में आपकी खुशियों को दूगना कर देगीं। तो आज हम आपको कुछ बेहद ही शानदार जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें आप अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। ये जगहें दोस्तों या फैमिली के साथ घूमने के लिए एकदम बेस्ट हैं, यहां का नजारा देखकर दिल खुश हो जाता है।

राजस्थान

राजस्थान छुट्टियों के गंतव्य के रूप में पर्यटकों, विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों के बीच न बहुत लोकप्रिय है। सर्दियों के दौरान, राजस्थान में चरम मौसम परिवर्तन का अनुभव होता है, जिसे पर्यटकों के बीच बहुत सुखद माना जाता है। सर्दियों में राजस्थान घूमने की बात ही कुछ और ही होती है। उत्तरी भारत की और जगहों की तरह ही राजस्थान में भी अच्छी ठंड का अनुभव होता है, पर यह ठंड दुनिया के पश्चिमी प्रदेशों के मुक़ाबले थोड़ी हल्की होती है। सदीं में सुनहरे पत्थरों से बना जैसलमेर किला राजस्थान में दूसरा सबसे पुराना किला है और बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहां का किला है। माउंट आबू राजस्थान में एकमात्र पहाड़ी स्टेशन है, जो हनीमून पर आए जोड़ों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यह स्थल राजस्थान के अन्य स्थलों की अपेक्षा अधिक ठंडा रहता है। जो एकांत पसंद करते उनके लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं।

रेगिस्तान के किनारे बसा जोधपुर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। कानरा झील, उम्मेद भवन को देखने पर्यटक खास तौर पर आते हैं। बल्यू सिटी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है। सर्दियों के मौसम में जोधपुर और जैसलमेर घूमने का अपना ही आनंद है। जैसलमेर में दूर तक फैला रेगिस्तान किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकता है।

गुलमर्ग

सर्दियों में घूमने के लिए गुलमर्ग बेस्ट डेस्टिनेशन है। यदि आपको भारी बर्फबारी, गर्म चॉकलेट और बोनफायर पसंद हैं, तो गुलमर्ग शायद आपके लिए सबसे अच्छे सर्दियों के स्थलों में से एक है। यहां की अपर्वथ चोटी स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी स्नो एक्टिविटीज के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है। अगर आप यहां और एडवेंचर चाहते हैं तो ट्रैकिंग भी एक बेस्ट ऑप्शन है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले गुलमर्ग में तो पारा शून्य से 15 डिग्री से नीचे तक चला जाता है। ऐसे मौसम में भी यहां बड़ी संख्या में लोग बर्फ बारी का आनंद लेने पहुंचते हैं। सर्दी के मौसम में गुलमर्ग स्कीईंग करने वालों की भी पहली पसंद बन जाता है। धरती पर चादर की तरब फैली बर्फ मन का आकर्षित करती है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित गुलमर्ग श्रीनगर से 57 कि।मी। की दूरी पर है। गुलमर्ग का मतलब फूलों का वन होता है। गुलमर्ग में एक बहुत ही खूबसूरत गोल्फ कोर्स है। ये गोल्फ कोर्स 1500 यार्ड में फेला है। इसका उद्घाटन सन 2011 में उमर अब्दुल्ला द्वारा किया गया था। गुलमर्ग में कई तरह के मिड्रेंज और लक्जरी होटल के साथ राज्य के स्वामित्व वाले कॉटेज और झोपड़ियों समेत अपने पर्यटकों के लिए कई प्रकार के आवास विकल्प हैं। कश्मीर में सर्दियों के दौरान यात्रा करने वाले अन्य लोकप्रिय स्थान पहलगाम, श्रीनगर और सोनामार्ग हैं। आप यहां सर्दियों में आकर अपनी छुट्टियों को आनंदपूर्ण बना सकते हैं।

गंगटोक

गंगटोक का शहर सिक्किम राज्य में सबसे बड़ा शहर है। पूर्वी हिमालय रेंज में शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगटोक सिक्किम जाने वाले पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण है। साल 1840 में एनचेय नाम के मठ के निर्माण के बाद, गंगटोक शहर प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में लोकप्रिय होना भी शुरू हो गया। बौद्ध तीर्थयात्रियों से लेकर ट्रेकर्स तक, पर्यटकों से लेकर हनीमून मनाने वालों तक, हर तरह के यात्री यहां कुछ न कुछ देख सकते हैं। गंगटोक में बर्फबारी नहीं होती है, लेकिन तापमान 4 डिग्री तक गिर जाता है।

18वीं सदी के बाद से सिक्किम में गंगटोक एक महत्वपूर्ण शहर के रूप में बना हुआ है। वर्ष 1894 के दौरान उस समय के सत्तारूढ़ सिक्किम चोग्याल, थुटोब नामग्याल ने सिक्किम को राजधानी के रूप में घोषित किया, 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद गंगटोक की राजधानी होने के साथ-साथ सिक्किम एक स्वतंत्र राजशाही के रूप में भी कार्य करता रहा। गंगटोक में प्रचलित संस्कृति खूबसूरत और अनूठी है। शहर लोकप्रिय हिन्‍दू त्‍योहार दीवाली, दशहरा, होली और क्रिसमस की तरह विभिन्न स्थानीय त्योहार भी मनाता है। गंगटोक में तिब्बतियों के लिए नववर्ष समारोह जनवरी और फरवरी के आसपास होता है। उसे लोसर कहा जाता है और यह पारंपरिक 'शैतान डांस' के साथ मनाया जाता है।

सिक्किम पर्यटन विभाग दिसंबर के महीने में गंगटोक में हर साल एक वार्षिक खाद्य एवं संस्कृति उत्सव का आयोजन करता है। इस उत्सव में सिक्किम के बहु सांस्‍कृतिक व्‍यंजनों के स्‍टॉल लगाये जाते हैं, जहां पारंपरिक ढंग से उन्‍हें सजाया जाता है। इस मौके पर दर्शकों के मनोरंजन के लिये संगीत एवं लोक नृत्य के प्रदर्शन किये जाते हैं।

औली

औली भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली ज़िले में स्थित एक नगर है। औली उत्तराखण्ड को देव भूमि भी कहा जाता है, औली को गढ़वाली में औली बुग्याल के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'घास का मैदान'। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ऑली, देश के सबसे फेमस स्कीइंग डेस्टिनेशन्स में से एक है और यह जगह लंबे समय से टूरिस्ट्स और अडवेंचर पसंद करने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। स्कीइंग करने के अलावा आप यहां नंदा देवी, माना पर्वत और कामत जैसे पर्वत श्रृंखलाओं को भी देख सकते हैं। सूर्य की सुनहरी किरणें जब बर्फ से ढकी इन पहाड़ियों पर पड़ती है तो उस नजारे को देखना किसी सपने के हकीकत में बदलने जैसा होता है। वैसे तो आप साल के 365 दिन ऑली जा सकते हैं लेकिन चूंकि ऑली स्नो स्कीइंग के लिए फेमस है लिहाजा अगर आप भी स्कीइंग के इरादे से ऑली जाना चाहते हैं तो नवंबर से मार्च के बीच का समय सबसे बेस्ट रहेगा। दिसंबर से फरवरी के बीच भारी बर्फबारी की वजह से यहां का वातावरण बहुत ज्यादा ठंडा रहता है।

अंडमान द्वीप समूह

अंडमान निकोबार में तापमान पूरे साल अच्छा होता है और तापमान में परिवर्तन बेहद कम होता है। उष्णकटिबंधीय द्वीप होने के कारण अंडमान और निकोबार में ज्यादा सर्दी नहीं पड़ती है। उष्णकटिबंधीय जंगलों से घिरा हुआ और नारियल और ताड़ के पेड़ के साथ ढके हुए, अंडमान द्वीप समूह अपने आगंतुकों के लिए मील की दूरी पर प्राचीन समुद्र तटों की पेशकश करता है। यहां पर पाए गए विदेशी समुद्री जीवन का आनंद लेने और अन्वेषण करने के लिए शीतकालीन महीनों भी सबसे अच्छे महीने हैं। यहां के समुद्र अन्य जगहों से साफ और सुंदर होते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के द्वीप राज्य के पर्यटन को मजबूती देते हैं। खूबसूरत द्वीपों में जॉली बॉय, हैवलॉक, क्लिन्क, चंथम, वाइपर, रोज, बारेन और रेड स्किन शामिल हैं। यहां के समुद्री तट अपने प्राचीन विस्तार और सुनहरी रेत की वजह से मनमोहक बन गए हैं। यह समुद्री तट सभी क्लेशों से आपके दिमाग को मुक्त और आत्मा को तरोताजा करने की ताकत रखते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं- राधानगर, करमातंग, रामनगर, हरमिंदर बे और कार्बिन्ज कोव टूरिज्म कॉम्पलेक्स।

अंडमान द्वीपसमूह सर्दियों के दौरान यात्रा करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग से हैवेलॉक द्वीप पर हाथियों के साथ तैरने के लिए, अंडमान में यह सब है। अंडमान द्वीप समूह में देश के कुछ सबसे प्राचीन समुद्र तट हैं। इसके अलावा, यहां पर उष्णकटिबंधीय जलवायु इसे देखने के लिए सबसे आदर्श स्थानों में से एक बनाती है, खासकर यदि आप उत्तर में ठंडी सर्दियों से बचना चाहते हैं तो आप अंडमान आकर एक शानदार शांत समय व्यतीत कर सकते हैं।

केरल

केरल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आयुर्वेदिक चिकित्सा, कला-संस्कृति, मंदिरों, धार्मिक परम्पराओं, त्योहारों, ऐतिहासिक स्थलों, नारियल के पेड़ों और विभिन्न प्रकार के व्यंजन के लिए जाना जाता है। बारिश के समय के बाद केरल की हरियाली का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है। केरल में कई प्रकार के दर्शनीय स्थल हैं। इन स्थानों पर देश-विदेश से असंख्य पर्यटक भ्रमणार्थ आते हैं । मून्नार, नेल्लियांपति, पोन्मुटि आदि पर्वतीय क्षेत्र, कोवलम, वर्कला, चेरायि आदि समुद्र तट, पेरियार, इरविकुल्लम आदि वन्य पशु केंद्र, कोल्लम, अलप्पुषा, कोट्टयम, एरणाकुलम आदि झील प्रधान क्षेत्र (बैक वाटर रिजन) आदि पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण केंद्र हैं । केरल में प्रकृति के उत्साही लोगों के लिए सुंदर पहाड़ी स्टेशन, महासागर प्रेमियों के लिए सुनहरे समुद्र तट, पशु प्रेमियों के लिए विदेशी वन्यजीवन, अवकाश तलाशने वालों के लिए शांत बैकवाटर और शरीर, दिमाग और आत्मा के कायाकल्प के लिए आयुर्वेद मालिश और योग को आराम देने के लिए सब कुछ है। आगंतुक कुछ भी समझौता किए बिना अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर केरल में अपनी छुट्टियों को अनुकूलित कर सकते हैं।

गोवा

गोवा एक ऐसी जगह है जहां किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। यह भारत का परम समुद्र तट और पार्टी के लिए शानादर स्थल है। हालांकि इस छोटे से राज्य में जाने का कोई सबसे अच्छा समय है तो वो सर्दियों का समय है जब गोवा पर्यटकों से भरा हुआ है। क्योंकि यह वो समय होता है जब देश विदेश से पर्यटनक क्रिसमस और नववर्ष का जश्न मनाने एकत्र होते है। सर्दियों की शुरुआत के साथ, यह जगह रोमांचक संगीत त्योहारों, अद्वितीय समुद्र तट पार्टियों के रूप से पर्यटकों के पागलपन के साथ जीवंत और उत्साह से ओत-प्रोत हो जाती है। सर्दियों के मौसम के दौरान गोवा में बहुत कुछ करने को होता है। समुद्री तटों, शानदार झरनों, राजसी किलों, विश्व धरोहर चर्चों, मंदिरों, मस्जिदों और आराम से बहने वाली नदी के परिभ्रमण में रोमांचक वन्यजीवन के साथ यहां कोई भी कभी भी नहीं ऊब सकता।

समुद्र तट, आकर्षक चर्च, मंदिर, पुराने किले और प्रकृति प्रेमियों को गोवा बहुत भाता है। सुंदर और साफ समुद्र तट, लहराते पेड़, कर्निवाल, मांडवी नदी के तट पर क्रूज की सवारी का आनंद उठा सकते हैं। दिसंबर माह में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह गोवा है। कई पर्यटक तो लजीज सी-फूड और सबसे लोकप्रिय पेय फेनी का मजा लेने के लिए खासतौर पर गोवा आते हैं। आप भी गोवा के इस जश्न में शामिल होकर अपनी छुट्टियों का आनंद ले सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में शिमला और मनाली भारत के सबसे लोकप्रिय पहाड़ी स्टेशन हैं। शिमला और मनाली दोनों दिसंबर के मध्य में उच्च मात्रा में स्नो फॉल के लिए जाने जाते हैं। सर्दियों के मौसम में यहां का नजारा अद्भुद होता है। बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़ होकर इसका दिवाना बना देगें। भारत में यह लोकप्रिय शीतकालीन गंतव्य बना गए है। सर्दियों के महीनों में आप शिमला का आनंद अपने साथियों, दोस्तों, परिवार और यहां तक कि अकेले भी ले सकते हैं। ये स्कीइंग करने के लिहाज़ से भी कमाल की जगह है। शिमला अपने कई खूबसूरत पर्यटन स्थलों, शॉपिंग के लिए मॉल रोड और छोटे कैफे के साथ अधिक वाणिज्यिक है।

मनाली को रंगबिरंगे फूलों की घाटी भी कहा जाता है। बर्फ गिरने के कारण दिसंबर के महीने में यहां हरियाली दूर-दूर तक देखने को नहीं मिलती। पहाड़ों, पेड़ों और घरों पर बर्फ की सफेद चादर फैली होती है। आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, स्कीइंग, पैरा ग्लाइडिंग आदि का मजा ले सकते हैं। मनाली में बर्फबारी की खूबसूरत नजारा देखने के लिए सैलानियों की भीड़ दिसंबर में बढ़ने लगती है।

यदि आप एक शांत शीतकालीन अवकाश की तलाश में हैं तो धर्मशाला और मैक्लॉडगंज आपके लिए आदर्श जगह हैं। दौलाधर रेंज में स्थित, धर्मशाला को दलाई लामा के गृहनगर के रूप में भी जाना जाता है। दूसरी ओर मैक्लॉडगंज धर्मशाला से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है और यह एक पूरी तरह से अलग अनुभव है। तिब्बती और बौद्ध संस्कृति से काफी प्रभावित, इन दो बहन पहाड़ी स्टेशनों को सर्दियों के दौरान जाना चाहिए। वे छुट्टियों और स्वयंसेवकों दोनों के लिए विदेशियों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में प्रकृति से जुड़े कई स्थल है जहां आप सर्दियों का शानदार अनुभव कर सकते हैं। इस सर्दी में यदि आप हाथी की सवारी में अधिक रुचि रखते हैं, जंगल सफारी और बाघ स्पॉटिंग तो उत्तराखंड आपके लिए जगह है। सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यान के रुप में विख्यात जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आप जा सकते है। उत्तराखंड मंदिर, झीलों, नदियों और सुंदर परिदृश्य से भरा भूमि है। हालांकि ग्रीष्मकाल भी इस राज्य की यात्रा के लिए एक अच्छा समय है, सर्दियों अपने आगंतुकों को एक पूरी तरह से अलग अनुभव प्रदान करता हैं।

भारत के सभी अन्य पहाड़ी स्टेशनों की तरह, मसूरी, नैनीताल और औली सर्दियों के महीनों के दौरान बर्फबारी की उच्च मात्रा प्राप्त करते हैं। देहरादून से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर स्थित, मसूरी पर्यटकों के बीच एक सर्दी गंतव्य के रूप में बहुत लोकप्रिय है। दिसंबर के महीने के दौरान बर्फ की एक मोटी कंबल में शामिल, मसूरी बर्फ से ढके हिमालय और दून घाटी के चमकदार दृश्य पेश करता है।

हिमालय की गोद में बसा नैनीताल समुद्र तल से तकरीबन 2000 मीटर की ऊंचाई पर है। इस ऊंचाई के कारण ही यहां का तापमान सालभर लगभग थोड़ा ठंडा ही रहता है। अगर आप बर्फ़ से ढकी चोटियां देखना चाहते हैं और सर्दियों का सुखद अनुभव करना चाहते हैं तो नैनीताल एक बेमिसाल जगह है।

यदि आप एक रोमांचक स्कीइंग अवकाश की तलाश में हैं, तो उत्तराखंड में स्की के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक औली है। उत्कृष्ट स्कीइंग सुविधाओं के साथ, इसमें कुछ बेहतरीन ढलान हैं - दोनों शौकिया और कुशल स्कीयर के लिए।