मध्य पूर्व गुजरात मे स्थित बड़ोदरा जिसे बड़ौदा भी कहा जाता है एक बड़ा सांस्कृतिक एवं व्यापारिक नगर है। इस शहर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। विश्वामित्र नदी और स्थित इस शहर में बरगद के पेड़ बड़ी संख्या में थे जिस कारण से इस शहर को पहले वरदपत्रा और फिर वडोदरा कहा जाने लगा। यह शहर 1300 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां घूमने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थान हैं आइये जानते हैं उनमें से कुछ स्थानों के बारे में... सयाजी गार्डन
45 एकड़ में फैला हुआ यह गार्डन पश्चिमी भारत का सबसे बड़ा गार्डन है। यहां 100 से भी ज्यादा वनस्पतियों की किस्में लगाई गई हैं। यहां दो संग्रहालय व एक चिड़ियाघर भी है। इस बाग को 1879 में महाराजा सयाजीराव तृतीय ने बनवाया था। इस पार्क को कमाती बाग के नाम से भी जाना जाता है। चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क
इस जगह का पुरातत्व के साथ साथ आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है कहा जाता है कि हनुमान जी लंका जाते समय हिमालय से पर्वत का टुकड़ा उठा ले गए थे जो पावागढ़ ही है।यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व विरासत स्थल भी है। नजरबाग पैलेस
वडोदरा से 3 किलोमीटर की दूरी पर यह महल स्थित है यहां रात को सजावट देखते ही बनती है। सूरसागर झील
शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर यह झील है। शहर के भीड़ भरे वातावरण से दूर यहां काफी शांति मिलती है। यहां शिव जी की 120 फ़ीट ऊंची प्रतिमा भी लगी हुई है। लक्ष्मी विलास महल
यह महल इस शहर का सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थल है। कई महलों के समूह के रूप में यह महक सन 1890 में बनकर तैयार हुआ। मराठा शासक महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय के द्वारा यह महल बनाये गए जो कि विस्तार में बकिंघम पैलेस से चार गुना हैं। यहां कई अन्य महल व संग्रहालय भी हैं।