श्रीराम के वनवास काल की घटनाओं का साक्षी है चित्रकूट, जानें कब और कैसे करें यहां की सैर

चित्रकूट धाम उत्तर विंध्य रेंज में स्थित एक छोटा सा पर्यटन शहर है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट और मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिलों में स्थित है। भगवान श्रीराम के वनवास काल की अनेक घटनाओं का साक्षी चित्रकूट उत्तर प्रदेश में बांदा जिले में स्थित है। बता दें यही वह नगरी है। । जहां राम का भरत यानि उनके छोटे भाई से उनका मिलाप हुआ था।इस धरा पर आने वाला सैलानी यहां देखे जाने वाले नयनाभिराम द्श्यों को देखकर आनंदित हो उठता है ।उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं और घने वनों से घिरा 'चित्रकूट' बहुत ही खूबसूरत जगह। 'कई अचरजों की पहाड़ी' कहे जाने वाले इस जगह पर आप आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ सुकून की तलाश में भी आ सकते हैं और यहां आकर इन जगहों की सैर बिल्कुल मिस न करें ।

गुप्त गोदावरी

चित्रकूट में घूमने वाला स्थान गुप्त गोदावरी राम घाट के दक्षिण में 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक आकर्षित गुफा है। माना जाता हैं कि गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक बारहमासी धारा निकलती हैं और गोदावरी नदी की और एक अन्य चट्टान में बहती हुई गायब हो जाती हैं। एक अन्य रहस्यमयी बात यह हैं कि एक विशाल चट्टान को छत से बाहर निकलते हुए देखा जाता है। कहते हैं कि यह विशाल दानव मयंक का अवशेष है।

रामघाट


मन्दकिनी के पश्चिम तट पर बने हुए घाटों के मध्य में स्थित घाट को रामघाट कहते हैं। बताया जाता है कि, इस घाट में भगवान राम ने स्नान किया था और अपने पिता राजा दशरथ की अस्थियों का विसर्जन किया था। हिंदू धर्म के अनुयायियों की ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। यहां पर बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। इसी के साथ लगा हुआ भरतघाट हैं जहां पर भरतजी ने स्नान किया था। पर्यटक घाट में गेरूआ वस्त्र धारण किए साधु-सन्तों को भजन और कीर्तन करते देख सकते है। शाम को होने वाली यहां की आरती मन को काफी सुकून पहुंचाती है।

मिनी खजुराहो

चित्रकूट के कर्वी में विनायक राव पेशवा का महल है। यहां से 4 किलोमीटर दूर सोनेपुर-कलेक्ट्रेट मार्ग से सिद्धपुर जाने वाले रास्ते पर गणेश बाग स्थित है। यहां स्थित मंदिर के अंदर व बाहरी हिस्से में मध्य प्रदेश के खजुराहो की स्थापत्य कला की तर्ज पर मूर्तियां हैं इसलिए इसे 'मिनी खजुराहो' कहते हैं।

जानकी कुंड

यह शांतिपूर्ण स्थल रामघाट से दो किमी की दूरी पर स्थित है। इस कुंड में माता जानकी जी स्नान किया करती थी।जानकी कुण्ड के समीप ही राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर है। रामघाट से यहां तक नाव से जाया जा सकता है। इसमें स्नान करने का धार्मिक महत्व है।

कैसे और कब जाएं


दिल्ली से चित्रकूट के लिए निकटतम हवाई अड्डे खजुराहो(मध्य प्रदेश), उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और लखनऊ में हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के जानकीकुंड में अंतरराज्यीय बस अड्डा है। झांसी-मानिकपुर रेलमार्ग पर चित्रकूटधाम कर्वी और मुंबई-हावड़ा रूट पर मानिकपुर रेलवे जंक्शन है। कर्वी निकटतम स्टेशन है, जबकि मानिकपुर की दूरी तीर्थक्षेत्र से करीब 35 किलोमीटर है।झांसी-मीरजापुर हाईवे पर कर्वी मुख्यालय में बस अड्डा है। यहां रूकने की भी अच्छी व्यवस्था है। उचित कीमत पर आप यहां ठहर सकते हैं। यहां आने के लिए जुलाई से मार्च तक बेहतर मौसम माना जाता है।