भारत को पर्यटन स्थल और वहाँ की विभिन्न तौर-तरीकों के लिए जाना जाता हैं। भारत में कई पर्यटन स्थल हैं जो कि इन गर्मियों के दिनों में घूमे जा सकते हैं लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन 'माउंट आबू' के बारे में जो कि पर्यटन के लिए जाना जाता हैं। यहाँ का पहाड़ी इलाका इसको बेहद ही आकर्षक बनाता हैं। इसलिए आज हम आपको माउंट आबू के उन पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि इस जगह के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। तो आइये जानते हैं माउंट आबू के पर्यटन स्थलों के बारे में।
* नक्की झील नक्की झील माउंट आबू का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जहाँ से खूबसूरत प्राकृतिक नजारा देखने को मिलता है। यहाँ आप बोटिंग का भी आनंद उठा सकते हैं। नक्की झील का भी अपना एक इतिहास है, दरअसल कहा जाता है की प्राचीन समय में एक रसिया बालम नाम का व्यक्ति माउंट आबू में काम की तलाश में आया था और उसे यहाँ के राजा की बेटी से प्यार हो गया। जब राजा के सामने ये बात आई तो उसने ये शर्त रखी की अगर रसिया बालम एक रात में अपने नाखूनों से झील बना दे तो वो अपनी बेटी से उसकी शादी करा देंगे। रसिया बालम ने राजकुमारी को पाने के लिए एक ही रात में अपने नाखूनों से झील खोद दी। इसी वजह से इस झील का नाम नक्की झील पड़ा।
* सनसेट पॉइंट माउंट आबू के सनसेट पॉइंट से सुबह और शाम को सूरज उगने और अस्त होने का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है और इसी कारण सुबह और शाम के समय ज्यादातर पर्यटक यहाँ का रुख कर लेते हैं।
* गुरु शिखर गुरु शिखर अरावली पर्वत शृंखला की सबसे ऊँची चोटी है और यहाँ से माउंट आबू का सर्वश्रेस्ट नजारा देखने को मिलता है। माउंट आबू से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुरु-शिखर पर गुरू दत्तात्रय मंदिर है इसके अलावा यहाँ मंदिर शिव मंदिर, मीरा मंदिर और चामुंडी मंदिर भी प्रमुख हैं।
* म्यूजियम और आर्ट गैलरी कला प्रेमियों के लिए ये ख़ास स्थान है जहाँ एक राजभवन है और उसमे कई तरह की शानदार आर्ट गैलरी देखने को मिलती है और यहाँ के म्यूजियम में कई प्राचीन वस्तुओं को देखने का मौका मिलता है।
* माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य माउंट आबू का वन्यजीव अभ्यारण्य भी पर्यटकों को ख़ास लुभाता है। यहाँ के जंगलों में तेंदुए, गीदड़, जंगली बिल्लियां, सांभर, भारत कस्तूरी बिलाव आदि देखने का मौका मिलता है।
* टोड रॉक ये स्थान भी पर्यटकों को ख़ास लुभाता है, यहाँ एक ऐसी चट्टान है जो मेंढक के आकार जैसी है मानों कोई मेंढक नदी में कूदने वाला हो। इसी के नजदीक एक और चट्टान है जिसे नन रौक कहा जाता है और ये चट्टान ऐसी लगती है मानों कोई स्त्री घूँघट निकाले हुई है।