एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए हवाई सफ़र को ज्यादा तरजीह दी जाती हैं क्योंकि इसमें कम समय लगता हैं। दुनियाभर में हर दिन लाखों लोग फ्लाइट से सफ़र करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो हर दूसरे-तीसरे दिन हवाई जहाज की यात्रा करते हैं। निरंतर यात्रा करने के बावजूद हवाई जहाज एवं हवाई यात्रा के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं जिनसे अधिकांश लोग अनजान हैं। वास्तव में हवाई जहाज से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं, जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। उड़ान के दौरान ऐसा बहुत कुछ होता है जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं देता हैं। ऐसे कई राज हैं जिन्हें एयरलाइंस कंपनियां छिपा कर रखती है। आज इस कड़ी में हम आपको फ्लाइट से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्यों जलाई जाती हैं डिम लाइट्स
अक्सर लोगों को लगता है कि फ्लाइट में धीमी लाइट्स इसलिए जलाई जाती हैं ताकि यात्रियों की आंखों को आराम मिल सके और वे सही तरीके से सोते हुए अपना सफर तय कर सकें। हालांकि ऐसा नहीं है। इन सब कारणों से अलग ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पॉवर सप्लाई में बचत हो सके। दरअसल, रन-वे पर लैंडिंग या टेक ऑफ के दौरान प्लेन को एक्स्ट्रा पॉवर की जरूरत होती है जिसकी वजह से फ्लाइट में जल रही सभी लाइट्स एकदम से बंद हो जाती हैं और उनकी जगह पर धीमी लाइट्स जल जाती हैं।
15 मिनट ही काम करते हैं ऑक्सीजन मास्कफ्लाइट में हवा का दबाब कम होने या ऑक्सीजन कम होने पर एमरजेंसी में काम आने के लिए एयरलाइंस में ऑक्सीजन मास्क की सुविधा होती है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि कुछ मामलों ये बिल्कुल बेकार साबित होते हैं। फ्लाइट में आपको एयरहोस्टेस इस बात की जानकारी जरूर देती हैं कि इसका इस्तेमाल करना कैसे है, लेकिन ये मास्क 15 मिनट से ज्यादा काम नहीं करते। इसके बाद ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है, जिसकी वजह से हाइपर वेंटिलेशन की स्थिति बनने लगती है।
पायलट्स को नहीं मिलता पैसेंजर्स वाला खानाक्या आप जानते हैं कि फ्लाइट में आपको जो खाना मिलता है वो पायलट को मिलने वाले खाने से अलग होता है? ऐसा इसलिए क्योंकि फ्लाइट में पायलट्स की सेहत का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है। हवाई सफर के दौरान उन्हें केवल हल्क-फुल्का खाना ही परोसा जाता है जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है। वहीं अगर पायलट्स को भी यात्रियों की तरह तला, भुना या ज्यादा मसालेदार भोजन दिया जाए तो वे पेट खराब होने की वजह से टॉयलेट में ही बैठे रह जाएंगे। ऐसे में आपको लैंड कौन करवाएगा, सोचने वाली बात है!
हवाई जहाज की खिड़की में होता है एक छोटा अदृश्य छिद्र हवाई जहाज की खिड़की में एक छोटा अदृश्य छिद्र होता है जो खिड़कियों के बीच वायु के दबाव को नियंत्रित करता है और उन्हें कोहरे से मुक्त रखता है। हवाई जहाज की खिड़कियां ऐक्रेलिक सामग्री से बनाए जाते हैं और इसमें तीन फलक होते है। बाहरी और भीतरी फलक हवाई जहाज के अन्दर और बाहर हवा के दवाब को नियंत्रित करते हैं, जबकि मध्य फलक में स्थित अदृश्य छिद्र बाहरी और भीतरी फलक के बीच हवा के दवाब को विनियमित करता है।
ऊंचाई पर ले जाकर सो जाते हैं पायलटसोचिए कि आप एक प्लेन में बैठे हों और आपका पायलट सो जाए तो कैसा रहेगा? सुनने में यह थोड़ा डरावना है लेकिन यही सच है। दरअसल, ऊंचाई पर जाने के बाद प्लेन के अंदर एयर पॉकेट बनने लगता है जिसकी वजह से पायलट को नींद आने का अहसास होता है। ऐसे में पायलट सोने से पहले प्लेन का ऑटो पायलट मोड ऑन कर देता है लेकिन घबराइए नहीं एक पायलट के सोने के बाद दूसरा पायलट जगा रहता है। इस तरह पायलट के सो जाने के बाद भी प्लेन आराम से हवा में उड़ता रहता है।
प्लेन में कैमरा अगर आप और आपका साथी ये सोच रहे हैं कि प्लेन में कोई भी नहीं है और आप कहीं भी सीट बदलकर बैठ सकते हैं या कुछ भी छेड़छाड़ फ्लाइट में कर सकते हैं, और आपको ऐसे में कोई भी नहीं देख रहा है, तो आप एकदम गलत हैं। लगभग हर फ्लाइट में छिपे हुए कैमरे होते हैं, जो अपने यात्रियों की एक्टिविटीज पर नजर रख रहे होते हैं।
कॉकपिट में होता हैं आपातकालीन निकास द्वार हवाई जहाज में यात्रियों के लिए कई आपातकालीन द्वार होते हैं जिनके माध्यम से वे दुर्घटना की स्थिति में बाहर निकलते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आपातकालीन स्थिति में पायलटों को विमान से बाहर निकालने हेतु विमान के कॉकपिट में एक निकास द्वार होता है जो विभिन्न प्रकार के हवाई जहाजों में अलग-अलग बिंदुओं पर स्थित होता है।
किसी की मृत्यु होने पर अगर किसी की उड़ान में मृत्यु हो जाती है, तो अधिकांश विमानों में एक विशेष क्षेत्र नहीं होता है जहां लैंडिंग तक शव रखा जाएगा। बीबीसी के अनुसार, अधिकांश मामलों में, मृत यात्री को उनकी रिजर्व सीट पर वापस ले जाते हैं, यदि कोई खाली सीट नहीं है, तो शरीर को कंबल से लपेटकर लिटा दिया जाता है।