ओडिशा के ये 10 दर्शनीय स्थल देते है सैलानियों को घूमने का पूरा मजा, जानें इनके बारे में

जब भी कभी ओडिशा का नाम लिया जाता हैं तो चार धाम में से एक पुरी में जगन्नाथ धाम और कोणार्क का सूर्य मंदिर का नाम जहन में आता हैं। लेकिन यहां इनके अलावा भी कई दर्शनीय स्थल हैं जो ओडिशा को पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन जगह बनाते हैं। ओडिशा को भारत का खजाना और भारत का सम्मान भी कहा जाता है जहां आस्था के साथ आपको ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक खूबसूरती से भरी जगहें भी देखने को मिलती हैं। आप ओडिशा जा रहे हैं और मंदिर के अलावा ओडिशा के अन्य दर्शनीय स्थलों की भी तलाश कर रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि आप यहां के किन बेहतरीन टूरिस्ट जगहों पर जाकर अद्भुत नज़ारों का आनंद उठा सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर को भला कौन नहीं जानता है। 12वीं शताब्दी में गंगा राजवंश के शासक द्वारा बनवाया गया ये मंदिर बरसों से रथ-यात्रा के लिए दुनियाभर के आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवताओं में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा हैं, जिनका दर्शन करने सैलानी लाखों की तादाद में यहां पहुंचते हैं। मंदिर शहर के बीचो-बीच एक ऊंचे चबूतरे पर बना है, जो करीब सात मीटर ऊंची दीवारों से घिरा है। इस मंदिर में कई रहस्य आज भी मौजूद हैं, जिस पर वैज्ञानिक भी आश्चर्य करते हैं। पुरी की संस्कृति इसके इतिहास, वास्तुकला, साहित्य, कला और शिल्प का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व है। यह राज्य अपनी वास्तुकला, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।

भुवनेश्वर

'मंदिरों का शहर' के रूप में जाना जाने वाला, भुवनेश्वर ओडिशा में घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। ओडिशा राज्य की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला यह स्थान लंबे समय तक राजा शिशुपाल के शासन में था। यह इतिहास, विरासत और शहरीकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस जगह में आपको अद्भुत मंदिर और उनपर किया गया काम, वन्यजीव अभयारण्य, गुफाएं आदि कई भव्य चीजें देखने को मिल जाएंगी। धौली हिल्स, उदयगिरि और खंडगिरी गुफाएं, रत्नागिरी बौद्ध उत्खनन, बिंदु सरोवर, नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।

कटक

कटक महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित शहर है, जो पहले ओडिशा की राजधानी हुआ करता था। यह शहर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। 1000 साल से भी अधिक के अपने इतिहास के लिए ये शहर सैलानियों के लिए खास शहर रहा है। महानदी बैराज, बाराबती का किला, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, अंसुपा झील, सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक होने के नाते आपको प्राचीन वस्तुओं, स्मारकों और हस्तशिल्प की भूमि से परिचित कराया जाता है, बनारसी को मध्यकालीन युग में कटक के रूप में जाना जाता था और वर्तमान में यह सिल्वर सिटी है, यही वजह है कि इस शहर को एक पर्यटन स्थल बना दिया है।

चिलका

ओडिशा के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक है चिलका। जो भी पर्यटक छुट्टियां बिताने राज्य में आते हैं, उनके लिए यह पसंदीदा स्थान है। ओडिशा में चिलका झील के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। इस वजह से ही ओडिशा आने वाले पर्यटक यहां जाए बिना नहीं रह सकते। हकीकत तो यह है कि ओडिशा की चिलका झील पूरे भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। यह पुरी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। ओडिशा की चिलका झील छिछली है। झील की लंबाई 70 किमी है, जबकि इसकी चौड़ाई 15 किलोमीटर। चिलका झील के मुख्य आकर्षण में से एक है, यहां सर्दियों में आने वाले प्रवासी पक्षी। प्रवासी पक्षियों में ज्यादातर साइबेरिया के होते हैं। इस दौरान यहां कई प्रजातियों के पक्षी देखने को मिल जाते हैं।

पुरी

पुरी पूर्वी भारत में ओडिशा राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर है, जो राजधानी से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है। ओडिशा के पुरी में कई खूबसूरत मंदिर मौजूद हैं और यही वजह है की ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को मंदिरों की नगरी कहा जाता है। ये जगह चार धाम यात्रा में भी महत्व मानी जाती है। अगर आप किसी समुद्री जगह पर छुट्टियां मनाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको एक बार पुरी जरूर जाना चाहिए। ये जगह चार धाम यात्रा में भी महत्व रखती है। पुरी बीच, पुरी बीच फेस्टिवल, पुरी जगन्नाथ मंदिर, चिल्का झील और पक्षी अभयारण्य, और गुंडिचा घर मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।

कोणार्क मंदिर

भारत के सात अजूबों में से एक कोणार्क सूर्य मंदिर वाकई अद्भुत नज़ारा पेश करती है। यहां की प्राचीन नक्काशी अभूतपूर्व है। कोणार्क एक छोटा और प्राचीन शहर है जो पुरी से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक छोटा शहर होने के बावजूद, कोणार्क भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। कोणार्क के आसपास कई प्राचीन स्मारक और मंदिर बने हुए हैं। इन्हें देखने के लिए देश-दुनिया के अलग-अलग कोनों से पर्यटक और पुरातत्वविद साल भर कोणार्क आते रहते हैं। शहर के पास बहने वाली चंद्रभागा नदी के तट पर बसा कोणार्क शहर मुख्य रूप से यहां स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। कोणार्क के आसपास बने सभी प्राचीन मंदिर विशाल और भव्य हैं। कोणार्क में बने मंदिरों और स्मारकों की विशालता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कोणार्क में बने लगभग सभी प्राचीन मंदिरों और स्मारकों पर विदेशी मुगल आक्रमणकारियों ने कई बार हमला किया था।

महेंद्रगिरि

ओडिशा के प्रमुख आकर्षणों में एक है- महेंद्रगिरि। गजपति जिले के पार्लाखेमुंडी इलाके में स्थित है महेंद्रगिरि। समुद्र की सतह से 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यह जगह। यहां से आसपास के मनोरम और हैरतअंगेज कर देने वाले नजारे दिखते हैं। आकर्षक पर्वत शृंखला, हरे-भरे जंगल, शांति के साथ बहती छोटी नदी महेंद्र तनया और यहां का खुशनुमा मौसम मिलकर महेंद्रगिरि को एक खूबसूरत जगह बनाते हैं। महेंद्रगिरि ने इस क्षेत्र के समृद्ध धार्मिक और पौराणिक इतिहास के अवशेष भी संजोकर रखे हैं। राधानाथ रे और कालिदास जैसे महान कवियों ने महेंद्रगिरि पर्वत की ऊंची चोटियों की खूबसूरती पर कई कविताओं की रचना की है। महेंद्रगिरि एक प्राचीन स्थल है, जो इस खूबसूरत जगह के पुरातत्विक अवशेषों को प्रदर्शित करने का दावा करता है।

जेपोर

जेपोरशहर 16वीं शताब्दी में सूर्यवंशी राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था, जो पूर्वी घाट पर्वतमाला के बीच स्थित है। प्रकृति प्रेमियों के लिए जेपोर ओडिशा के सबसे देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। पूर्वी घाट पर्वतमाला के बीच स्थित, जेपोर, उड़ीसा में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है, जो घने जंगलों, धुंध में छिपी घाटियों से युक्त है, और खूबसूरत झरने देश भर से यात्रियों को आकर्षित करते हैं। गुप्तेश्वर गुफाएं, सुनबेड़ा, देवमाली, दुदुमा जलप्रपात, जगन्नाथ सागर, हाथीपत्थर और कोलाब जलप्रपात यहां के प्रमुख आकर्षण माने जाते हैं।

उदयगिरि गुफाएं

उदयगिरि की गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई 18 गुफाएं हैं। यह प्राचीन काल की धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं। 135 फीट की ऊंचाई पर स्थित उदयगिरि पर्वत को प्राचीन काल में कुमारी पर्वत कहा जाता है। उदयगिरि की गुफाओं का निर्माण जैन तपस्वियों और विद्वानों के रहने के लिए किया गया था। जो सच और शांति की तलाश में दुनियावी खुशी को छोड़कर निकले हैं। उदयगिरि की गुफाओं की दीवारें मनुष्यों और जानवरों की खूबसूरत पेंटिंग्स से सजी हुई हैं। गुफाओं की कुछ दीवारों पर जैन धर्म के पवित्र ग्रंथों के साहित्य को अंकित किया गया है। उदयगिरि की हर गुफा का अपना एक अलग नाम है।

पारादीप

देश के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक, ऐतिहासिक पारादीप जगतसिंहपुर जिले में स्थित है। पारादीप का तटीय परिदृश्य खूबसूरत समुद्र तटों, घने जंगल, झरनों और किलों के साथ भरा पड़ा है। समुद्रतट के किनारे बसे देश के सबसे अच्छे गंतव्यों में से एक, पारादीप को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। पारादीप, महानदी और बंगाल की खाड़ी के मुहाने के इस खूबसूरत संगम पर आकर्षक रूप से विशाल जहाजों और अन्य समुद्री गतिविधियों को देखा जा सकता है। पारादीप बंदरगाह, गहिरमाथा अभयारण्य और समुद्र तट, प्रकाशस्तंभ, और झनकड़ी यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।