एलीफेंटा की गुफाएं, गुफाओं का एक समूह है जो कि एलीफेंटा द्वीप पर स्थित है। यह मुगलो के इतिहास को दर्शाता है। यह पहले घारापुरी नाम से जाना जाता था परंतु जब यहां हाथियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां पायी गई है तो इसका नाम "एलीफेंटा" रख दिया गया। यहां पर दो सामूहिक गुफाएं हैं जिसके पहले समूह में पांच हिंदू गुफाएं हैं, जिनमें पत्थरों को काटकर भगवान शिव के विभिन्न रूपों को दिखाया गया है। 6000 वर्ग फीट के क्षेत्रफल में फैली इन गुफाओं में हिन्दू और बौद्ध धर्म की झलक दिखाई देती है। एलीफेंटा की गुफाएं अपनी अति सुंदर और जीवंत मूर्तियों के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं।यह लोगो का अच्छा खासा पर्यटन स्थल है।
एलीफेंटा की गुफाएं मानव निर्मित नहीं हैं।
महाभारत काल में पांडवों ने निवास करने के लिए इस गुफा का निर्माण किया था।
हालांकि इसके बाद ये गुफाएं नवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी तक के
सिल्हारा वंश के राजाओं द्वारा निर्मित बताई जाती हैं। पुर्तगालियों को इन
गुफाओं में हाथियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां मिली थी जिसके बाद उन्होंने इस
स्थान का नाम एलीफेंटा रख दिया। एलीफेंटा की गुफाओं को वर्ष 1987 में
यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दर्जा प्राप्त हुआ था। यहाँ जाने के लिए
कुछ खास बातो का ध्यान रखना पड़ता है। जो इस प्रकार है।
1. एलीफेंटा की गुफाओं तक फैरी द्वारा पहुंचने के लिए शुल्क लगता है।
2. सोमवार के दिन यहां प्रवेश बंद रहता है।
3. एलीफेंटा की गुफाओं में घूमने का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होता है।
4. एलीफेंटा की गुफाओं में काफी बंदर घूमते रहते हैं, इनसे सावधान रहना चाहिये।